What Is Nato Dating Rules: लव और रिलेशनशिप को लेकर हर किसी की पसंद अलग-अलग हो सकती है। किसी को जीवन बिताने के लिए साथी की जरूरत होती है, तो कोई सिर्फ समय बिताने के लिए रिलेशनशिप में आता है। हालांकि, नई जनरेशन खासकर Gen-z के लिए डेटिंग के अपने अलग-अलग पसंद है। कुछ लोग कमिटेड रिलेशनशिप रखते हैं, वो वहीं कई लोग कैजुअल रिलेशनशिप में ही खुश हैं। इसी तरह डेटिंग का नया ट्रेंड 'नाटो डेटिंग' भी काफी पॉपुलर हो रहा है। 'नाटो डेटिंग' को अगर आसान भाषा में समझा जाए, तो इसमें लोग रिजल्ट की चिंता किये बिना केवल अनुभव लेने के लिए डेट करते हैं। हर डेटिंग टाइप की तरह नाटो डेटिंग के लिए भी हर किसी का अपना अलग अनुभव हो सकता है। इस टर्म को और भी विस्तार से समझने के लिए हमने बात कि इस बारे में जानने के लिए हमने बात कि गंगा राम अस्पताल (ओल्ड राजेन्द्र नगर) की एसोसिएट कंसल्टेंट रिहैबिलिटेशन साइकोलॉजिस्ट नीलम मिश्रा से।
पहले समझिए क्या है नाटो डेटिंग- What Is Nato Dating?
नाटो डेटिंग यानी नॉट अटैच्ड टू एन आउटकम (Not Attached To an Outcome) डेटिंग की इस ट्रेंड में लोग एक-दूसरे से अपेक्षा करे बिना डेटिंग करना पसंद करते हैं। नाटो डेटिंग लोगों को नई चीजें एक्सप्लोर करना और भविष्य की चिंता किये बिना केवल आज में जीना सिखाती है।
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नाटो डेटिंग से मेंटल हेल्थ पर क्या सकारात्मक प्रभाव पड़ता है- How Nato Dating Positively Impact Mental Health
भविष्य की चिंता नहीं रहती
कई बार लोग रिलेशनशिप की शुरुआत में ही एक-दूसरे को कमिटमेंट दे देते हैं। ऐसे में जब उनका रिलेशनशिप ठीक से चल नहीं पाता, तो उनके लिए इससे बाहर आना काफी मुश्किल हो जाता है। लेकिन नाटो डेटिंग में लोग भविष्य की कमिटमेंट दिए बिना केवल आज में जीना पसंद करते हैं। इससे लोग अपने रिश्ते में ज्यादा फ्री और कंफर्ट महसूस करते हैं।
खुद को समझना आसान हो जाता है
कई बार लोग रिलेशन में आ जाते हैं, लेकिन उन्हें पता नहीं होता कि उन्हें रिश्ते में क्या चाहिए। लेकिन नाटो डेटिंग में लोग केवल अनुभवों के लिए रिश्ता निभाते हैं। ऐसे में समझना आसान होता कि उन्हें अपने फ्यूचर पार्टनर में क्या चाहिए।
रिलेशन स्ट्रेसफुल नहीं होता
नाटो डेटिंग में लोग एक-दूसरे से बिना कुछ अपेक्षा रखे डेट करते हैं। ऐसे में उनके लिए रिलेशनशिप स्ट्रेसफुल नहीं होता है। वो बस आज को एंजॉय करते हैं, जिससे उनके लिए भविष्य के फैसले लेने आसान हो जाते हैं।
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नाटो डेटिंग से होने वाले नकारात्मक प्रभाव- Negative Impact of Nato Dating
दूर होना मुश्किल हो जाना
अगर रिश्ते में किसी एक को ज्यादा अटैचमेंट हो जाती है, तो रिश्ता खत्म होने पर उसके लिए अलग होना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में व्यक्ति स्ट्रेस, एंग्जाइटी और डिप्रेशन का शिकार भी हो सकता है।
रिश्ते को लेकर कंफ्यूजन बढ़ना
नाटो डेटिंग में लोग कोई फ्यूचर कमिटमेंट नहीं करते हैं। ऐसे में वो बार-बार पार्टनर भी बदलते रहते हैं, जिससे वो फ्यूचर पार्टनर चुनने को लेकर कंफ्यूज हो सकते हैं।
लॉन्ग टर्म की गारंटी नहीं होती
नाटो डेटिंग में फ्यूचर कमिटमेंट नहीं होती है, जिससे रिश्ते की लॉन्ग टर्म की कोई गारंटी नहीं होती है। ऐसे में किसी एक के सीरियस होने पर भी प्रॉब्लम हो सकती है।
सेक्सुअल डिजीज फैलने का खतरा
डेटिंग के इस नए ट्रेंड में लोग कई लोगों को डेट करते हैं। ऐसे में वो एक से ज्यादा पार्टनर के साथ इंटीमेट होते हैं, जिससे सेक्सुअल डिजीज फैलने का खतरा भी हो सकता है।
हालांकि यह किसी भी इंसान की इच्छा पर निर्भर करता है कि वो किस तरह का रिलेशन चाहता है। लेख में दी गई जानकारी पसंद आई हो, तो इसे शेयर करना न भूलें।