त्वचा में घर्षण बहुत हल्की चोट होती है, लेकिन इसकी सही तरह से देखभाल न की जाए तो इसका घाव कष्टदायक हो सकता है। यदि त्वचा घर्षण का इलाज तुरंत कर दिया जाए तो यह आसानी से और जल्दी ठीक भी हो जाता है।
त्वचा घर्षण ज्यादातर घुटने, टखने और कोहनी में होती है। त्वचा घर्षण का शिकार कोई भी हो सकता है। जब त्वचा की कठोर वस्तु के साथ रगड़ खाती है इस घर्षण से त्वचा छिल जाती है। कंक्रीट या लकड़ी से रगड़ खाने त्वचा घर्षण की ज्यादा संभावना होती है। खिलाड़ी भी इसकी चपेट में आते हैं। त्वचा घर्षण होने पर क्या करें? आइए हम आपको कुछ सुझाव रे रहे हैं।
त्वचा घर्षण की देखभाल के टिप्स
- यदि आपकी त्वचा घर्षण के कारण छिल गई है तो तुरंत इसका इलाज कीजिए, त्वचा घर्षण होने पर जलन हो सकती है।
- घर्षण होने के साथ तुरंत हल्के साबुन, पानी या एंटीसेप्टिक से इसकी सफाई कीजिए।
- त्वचा घर्षण होने के बाद संक्रमण होने की ज्यादा संभावना होती है। इसलिए जिस जगह की त्वचा में घर्षण हुआ है उसके आसपास की गंदगी को साफ कीजिए।
- यदि आपके घाव से खून बह रहा है तो उस क्षेत्र पर दबाव डालिए, इसके लिए आप कपड़े का इस्तेमाल कीजिए। 10 मिनट तक दबाव डालें रहने से खून बहना बंद हो जाता है।
- घर्षण वाले क्षेत्र को साफ करने के लिए एंटीसेप्टिक का प्रयोग कीजिए। आसपास नल हो तो नल के बहते पानी में दो मिनट तक घाव को साफ कीजिए।
- घर्षण के कारण जो त्वचा ढीली हो गई है उसे आराम से बाहर कर दीजिए।
- त्वचा को साफ करने के बाद एंटीसेप्टिक मरहम लगाइए, और फिर रुई से ड्रेसिंग कीजिए।
- त्वचा घर्षण के बाद हल्के और कॉटन के कपड़े पहनने चाहिए, क्योंकि कपड़ों के संपर्क में आने से दर्द होता है।
- जब तक घाव ठीक न हो जाये नियमित रूप से हर रोज ड्रेसिंग बदलते रहिए।
चिकित्सक से कब संपर्क करें -
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- त्वचा घर्षण के बाद प्राथमिक चिकित्सा आप स्वयं से कर लेते हैं, लेकिन इस दौरान यदि आपको गंभीर और अंदरूनी चोट आई है इसके बारे में जानने के लिए आप चिकित्सक से अवश्य संपर्क कीजिए।
- यदि घर्षण के कारण आपका घाव गहरा हो गया है और घाव से ज्यादा खून निकल गया है तो डॉक्टर से सलाह अवश्य लेना चाहिए।
- यदि घाव आपके चेहरे पर है तो तुरंत चिकित्सक से मिलिए, क्योंकि चेहरे पर हल्का सा घाव भी निशान छोड़ देता है और आसानी से दूर नही होता।
- आपने प्राथमिक उपचार किया है लेकिन 2-3 दिन बाद भी घाव ठीक नही हो रहा है।
त्वचा घर्षण की चोट बहुत छोटी होती है लेकिन यदि प्राथमिक उपचार तुरंत नही किया जाये तो संक्रमण हो सकता है। ऐसी छोटी-छोटी चोटों के उपचार के लिए हमेशा अपने पास फर्स्ट एड किट जरूर रखिए।
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