अर्थराइटिस हड्डियों की एक जटिल समस्या है। अर्थराइटिस के मरीजों में अक्सर जोड़ों के दर्द की समस्या रहती है। अर्थराइटिस के एक नहीं बल्कि कई प्रकार होते हैं, जिनमें से एक है नी ऑस्टियोअर्थराइटिस (Knee Osteoarthritis) यानि घुटनों का अर्थराइटिस। यह मुख्य रूप से आपके पैरों और घुटनों को प्रभावित करता है। घुटनों के अर्थराइटिस में अक्सर लोगों को गलत या फिर टाइट जूते पहनने के कारण भी दर्द होता है। ऐसे मरीजों को तो खासकर जूतों का चुनाव करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। यही नहीं लगातार उंची एडी वाले जूते या सैंडल पहनने से भी कई बार नी ओस्टियोअर्थराइटिस का खतरा बढ़ जाता है। क्या आप भी नी ऑस्टियोअर्थराइटिस की समस्या से परेशान हैं? अगर हां, तो इस लेख के माध्यम से हम आपको नी ऑस्टियोअर्थराइटिस की समस्या में जूतों का सही चुनाव करने के बारे में बताएंगे। चलिए जानते हैं कैसे करें जूतों का चुनाव।
1. कम आर्क सपोर्ट वाले जूते (Minimal Arch Support Shoes)
कम आर्क सपोर्ट वाले जूते यानि कि ऐसे जूते जिनके पंजों के पीछे के हिस्से ज्यादा उपर न हों। आमतौर पर भी कम आर्क सपोर्ट वाले जूते ही पहनने चाहिए। इससे एडी और पंजों पर बराबर का जोर रहता है। घुटनों के अर्थराइटिस में अगर ऐसे जूते पहने जाएं तो यह आपकी एड़ी का जोर कम कर पंजों पर अधिक जोर ला सकते हैं। जिससे पंजों में दर्द होने के साथ ही घुटने भी प्रभावित हो सकते हैं। वहीं कम आर्क वाले जूते आपके पंजे और एडी का बैलेंस बनाए रखते हैं। इससे घुटनों के नीचे के हिस्से में दर्द नहीं होता है।
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2. फ्लिप फ्लॉप शूज (Flip Flop Shoes)
घुटनों के अर्थराइटिस में फ्लिप फ्लॉप शूज को लेकर लोगों के मन में तमाम असमंजस रहते हैं। बता दें कि अगर आपको घुटनों का अर्थराइटिस है और आपकी उम्र कम है तो आप इसे पहन सकते हैं। यह आपको दर्द होने से बचाएगा। लेकिन वहीं अगर आप एक बुजुर्ग हैं तो आप इसे नजरअंदाज करें क्योंकि फ्लिप फ्लॉप की बनावट इस प्रकार होती है कि बुजुर्ग आसानी से उसपर अपना बैलेंस नहीं बना सकते हैं। इसलिए अगर आप फ्लिप फ्लॉप पर अपना बैलेंस बना सकते हैं तो ही इसे पहनें।
3. बैलेट फ्लैट शूज (Ballet Flat Shoes)
बैलेट फ्लैट भी घुटनों के दर्द से बचने और नी ऑस्टियोअर्थराइटिस से बचने के लिए एक बेहतर विकल्प माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसे जूतों की आर्क न के बराबर होती है। यह काफी हद तक फ्लैट होते हैं, जिससे घुटनों के अर्थराअइटिस से परेशान मरीजों के पंजों पर अधिक भार नहीं पड़ता है। इसे पहनने के दौरान आपके घुटनों और पंजों में बैलेंस बना रहता है। इसलिए घुटनों के अर्थराइटिस की समस्या में इस प्रकार के जूते पहनें।
4. सॉफ्ट और फ्लेक्सिबल जूते लें (Choose Soft and Flexible Shoes)
उंची एडी के फुटवियर धीरे-धीरे आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं। 2015 में हुए एक शोध की मानें तो उंची एडी के शूज आपके ऑस्टियोअर्थराइटिस के खतरे को बढ़ा सकता है। इसलिए ऑस्टियोअर्थराइटिस के मरीजों को हमेशा सॉफ्ट और फ्लेक्सिबल फुटवीयर ही पहनने की सलाह दी जाती है। घुटनों के अर्थराइटिस में आपके पैरों पर अधिक दबाव पड़ता है। ऐसे में जूते सख्त होने से आपका पैर टाइट रहता है। इस दौरान पैरों में फ्लेक्सिबिलिटी नहीं होती है। वहीं मुलायम जूते पहनने से आपके पैरों पर ज्यादा भार नहीं आता है और दर्द में भी काफी राहत मिलती है।
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कौन से जूते नहीं पहनें (Which Shoes not to wear)
- ऐसे जूते न पहनें जिनमें आर्क सपोर्ट ज्यादा हो।
- ज्यादा टाइट जूते पहनना बंद करें क्योंकि उनसे एडियों में टाइटनेस आ जाती है।
- क्लॉग्स पहनना भी घुटनों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इससे आपके घुटनों पर अधिक वजन पड़ता है।
- सपोर्टिव स्नीकर्स का भी लंबे समय तक इस्तेमाल करने से घुटनों की परेशानी बढ़ सकती है। इसलिए घुटनों के अर्थराइटिस में इसे नजरअंदाज करें।
घुटनों के अर्थराराइटिस के मरीजों को दर्द से राहत पाने के लिए जूतों का चुनाव ठीक से करना चाहिए। इस लेख में दिए गए तरीकों से आप सही जूतों का चुनाव कर सकते हैं।
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