
World Malaria Day 2023: हम में से कई लोगों को अपने जीवनकाल में बार-बार मलेरिया से सामना करना पड़ता है। वहीं, कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो इससे अबतक बचे हों। मच्छर के काटने से मलेरिया होता है। इस सीजन (गर्मी) में मलेरिया होने की संभावना काफी ज्यादा होती है। खासतौर पर जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, उन्हें मलेरिया होने की संभावना होती है। इनमें प्रेग्नेंट महिलाएं भी शामिल हैं। दरअसल, प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं की प्रतिरक्षा प्रणाली में काफी बदलाव होता है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं की प्रतिरक्षा प्रणाली में में मलेरिया संक्रमण से लड़ने की काफी कम रहती है।
क्या कहती हैं एक्सपर्ट
नोएडा स्थित मदरहुड हॉस्पिटल की गायनाक्लोजिस्ट डॉक्टर मनीषा रंजन का कहना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान मलेरिया होने पर मां और भ्रूण दोनों पर प्रभाव पड़ सकता है। इससे महिलाओं के शरीर में खून की कमी, गर्भपात, समय से पहले डिलीवरी होने जैसी परेशानी हो सकती है। वहीं, शिशु का वजन कम होना जैसी परेशानी हो सकती है।
प्रेग्नेंसी में मलेरिया हो सकता है घातक
जैसा कि आपको ऊपर बताया जा चुका है कि प्रेग्नेंसी के दौरान मलेरिया होना भ्रूण और मां दोनों के लिए घातक हो सकता है। इस स्थिति में महिलाओं को गर्भपात, समय से पहले डिलीवरी, शिशु का जन्म के समय कम वजन होना, शिशु को जन्म जात संक्रमण या डिलीवरी से पहले शिशु की मृत्यु भी हो सकती है। साथ ही बच्चे और मां को एनीमिया, पीलिया, लो ब्लड शुगर, हाइपोग्लाइसीमिया, लो ब्लड प्रेशर, हाइपरटेंशन, किडनी फेल्योर, लिवर फेल्योर इत्यादि परेशानी भी हो सकती है। जिन महिलाओं की इम्यूनिटी काफी कमजोर होती हैं। उन्हें मलेरिया होेने का खतरा ज्यादा रहता है। साथ ही इस स्थिति में महिलाओं को कई तरह का खतरे होने की संभावना अधिक होती है।
इसे भी पढ़ें - Dengue, Malaria और Flu के लक्षण: जानें ये संक्रमण कैसे हैं ये एक दूसरे से अलग
मलेरिया के लक्षण (Symptoms of malaria)
मलेरिया मच्छर के काटने से होता है। शरीर में इसके लक्षण मच्छर काटने के 7 दिन बाद या इससे अधिक दिनों में दिखाई दे सकते हैं। आइए जानते हैं मलेरिया के कुछ मुख्य लक्षणों के बारे में-
- मांसपेशियों में दर्द
- सिरदर्द के साथ तेज बुखार
- ठंड लगना और कंपकंपी होना
- काफी ज्यादा पसीना आना
- खांसी की परेशानी होना
- दस्त (डायरिया) की समस्या होना।
- मतली और उल्टी की शिकायत होना।
मलेरिया होने का खतरा कब रहता है?
मच्छरों वाले स्थान पर मलेरिया होना का खतरा ज्यादा रहता है। मलेरिया के मच्छर मुख्य रूप से रात के समय सक्रिय होते हैं। वहीं, मलेरिया होने की संभावना पूरे सालभर होती है, लेकिन गर्मी और मानसून के सीजन में मलेरिया होने का खतरा अधिक रहात है। भारत के कई क्षेत्रों में मलेरिया का प्रकोप काफी ज्यादा रहता है। इसमें गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और कर्नाटक शामिल हैं। वहीं, पहाड़ी इलाकों में मलेरिया होने का खतरा कम रहता है।
इसे भी पढ़ें - क्या एक साथ हो सकता है डेंगू, मलेरिया और कोरोना? डॉक्टर से जानें इसके बारे में
मलेरिया से बचाव के उपाय
- मलेरिया से बचने के लिए रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
- अगर आपको अधिक थकान महसूस हो रही है, तो इस स्थिति में अधिक से अधिक आराम करें।
- इम्यूनिटी बूस्ट करने वाले खाद्य पदार्थ जैसे- विटामिन डी युक्त डाइट., विटामिन डी युक्त डाइट इत्यादि लें।
- बुखार, ठंड लगना जैसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से सलाह लेें।
अगर आप प्रेग्नेंटे हैं, तो इस स्थिति में बुखार या फिर शरीर में किसी भी तरह की परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। अपने मुताबिक किसी भी तरह की दवाइयों का सेवन करने से बचें। यह आपके साथ-साथ आपके शिशु के लिए भी घातक हो सकता है।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version