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बढ़ता प्रदूषण प्रेग्नेंट महिलाओं को कैसे प्रभावित कर सकता है? जानें इससे जुड़े जोखिम

How Air Pollution Impacts On Pregnant Women: प्रदूषण की वजह से आपको कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आगे जानते हैं कि बढ़ते प्रदूषण की वजह से प्रेग्नेंट महिला पर क्या असर पड़ सकता है?
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बढ़ता प्रदूषण प्रेग्नेंट महिलाओं को कैसे प्रभावित कर सकता है? जानें इससे जुड़े जोखिम

प्रेग्नेंसी में महिलाओं को कई तरह के सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है। दरअसल, इस समय महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे को कई तरह का जोखिम होता है। ऐसे में महिलाओं की जीवनशैली और डाइट में बदलाव करने की सलाह दी जाती है। डॉक्टर्स की मानें तो इस समय महिलाओं के लाइफस्टाइल का असर काफी हद तक बच्चे पर पड़ता है। साथ ही, प्रदूषण (Pollution) भी बच्चे और महिला के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इससे महिलाओं के लंग्स प्रभावित हो सकते हैं, जो उनके शरीर में ऑक्सीजन लेवल को कम (Low Oxygen Level) करने का काम करते हैं। ऐसे में महिला के अंगों तक पर्याप्त ऑक्सीजन वाला रक्त न पहुंचने से उनको थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है,जो बच्चे के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती है। इस लेख में कोकून अस्पताल जयपुर की सीनियर कंसल्टेंट ऑब्सट्रेट्रिक्स एंड गाइनाक्लॉजी डॉक्टर प्रिया गुप्ता से जानते हैं कि बढ़ते प्रदूषण प्रेग्नेंट महिलाओं को कैसे प्रभावित कर (how air pollution impacts on pregnant women) सकता है?

प्रदूषण से प्रेग्नेंट महिलाओं पर क्या असर पड़ सकता है? - How Air Pollution Impacts On Pregnant Women in Hindi

प्रदूषण की वजह से प्रेग्नेंट महिलाओं को हाई बीपी का जोखिम

लंबे समय तक प्रदूषित वायु में रहने की वजह से प्रेग्नेंट महिलाओं को कई तरह की समस्याएं हो सकती है। प्रदूषित वायु में कार्बन मोनोऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड मौजूद होती है, यह प्रेग्नेंट महिलाओं के ब्लड प्रेशर में बदलाव कर सकती है। इससे कुछ महिलाओं को हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम बढ़ (High Blood Pressure in Pregnancy) सकता है। वहीं, हाई ब्लड प्रेशर प्रेग्नेंट महिलाओं में प्रीकलेम्पसिया होने की संभावना बढ़ा सकता है। यह समस्याएं महिलाओं की किडनी और लिवर को प्रभावित कर सकती हैं।

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बच्चे पर पड़ने वाले प्रभाव

प्रेग्नेंसी में महिलाओं को शरीर में होने वाले बदलाव ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित कर सकते हैं। इससे बच्चे के मिलने वाले पोषक तत्व और ऑक्सीजन में बाधा उत्पन्न हो सकती है। प्रेग्नेंट महिला के द्वारा हानिकारक तत्व गर्भ में पल रहे बच्चे तक पहुंच सकते हैं। इससे बच्चे की ग्रोथ (Baby Growth) प्रभावित हो सकती है। साथ ही, बच्चे को कम वजन, समय से पहले जन्म होना या शिशु में शारीरिक और मानसिक समस्याएं हो सकती हैं।

समय से पहले डिलीवरी का जोखिम बढ़ना

प्रदूषण की वजह से कुछ महिलाओं को सूजन और इंफ्लेमेशन जैसी समस्याएं होती है, जो यूट्रेस में कॉन्ट्रेक्शन की वजह बन सकती है। ऐसे में महिलाओं को समय पहले ही डिलीवरी (Premature Delivery) होने का जोखिम बढ़ जाता है। यदि, महिलाएं निर्धारित समय से पहले बच्चे को जन्म देती हैं तो इससे शिशु को श्वास संबंधी समस्याएं और इम्यून सिस्टम की कमजोरी ज्यादा होती है।

हृदय रोग का जोखिम बढ़ना

प्रदूषण से प्रेग्नेंट महिलाओं के रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट और हार्ट पर बुरा असर पड़ (Heart Disease Risk in Pregnancy) सकता है। वायु में मौजूद प्रदूषित कण रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में इकट्ठा होकर रेस्पिरेटरी से जुड़ी समस्याएं जैसे अस्थमा और ब्रोंकाइटिस आदि का कारण बन सकती हैं। इसके अलावा, प्रेग्नेंसी में ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होने से हृदय प्रणाली पर भी बुरा असर पड़ सकता है।

शिशु में जन्म से होने वाली विकृतियों का खतरा

वायु प्रदूषण से गर्भ में पल रहे शिशु को कॉग्नेटिव और न्यूरोलॉजिकल समस्याओं को खतरा हो सकता है। प्रदूषण में पाए जाने वाले तत्व जैसे सीसा, पारा आदि से शिशु को जन्म से होने वाली विकृतियों का जोखिम (Risk of birth defect) बढ़ जाता है।

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How Air Pollution Impacts On Pregnant Women In Hindi: इससे बचने के लिए प्रेग्नेंट महिलाएं घर में प्यूरीफायर लगा सकती हैं। इसके अलावा, प्रेग्नेंसी में महिलाओं को प्रदूषण होने पर बाहर जाते समय मास्क का उपयोग करना चाहिए। साथ ही, डॉक्टर की सलाह पर डाइट और लाइफस्टाइल में आवश्यक बदलाव करने चाहिए। वहीं, इसके प्रभावों को कम करने के लिए डॉक्टर से नियमित रूप से जांच करानी चाहिए।

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