त्वचा का प्रकार तय करता है धूप से होने वाले नुकसान, जानें किसके चेहरे पर कैसा दिखता है 'सन डैमेज' का असर

लोग अपनी त्वचा में धूप के कारण कोई भी बदलाव नोटिस नहीं करते हैं, लेकिन सनबर्न 90 मिनट के संपर्क में आने के बाद हो सकता है और इससे त्वचा छिल सकती है।

Pallavi Kumari
Written by: Pallavi KumariUpdated at: Oct 01, 2020 10:24 IST
त्वचा का प्रकार तय करता है धूप से होने वाले नुकसान, जानें किसके चेहरे पर कैसा दिखता है 'सन डैमेज' का असर

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हेल्दी स्किन (skin care)के लिए सूरज की रोशनी बेहद जरूरी है। ये न सिर्फ विटामिन-डी का सबसे अच्छा सोर्स है, बल्कि ये चेहरे में इन्फेक्शंस को कम करता है। वहीं ये टिशूज को अंदर से हेल्दी रखने में भी मदद करता है। पर खराब होती जलवायु और प्रदूषण के कारण ओजोन लेयर कमजोर हो रही है, जिसके कारण सूजर की रोशनी के साथ नुकसानदेह यूवी रेज भी आ रहे हैं। ये यूवी रेज असल में चेहरे को नुकसा पहुंचाते हैं। दरअसल सूर्य की ये हानिकारक किरणें त्वचा के प्राकृतिक तेल को कम कर देती है,  जिसके कारण त्वचा सूख जाती है और आपकी त्वचा टैंड और डिहाईड्रेटेड हो जाती है। वहीं ये सनबर्न का भी कारण बनती है। पर क्या आपको पता है कि किसी को सूजर की रोशनी से कितना नुकसान (Sunlight Benefits And Side Effects in Hindi)होगा ये उसके त्वचा का प्रकार तय करता है? नहीं ! तो आइए हम आपको बताते हैं कि त्वचा के प्रकार के हिसाब से कैसा होता है सन डैमेज का असर।

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त्वचा के हिसाब से सन डैमेज का असर  (effects of sun damage on skin) 

ऑयली स्किन पर

ऑयली स्किन वाले लोगों के लिए लंबे समय तक धूप में रहने से त्वचा जल्दी तन सकती है, लेकिन यह आसानी जलेगी नहीं। वहीं सन एक्सपोजर ऑयली स्किन के कारण ऑइल प्रोडक्शन को तेज कर सकता है। सनस्क्रीन के मोटे कोट केवल छिद्रों को रोकेंगे और ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स को जन्म देंगे। ऐसे में धूप में निकलने से पहले हल्के जेल जैसे सनस्क्रीन का उपयोग करें। इसके अलावा, सनस्क्रीन के लिए खरीदारी करते समय ग्रीन टी, ट्री टी ऑयल या नियासिनमाइड जैसे अवयवों की तलाश करें, क्योंकि ये ऑयली स्किन वाले लोगों के लिए शानदार तरीके से काम करते हैं।

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ड्राई स्किन पर

सूजर की तेज रोशनी पहले से ही शुष्क त्वचा को और सूखा बना सकता है। साथ ही ये इसे एक परतदार और टूटी हुई सी त्वचा दे सकता है। देखने में ये ऐसी त्वचा झुर्रियों से भरी नजर आती है। दरअसल ऐसी त्वचा में पानी की मात्रा कम हो जाती है और टूटी हुई त्वचा की बाधा के कारण प्राकृतिक मॉइस्चराइजिंग फैक्टर (एनएमएफ) क्षतिग्रस्त हो सकता है। इससे त्वचा और अधिक सूखी हो जाती है। ऐसे में अगर आप ड्राई स्किन वाले हैं, तो  सेरामाइड, ग्लिसरीन, हयालुरोनिक एसिड, शहद जैसे अवयवों के साथ एक क्रीम-आधारित सनस्क्रीन चुनें जो त्वचा को मॉइस्चराइज करता है। साथ ही ये झुर्रियों में कमी लाने में भी मदद करता है।

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संवेदनशील त्वचा पर

संवेदनशील त्वचा सूर्य के संपर्क में आने पर चकत्ते में बदल जाती है। ऐसी त्वचा में सन डैमेज के कारण लाली, खुजली और अन्य सूजन से जुड़ी परेशानियां होती है। ऐसे में एक सनस्क्रीन चुनें जो कि जिंक ऑक्साइड या टाइटेनियम ऑक्साइड के साथ-साथ अन्य सुखदायक सामग्री जैसे पैन्थेनॉल, और ऑलेंटोइन वाला हो। वहीं 30-50  एसपीएफ वाला सनस्क्रीन लगाएं। इसके साथ ही अपनी त्वचा को बचाए रखने के लिए घर से बाहर निकलते समय त्वचा पूरी तरह से ढक कर जाएं।

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यहां तक कि अगर आपकी त्वचा का प्रकार संवेदनशील या इनमें से कोई भी नहीं है, तब भी  आपकी त्वचा को सूरज की तेज रोशनी से नुकसान हो सकता है। वहीं फोटोटॉक्सिसिटी के मामले में, एलर्जी की प्रतिक्रिया सूरज के संपर्क में आने के एक से तीन दिन बाद हो सकती है। जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली इसे खतरे के रूप में पहचानती है, तो यह एंटीबॉडी और हमलों का उत्पादन करती है, जो आपको घावों, फफोले और एक दाने के साथ छोड़ सकती है। इस तरह ये तमाम लक्षण सनबर्न के हो सकते हैं, जो किसी की भी त्वचा पर दिख सकते हैं।

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