इन दिनों जीवनशैली, प्रदूषण और खानपान के कारण लोगों की फर्टिलिटी या प्रजनन क्षमता प्रभावित हो रही है। सिर्फ पुरुष ही नहीं इन दिनों महिलाओं को भी फर्टिलिटी से जुड़ी परेशानियां हो रही हैं। किसी भी व्यक्ति की फर्टिलिटी कई कारकों पर निर्भर करती है। इसमें खानपान सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। अगर व्यक्ति का खानपान गलत है, तो समय के साथ फर्टिलिटी कम हो जाती है। फर्टिलिटी कम होने का सीधा कनेक्शन गर्भधारण और बच्चे के जन्म से होता है। अगर किसी पुरुष की फर्टिलिटी कम है, तो उसे पिता बनने में मुश्किल आएगी। वहीं, अगर महिलाओं की फर्टिलिटी कम है, तो उन्हें गर्भधारण करने में परेशानी आएगी।
जीवनशैली या अन्य किसी कारण से अगर आप भी फर्टिलिटी से जुड़ी समस्या का सामना कर रहे हैं, तो अपनी डाइट में पालक को शामिल करिए। पालक में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो फर्टिलिटी बढ़ाने (Spinach benefits in Increasing Fertility) में मददगार होते हैं। पालक फर्टिलिटी बढ़ाने में कैसे मददगार है, इस विषय पर ज्यादा जानकारी दे रही हैं न्यूट्रिशनिस्ट सिमरन भसीन।
1. पालक में होता फोलेट
न्यूट्रिशनिस्ट सिमरन भसीन के अनुसार, पालक में फोलेट (विटामिन बी9) की भरपूर (Healtb benefits of Spinach) मात्रा होती है। फोलेट गर्भधारण के लिए आवश्यक पोषक तत्वों में से एक है। यह भ्रूण के विकास के शुरुआती चरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह डीएनए के संश्लेषण और कोशिकाओं के विभाजन में मदद करता है, जिससे स्वस्थ भ्रूण का विकास होता है। अगर कोई महिला लंबे समय से मां बनने की प्लानिंग कर रही है, तो उसे अपनी डाइट में पालक को जरूर शामिल करना चाहिए।
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2. पालक में पाया जाता है आयरन
न्यूट्रिशनिस्ट का कहना है कि आयरन की कमी महिलाओं में एनीमिया का कारण बन सकती है। एनीमिया के कारण महिलाओं को गर्भधारण करने में परेशानी होती है। ऐसे में पालक का सेवन किया जाए, तो यह शरीर में हीमोग्लोबिन के उत्पादन को बढ़ाकर खून की कमी को पूरा करता है। आयरन का पर्याप्त मात्रा में सेवन करने से फर्टिलिटी से जुड़ी परेशानियों को दूर करने में मदद मिलती है।
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3. जिंक और मैग्नीशियम की मात्रा
पालक में जिंक और मैग्नीशियम जैसे खनिज भी होते हैं, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों की फर्टिलिटी के लिए आवश्यक हैं। जिंक पुरुषों में स्वस्थ शुक्राणु उत्पादन में सहायक होता है, जबकि मैग्नीशियम महिलाओं में हार्मोनल संतुलन (Spinach Balance Hormones in body) बनाए रखने में मदद करता है। हार्मोनल असंतुलन से प्रजनन क्षमताओं पर पॉजिटिव इफेक्ट पड़ता है, जिससे फर्टिलिटी से जुड़ी परेशानियों को दूर होती हैं।
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4. पालक में पाया जाता है फाइबर
पालक में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को हेल्दी रखने में मददगार होती है। जिन लोगों को पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है, उनमें हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने की क्षमता ज्यादा होती है। इसके अलावा फाइबर युक्त आहार का सेवन करने से वजन को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है, जिससे ओवुलेशन की प्रक्रिया नेचुरल रहती है।
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5. फर्टिलिटी को बढ़ाता है बीटा-कैरोटीन
पालक में विटामिन सी, विटामिन ई, और बीटा-कैरोटीन जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं। फ्री रेडिकल्स कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे प्रजनन प्रणाली प्रभावित हो सकती है। पालक के एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को स्वस्थ रखते हैं और अंडाणु (एग) और शुक्राणु (स्पर्म) की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
उम्मीद करते हैं फर्टिलिटी बढ़ाने और फर्टिलिटी से जुड़ी परेशानियों को दूर रखने के लिए आप अपनी रोजमर्रा की डाइट में पालक को जरूर शामिल करेंगे।
Image Credit: Freepik.com
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