व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए सभी अंगों के साथ ही, मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत होना भी बेहद आवश्यक है। लेकिन कुछ तरह के रोग होने पर हड्डियां कमजोर हो सकती है। इसमें आप पेजेट रोग को भी शामिल कर सकते हैं। हड्डियों के टूटने और बनने की प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है, इस स्थिति को “हड्डी पुनर्निर्माण (Bone Remodeling)” कहा जाता है। लेकिन, जब व्यक्ति को मोटापा होता है, तो ऐसे में हड्डियों में बुरा असर पड़ता है। ठीक तरह से पेजेट रोग भी आपकी हड्डियों को नुकासान पहुंचान का काम कर सकता है। इस लेख में कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल के फुट एंड एंकल सर्जन कंसल्टेंट डॉक्टर विकास बासा (Dr. Vikas Basa, Consultant, Paediatric Orthopaedic Surgeon, Foot & Ankle surgeon (Adults), Kokilaben Dhirubhai Ambani Hospital, Mumbai) से जानते हैं कि पैजेट रोग में हड्डियों (Paget’s Disease of Bone) पर क्या असर पड़ता है।
पैजेट डिजीज ऑफ बोन क्या है? - Paget's Disease Of Bone In Hindi
पैजेट डिजीज एक लंबे समय तक चलने वाला (chronic) बोन डिसऑर्डर है, जिसमें हड्डियों की रिजनरेशन प्रक्रिया तेज हो जाती है। सामान्य स्थिति में हड्डियां धीरे-धीरे टूटती हैं और नई हड्डियां बनती हैं, लेकिन पैजेट रोग में यह प्रक्रिया असामान्य रूप से तेज हो जाती है।
टॉप स्टोरीज़
- हड्डियां बहुत तेजी से टूटती और बनती हैं
- नई बनी हड्डियां सामान्य से अधिक कमजोर, मोटी और बेढंगी होती हैं
- प्रभावित हड्डियां आसानी से झुक जाती हैं या टूट जाती हैं
- यह रोग एक या एक से अधिक हड्डियों जैसे कूल्हा, रीढ़, सिर, टांगे और हाथों को प्रभावित कर सकता है।
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पैजेट डिजीज कैसे हड्डियों को प्रभावित करता है? - How Does Paget Disease Affect The Bones In Hindi
पैजेट रोग में, हड्डियों की बनावट में बदलाव आ सकता है। आगे जानते हैं इसके बारे में
हड्डियों का अत्यधिक टूटना (Osteoclastic activity बढ़ जाना)
हड्डी को तोड़ने वाली कोशिकाएं (osteoclasts) अत्यधिक सक्रिय हो जाती हैं, जिससे हड्डी बहुत जल्दी टूटती है।
नई हड्डी का जल्दी निर्माण (Osteoblastic activity)
टूटी हुई हड्डी को बदलने के लिए शरीर तेजी से नई हड्डी बनाता है, लेकिन यह हड्डी असामान्य, मोटी और कमजोर होती है।
हड्डी की बनावट बिगड़ना
नई बनी हड्डी का ढांचा अव्यवस्थित होता है, जिससे हड्डी कमजोर, झुकी हुई या बनावट में बदलाव हो सकती है।
पैजेट डिजीज के कारण क्या हैं? - Causes Of Paget's Disease In Hindi
पैजेट रोग के सटीक कारण अभी पूरी तरह से ज्ञात नहीं हैं, लेकिन कुछ संभावित कारण आगे बताए गए है।
- जेनेटिक कारक: यदि परिवार में किसी को यह रोग है, तो जोखिम अधिक होता है।
- वायरल इंफेकशन : वायरल इंफेक्शन (जैसे paramyxovirus) हड्डी की कोशिकाओं को प्रभावित कर सकते हैं।
- उम्र: यह रोग आमतौर पर 50 वर्ष की उम्र के बाद शुरू होता है।
पैजेट डिजीज के लक्षण क्या हैं? - Symptoms Of Paget's Disease In Hindi
कई मामलों में यह रोग बिना लक्षण के रहता है और किसी अन्य जांच के दौरान पता चलता है। लेकिन जब लक्षण उभरते हैं, तो इनमें शामिल हो सकते हैं।
- हड्डियों में दर्द (सबसे आम लक्षण)
- हड्डियों का झुकना या विकृति
- जोड़ों में अकड़न और सूजन
- कूल्हे, रीढ़ या पैरों में कमजोरी और दर्द
- स्कैल्प प्रभावित होने पर सिरदर्द या सुनने की समस्या
- हड्डी का जल्दी टूटना (fracture)
- रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ने से नसों में समस्या आदि।
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पैजेट डिजीज ऑफ बोन एक लंबे समय से होने वाली परेशानी है। यदि समय रहते इसका निदान और इलाज किया जाए, तो इसके गंभीर प्रभावों को रोका जा सकता है। हड्डियों में लगातार दर्द, विकृति या कमजोरी को नजरअंदाज न करें। विशेष रूप से 50 वर्ष से ऊपर के लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। नियमित जांच और डॉक्टर की सलाह से हड्डियों को स्वस्थ रखा जा सकता है।