
आज के समय में बच्चे टीवी या गैजेट्स के साथ अपना अधिकतर समय बिताते हैं। जिसकी वजह से उनकी आंखों पर असर पड़ता है। इसलिए वह अक्सर सिर दर्द, आंखों में दर्द या जलन की शिकायत करता है। कहीं आप उसकी शिकायत या लक्षणों को अनदेखा तो नहीं कर रहे? कोलंबिया एशिया अस्पताल, नेत्र चिकित्सक, डॉ. अनंत वीर जैन के मुताबिक यदि आप बच्चों के आंखों की कमजोरी के लक्षणों को अनदेखा करते हैं तो इससे बच्चे की परफॉर्मेंस चाहे वह घर हो या क्लासरूम में प्रभावित हो सकती है। इसलिए बच्चे की आंखों पर आपको बहुत पहले से ही ध्यान देना शुरू कर देना चाहिए। ताकि कहीं उनकी दृष्टि में कोई कमी न रह जाए। होता ये है कि अकसर बच्चों की आंखों से जुड़ी समस्याओं को बहुत से माता पिता नजरंदाज कर देते हैं। जिसके कारण उन्हें आगे जा कर बड़े नंबर का चश्मा चढ़ जाता है और उनकी नजर शक्ति भी कम हो जाती है। अगर आपके बच्चे को चश्मा चढ़ने की जरूरत है लेकिन आप सारे लक्षणों को नजरंदाज कर रहे हैं तो इन लक्षणों पर ध्यान न देना सही नहीं। जानिए विस्तार से।
1. स्कूल के काम के समय कठिनाई होना
हो सकता है स्कूल में आपका बच्चा अच्छा नहीं कर पा रहा हो। इसका कारण उसकी आंखों में आने वाली कमजोरी हो। हो सकता है उसकी आंखों को फोकस करने में समस्या आ रही हो और उन्हें एकदम से बोर्ड, कॉपी और कई चीजों की ओर देखना पड़ रहा हो और इसी वजह से वह किसी एक चीज पर फोकस न कर पा रहे हों। अगर आपका बच्चा स्कूल के काम सही से नहीं कर पा रहा है तो एक बार उसकी आंखें भी जरूर चेक करवा लें।
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2. स्क्विंटिंग
यह भी आंखों का एक रिफ्रेक्टिव एरर होता है। जिसमें आपकी आंख किसी चीज को कितने ध्यान से देख सकते हैैं वह क्षमता प्रभावित होती है। केवल कुछ समय तक ही इस समस्या के साथ बच्चा पूरे फोकस के साथ देख पाता है। इसके बाद उसे देखने में समस्या आने लगती है। यह लक्षण बताता है कि आपके बच्चे को चश्मे की जरूरत है और उसे आंखों के डॉक्टर के पास जरूर लेकर जाएं।
3. गैजेट्स का प्रयोग
टीवी बहुत पास से देखना या हाथ में ली जाने वाली चीजों को आंखों के काफी पास रखना या सिर को काफी नीचे रख कर यंत्र देखना। यह सारे नजर कमजोर होने के ही लक्षण होते हैं। जिन लोगो को मायोपिया या नियर साइटनेस की दिक्कत होती है उन्हें कोई चीज केवल पास लाने पर ही दिखाई देती है, वह दूर से किसी चीज को साफ नहीं देख सकते हैं। अगर आपका बच्चा ऐसे लक्षण दिखा रहा है तो हो सकता है उन्हें चश्मे की जरूरत हो।
4. आंखों को अधिक मसलना
अगर आप का बच्चा अधिक आंखों को मसलता रहता है तो इसका भी यही मतलब है कि बच्चे की आंखें कमजोर हो रही हैं और उन्हें चश्मे की जरूरत पड़ सकती है। इसका अर्थ है कि आपका बच्चा आंखों में थकान महसूस कर रहा है। इस स्थिति को एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस कहा जाता है। जब भी बच्चा आंख मसलता है तो उसे नोटिस करें और ऐसा अगर बार-बार होता है तो उसे डॉक्टर के पास लेकर जाएं।
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5. आंखों में या सिर में दर्द
अगर रात में आपका बच्चा सिर दर्द या आंखों में दर्द की शिकायत करता है और ऐसा हर रोज होता है तो यह भी आंखों की कमजोरी को दर्शाता है। इसका अर्थ है कि आप का बच्चा किसी चीज को देखने के लिए अपनी आंखों पर अधिक प्रेशर डाल रहा है। इसका अर्थ है बच्चे को धुंधला दिखाई दे रहा है जिसके कारण उसका सिर दर्द हो रहा है।
बच्चे की आंखों का ध्यान जरूर रखें। उनकी साल में एक बार विजुअल स्क्रीनिंग करवा लें। ताकि समस्या का पता चल सके। इन लक्षणों के दिखने पर बच्चे को आंखों के डॉक्टर के पास जरूर लेकर जाएं और अगर उन्हें जरुरत हो तो चश्मे भी चढ़वा दें।