
प्रोस्टेट कैंसर एक गंभीर समस्या है, जिससे दुनियाभर में लाखों लोग पीड़ित हैं। वहीं, हर साल सैकड़ों की संख्या में इस बीमारी के चलते लोग जान गंवाते हैं। आमतौर पर खराब लाइफस्टाइल और अनियंत्रित जीवनशैली के चलते प्रोस्टेट कैंसर की समस्या होती है। इसके लिए समय-समय पर इसकी जांच कराना बेहद जरूरी है। लेकिन कुछ लोग कई बार इसकी जांच बहुत जल्दी-जल्दी कराते हैं। आइये जानते हैं प्रोस्टेट कैंसर की जांच कितने समय के अंतराल में करानी चाहिए।
कितना अंतराल सुरक्षित?
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो प्रोस्टेट कैंसर की जांच बहुत जल्दी-जल्दी कराना कई बार सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है। हाल ही में यूरोपियन एसोसिएशन ऑफ यूरोलॉजी (EAU) की मानें तो 5 सालों में एक बार प्रोस्टेट कैंसर की स्क्रीनिंग कराना पुरुषों में इसके खतरे को कम करने और पहचाने के लिए काफी होता है। इसकी ज्यादा स्क्रीनिंग कराना कई बार स्वास्थ्य पर बुरा असर भी डाल सकती है। इससे सेहत से जुड़ी कई छोटी-मोटी समस्याएं हो सकती हैं।
कितने समय में कराएं स्क्रीनिंग
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो प्रोस्टेट कैंसर की स्क्रीनिंग बहुत ज्यादा या फिर जल्दी-जल्दी नहीं करानी चाहिए। इससे आपकी सेहत प्रभावित हो सकती है। इस कैंसर की स्क्रीनिंग अगर 2 से 3 साल के अंतराल में कराई जाए तो यह सेहत के लिए नुकसानदायक नहीं साबित होती है। यह स्क्रीनिंग काफी हद तक आपकी पहली स्क्रीनिंग पर भी निर्भर करती है। पहली स्क्रीनिंग के हिसाब से ही डॉक्टर आपको जल्दी-जल्दी या फिर लंबे समय के अंतराल क बाद स्क्रीनिंग की सलाह दे सकते हैं।
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जल्दी-जल्दी स्क्रीनिंग कराने के नुकसान
- अगर आप प्रोस्टेट कैंसर की स्क्रीनिंग जल्दी-जल्दी कराते हैं तो इससे कई बार बायोप्सी की वजह से समस्या आ सकती है।
- कुछ मामलों में इसके गलत रिजल्ट देखने को भी मिल सकते हैं।
- बायोप्सी होने के कारण कई बार दर्द या इंफेक्शन भी हो सकता है।
- यही नहीं जल्दी-जल्दी स्क्रीनिंग कराने से कई बार सीमन में खून भी आ सकता है।
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