जिस तरह से मधुमेह कम उम्र में लोगों को होने लगी है वैसे ही पार्किंसन भी लोगों को कम उम्र में होने लगी है। जबकि ये 50 की उम्र पार करने वाले लोगों को होती थी। आंकड़ों पर विश्वास करें तो लगभग देश के 25 फीसदी मरीज़ 40 साल से कम उम्र के हैं। इस बीमारी के फैलाव को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसके प्रति सावधानी बरतने के लिए इसके लिए एक डे निर्धारित किया गया है। 11 अप्रैल को वैश्विक तौर पर वर्ल्ड पार्किंसंस डिज़ीज़ डे मनाया जाता है। इस दिन लोगों को इसके प्रति सचेत रहने के लिए जागरुक किया जाता है।
जरूरत है सतर्क होने की
सामान्य तौर पर ये बीमारी 50 की उम्र से अधिक के लोगों में होती है। लेकिन एम्स के अनुसार भारत में इसके रोगियों की संख्या में साल दर साल बढ़ोतरी हो रही है। इसके साथ गौर करने लायक बात ये है कि ये देश में 25% मामलों में 40 से कम उम्र के लोगों में देखी गई है। मतलब कि इसके 25% रोगी 40 साल से कम उम्र के हैं।
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इन लक्षणों से करें पहचान
- चलते हुए आपको अचानक से झटका लगता है और आप संतुलन नहीं बना पाते हैं। जिसके कारण आप गिर जाते हैं।
- आप कहीं भी आराम से बैठे हैं और आपको हाथों में अचानक से कंपकंपाहट महसूस होने लगे।
- अचानक से आवाज का धीमा होना। आवाज कंपकंपाने, लडख़ड़ाने, हकलाने लगे।
- आंखें चौड़ी हो जाती हैं मानो इंसान किसी को घूर रहा हो।
- चेहरा भावशून्य हो जाता है।
- खाना खाने और निगलने में तकलीफ होना।
- मुंह से पानी-लार अधिक निकलना।
- पेशाब करने में रुकावट आती है।
- पसीना अधिक आता है।
टेस्ट से नहीं पता चलता
इनमें से किसी भी तरह के लक्षण महसूस होने या दिखें तो सतर्क हो जाएं। क्योंकि इस बीमारी का पता लगाने की किसी भी तरह का टेस्ट भी नहीं होता। डॉक्टर इस बीमारी की पुष्टि मरीज के लक्षणों को देखकर करते हैं और फिर इसका इलाज शुरू करते हैं।
इन चीजों का ना करें सेवन
- हर बीमारी में आपको ये तो बताया जाता है कि किस चीज का सेवन करना चाहिए। लेकिन ये कोई नहीं बताता होगा की किस चीज का सेवन नहीं करना चाहिए। जबकि ये चीज सबसे ज्यादा जरूरी है। पार्किंसन बीमारी के लक्षणों को कम करने के लिए इन चीजों का सेवन बिल्कुल भी न करें।
- खमीर युक्त तथा सुखे हुए मांस-मछली
- बासी खाना
- बहुत दिनों पहले की रखी हुई चीज़
- खमीर-युक्त पत्तागोभी
- सोया उत्पादित खाद्य पदार्थ जैसे टोफू, सोया सॉस
- बीयर व रेड वाईन
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ये खाएं
- ताजे फल और सबिजयां
- फाइबर रेशे युक्त भोजन
- दूध और बादाम
नियमित तौर पर घूमें
इस बीमारी से बचने के लिए रोज सुबह नियमित तौर पर घूमें। इससे कब्ज की समस्या नहीं होती और पाचन तंत्र सही रहता है। जिससे दिमाग पर असर नहीं पड़ता और पार्किंसन बीमारी का खतरा नहीं रहता।
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