How Nanoship Can Affects Mental Health: डिजिटल युग में लोगों के लिए प्यार और इमोशंस के मायने बदल गए हैं। सोशल मीडिया पर आपको ऐसी कई वीडियो मिल जाएंगी, जिसमें रिलेशनशिप के अलग-अलग ट्रेंड दिखाए जा रहे हैं। लोग लव रिलेशनशिप से अब सिचुएशनशिप, कैजुअल रिलेशनशिप और टैक्टेशनशिप पर आ चुके हैं। जहां, साथ निभाने का वादा न होने के बावजूद लोग एक-दूसरे से कनेक्ट हो रहे हैं। डेटिंग के इन ट्रेंड के बीच ‘नैनोशिप’ एक नया शब्द सामने आया है। नैनोशिप यानी कम समय के लिए बनाया गया रिलेशनशिप। यह रिश्ता कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों के लिए भी हो सकता है। युवा पीढ़ी के बीच नैनोशिप काफी ज्यादा पॉपुलर है। क्योंकि जिन लोगों को बिना कमिटमेंट के किसी रिश्ते में रहना होता है उनके लिए यह अच्छा ऑप्शन भी हो सकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं यह रिश्ता युवाओं की मेंटल हेल्थ को किस तरह प्रभावित कर सकता है? इस बारे में जानने के लिए हमने बात कि सर गंगाराम हॉस्पिटल की सीनियर क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ आरती आनंद से। आइए लेख में एक्सपर्ट से समझें इस बारे में।
नैनोशिप क्या है? What Is Nanoship
डेटिंग की दुनिया में नैनोशिप एक नया डेटिंग टर्म है। इसमें लोग कुछ समय के लिए कनेक्ट होते हैं और रिश्ते में आते हैं। यह रिश्ता कुछ घंटों या कुछ दिनों के लिए भी हो सकता है। यह रिश्ता इमोशनल कनेक्शन से ज्यादा फिजिकल कनेक्शन की बुनियाद पर भी बनता है।
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नैनोशिप युवाओं की मेंटल हेल्थ को कैसे प्रभावित करता है?
नैनोशिप का असर हर किसी पर अलग-अलग हो सकता है। कुछ लोगों के लिए नैनोशिप पॉजिटिव असर डालता है। जबकि कुछ लोगों पर इसका असर निगेटिव हो सकता है-
नैनोशिप के पॉजिटिव असर
कई बार रिश्ते में लंबे समय तक रहने के बावजूद लोगों को समझ आता है, कि वो रिश्ता नहीं निभा पाएंगे। लेकिन पार्टनर के इमोशनली कनेक्ट होने के कारण उनके लिए रिश्ते से बाहर आना मुश्किल हो जाता है। जिन लोगों को कमिटेड रिलेशनशिप में नहीं रहना है वो आपसी सहमति से नैनोशिप में आ सकते हैं। क्योंकि इसमें बिना इमोशनल बोंड बने लोग अपने लिए लाइफ पार्टनर चुन सकते हैं।
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नैनोशिप के निगेटिव असर
अगर कुछ समय में ही दोनों में से कोई ज्यादा अटैच हो जाता है, तो उसे रिश्ता खत्म होने पर परेशानी हो सकती है। इमोशनली कनेक्ट होने के कारण दूसरे व्यक्ति के लिए मूव ऑन करना मुश्किल हो सकता है। इसके कारण उसे स्ट्रेस, एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अगर नैनोशिप में दोनों व्यक्ति आपकी सहमति से नहीं है, तो किसी एक को ज्यादा परेशानी हो सकती है। ऐसे में व्यक्ति रिश्तों पर भरोसा खो सकता है और नए रिश्ते की शुरुआत करने में उसे परेशानी हो सकती है।
लेख में हमने जाना नैनोशिप कैसे युवाओं की मेंटल हेल्थ को प्रभावित कर सकता है। लेकिन अगर आपसी सहमती से रिश्ता कुछ समय के लिए बनाया जा रहा है, तो इससे नुकसान नहीं होगा। लेख में दी गई जानकारी पसंद आई हो, तो शेयर करना न भूलें।