अच्छी सेहत के लिये पूरी नींद की बहुत जरूरत होती है। कई बार तनाव, खराब जीवनशैली, मोबाइल आदि की लत या किसी बीमारी आदि के चलते नींद ना आने में समस्या हो जाती। हालांकि इस समस्या से बचा जा सकता है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिन्हें किसी भी माहौल में नींद आ जाती है, फिर भले ही सोने की जगह काफी शोर हो। चलिये शोर में भी कैसे इन लोगों को नींद आ जाती है, साथ ही जानते हैं कि नींद न आने पर क्या उपाय किये जाएं।
शोर में कैसे आ जाती है नींद
वैज्ञानिक इस बात को पता लगाने में कामयाब हो गए हैं कि कुछ लोग शोर में भी मजे की नींद कैसे ले लेते हैं, जबकि कुछ लोग जरा सी आहट से भी खडे हो जाते हैं। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला है कि इसके लिए मस्तिष्क का भाग थैलेमस जिम्मेदार है। यह भाग नींद के दौरान शोर को बाधित कर देता है, जिससे लोगों को नींद में भी शोर का पता नहीं चलता। कुछ लोगों में यह बहुत प्रभावी होता है, जिससे उनकी नींद जल्दी से नहीं टूटती। विश्रांति के दौरान मस्तिष्कीय तरंगें धीमी पड जाती हैं, लेकिन मस्तिष्क तब भी ऊर्जा की फुहारें पैदा करता रहता है जिसे निद्रा-तंतु या स्लीप स्पिंडल कहते हैं। मुख्य शोधकर्ता जेफ्रे एलेनबोगन ने कहा थैलेमस ध्वनि पर प्रतिक्रिया देने वाले इलाकों तक शोर संबंधी सूचनाओं को नहीं पहुंचने देता। निद्रा-तंतु ही अवरोध का संकेतक है। आपका मस्तिष्क जितना निद्रा-तंतु पैदा करता है, उतनी ही आप गहरी नींद में होंगे, भले ही कितना ही शोर आसपास हो।
क्या करें जब ना आए नींद
- वैज्ञानिकों ने माना है कि पूर्व दिशा में सिर रखकर सोने से शांत और बेहतर नींद आती है।
- विशेषज्ञों के अनुसार यदि 15 से 20 मिनट लेटने के बाद भी आपको नींद नहीं आती है तो तुरंत बिस्तर छोड़कर उस कमरे से बाहर आजाएं। और इसके बाद व्यस्त होने की कोशिश करें और खुद को थोड़ा थकाएं। इसके लिये पुस्तकें, समाचार पत्र, पत्रिकाएं आदि पढ़ें और मधुर संगीत सुनें।
- अच्छी नींद के लिये जरूरी है कि रात का खाना भूख की मात्रा में कम खाया जाए और जल्दी खा लिया जाए। यदि किसी दिन गरिष्ठ भोजन करना हो तो उसे शाम को ही कर लेना चाहिये ताकि सोने के समय तक वह काफी कुछ पच जाए। निद्रा का पाचन से बहुत गहरा संबंध है।
- आधुनिक युग में चाय, काफी, सिगरेट शराब इत्यादि का खूब प्रचार-प्रसार हो गया है जो कि नींद के लिये काफी नुकसानदायक होते है।
- अच्छी नींद लाने के लिए आवश्यक है कि शनयकक्ष शांत व हवादार हो। अनेक वैज्ञानिकों ने स्पष्ट किया है कि अंधेरे में आराम मिलता है क्योंकि पलकें बंद हो या खुली, प्रकाश का भार उन पर कम या अधिक मात्रा में पड़ता है। अत: सोते समय कमरे में मध्यम प्रकाश हो, संभव हो तो नाइट लैम्प हल्के नीले या हरे रंग का प्रयोग करें।
अगर तनाव की वजह से नींद नहीं आ रही हो या फिर मन में घबराहट सी हो तब अपना मन पसंद संगीत सुनें या फिर अच्छा साहित्य या स्वास्थ्य से संबंधित पुस्तकें पढ़ें, ऐसा करने से मन में शांति का भाव आएगा, जो गहरी नींद में काफी सहायक होता है।
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