पोस्टपार्टम डिप्रेशन को कैसे कम करें? जानें आसान टिप्स

पोस्टपार्टम डिप्रेशन यानी शिशु की डिलीवरी के बाद होने वाले डिप्रेशन से जूझ रही महिलाएं इन टिप्स की मदद से खुश रह सकती हैं।
  • SHARE
  • FOLLOW
पोस्टपार्टम डिप्रेशन को कैसे कम करें? जानें आसान टिप्स

शिशु के जन्म के बाद अचानक आई जिम्मेदारियों, शारीरिक बदलाव, मानसिक बदलाव और इमोशनली कमजोर होने के कारण महिलाओं को  पोस्टपार्टम डिप्रेशन की समस्या हो जाती है। महिलाओं को पोस्टमार्टम डिप्रेशन के दौरान उदासी, बात बात पर रोना, निगेटिव ख्याल आना और चिड़चिड़ापन आदि समस्याएं हो सकती हैं।  कई महिलाओं में ये समस्या ज्यादा लंबी चलती है और कई महिलाओं में ये जल्दी ही ठीक हो जाती है। पोस्टपार्टम डिप्रेशन डिलीवरी के तुरंत बाद और करीब 4 हफ्तों के अंदर होता है। कई बार महिलाएं पोस्टपार्टम डिप्रेशन से बाहर निकलने के लिए कई तरह की दवाइयों का सेवन करती हैं। लेकिन ध्यान रखें कि किसी भी दवा का सेवन बिना डॉक्टर की सलाह पर न करें।  इसके अलावा महिलाएं कुछ तरीके आजमा कर भी पोस्टपार्टम डिप्रेशन को आसानी से कम कर सकती हैं। आइए जानते है उन तरीकों के बारें में।

परिवार और दोस्तों से बात करें

पोस्टपार्टम डिप्रेशन से बचने के लिए महिलाओं को परिवार और दोस्तों से बात करने की कोशिश करनी चाहिए। ऐसे लोगों से बात करें, जिनसे बात करके आपको खुशी मिले। ऐसे दोस्तों और परिवार वालों से बात करके मदद लें, जो इस समय से गुजर चुके हों। उनसे बात करके सलाह लें। उनकी बातों को सुनें और उनके अनुभवों को इस्तेमाल करें।

डाइट का रखें ध्यान

शरीर में कमजोरी रहने से भी कई बार महिलाएं पोस्टपार्टम डिप्रेशन का शिकार हो जाती हैं। ऐसे में खुद को हेल्दी रखने के लिए डाइट का विशेष ख्याल रखें। फाइबर, कैल्शियम और प्रोटीन रिच डाइट को दिनचर्या में शामिल करें। फाइबर ज्यादा लेने से पेट अच्छे से साफ होगा और पाचन तंत्र मजबूत होगा। खुद को समय-समय पर हाइड्रेट रखना भी आवश्यक है।

दूसरों की मदद लें

मां बनते ही शिशु की सारी जिम्मेदारियां खुद ही न लें। शिशु की केयर के लिए परिवारजनों की मदद लें। शिशु को दूध पिलाने के बाद शिशु को घर के और सदस्य को भी दें। अगर शिशु रात को ठीक से नहीं सो रहा है, तो ऐसे समय में परिवार के किसी ऐसे सदस्य को अपने साथ रखें, जो रात में थोड़ी देर जगकर शिशु को संभाल सके। ऐसे में आपकी नींद भी पूरी हो जाएगी।

वॉक करें

महिलाओं को पोस्टपार्टम डिप्रेशन से बचने के लिए घर की छत, बालकनी या आसपास किसी पार्क में जाकर वॉक करना चाहिए। वॉक का ऐसा समय निर्धारित करें, जिस समय शिशु सोता है। वॉक करने से आपका लोगों से मिलना -जुलना होगा, जिससे आपको अपने दिमाग को डायवर्ट करने में मदद मिलेगी।

इसे भी पढ़ें- पेट फूलने की समस्या दूर करेगी अजवाइन, ऐसे करें सेव

भरपूर नींद लें

कई बार नींद की कमी की वजह से भी महिलाओं में पोस्टपार्टम डिप्रेशन हो जाता है। अगर रात में शिशु नहीं सोता है, तो दिन में लेकर उस सोंए। शिशु को संभालने के लिए घर के किसी और व्यक्ति की मदद भी ले सकते हैं। नींद की कमी की वजह से कई बार चिड़चिड़ापन भी हो जाता है।

पोस्टमार्टम डिप्रेशन के लक्षण हर महिला में अलग हो सकते हैं। महिला में अगर करीब 1 ने तक लक्षण बने रहें, तो डॉक्टर को अवश्य दिखाएं। पोस्टमार्टम डिप्रेशन को कम करने के लिए जीवनशैली में भी बदलाव लाने की कोशिश करें। हेल्दी डाइट के साथ हेल्दी लाइफस्टाइल को भी अपनाएं। इससे पोस्टपार्टम डिप्रेशन को कम करने में मदद मिलेगी। 

All Image Credit- Freepik

 

Read Next

मेनोपॉज के दौरान ड‍िप्रेशन से गुजर रही हैं आप? डॉक्‍टर से जानें इलाज

Disclaimer