ठंडी या गर्म सिंकाई, जोड़ों का दर्द दूर करने के लिए क्या है ज्यादा कारगर?

जोड़ों में दर्द के लिए अक्सर लोग सिंकाई करते हैं। लेकिन यह जान लेना जरूरी है कि जोड़ों के दर्द के लिए कौन सी ज्यादा कारगर है।
  • SHARE
  • FOLLOW
ठंडी या गर्म सिंकाई, जोड़ों का दर्द दूर करने के लिए क्या है ज्यादा कारगर?


आज के समय में जोड़ों की दर्द की समस्या बहुत आम हो गई है। ऐसा हमारी खराब जीवनशैली की वजह से है। हालांकि विशेषकर बुजुर्ग लोगों को जोड़ों की दर्द की समस्या बनी रहती है। जोड़ों में दर्द होने पर लोग गर्म सिंकाई या ठंडी सिंकाई करते हैं। दर्द से आराम दिलाने के लिए ये दोनों ही बहुत ही कारगर उपाय हैं। लेकिन यह जानना जरूरी हो जाता है कि जोड़ों के दर्द के लिए इन दोनों तरीकों में से बेहतर कौन-सा है? माना जाता है कि ज्वॉइंट्स, मसल्स और टिश्यू की स्टिफनेस को दूर करने, साथ ही दर्द में आराम पहुंचाने के लिए इन दोनों की अपनी-अपनी भूमिका है। फिर भी यह जान लेना ज्यादा जरूरी हो जाता है कि इनमें से बेहतर कौन सा है और किस उपाय को उपयुक्त समय में अपनाना चाहिए।

hot or cold compression for joint pain

कब करें ठंडी सिंकाई

सबसे पहले बात करते हैं गर्म सिंकाई की। शरीर के जिस हिस्से में दर्द होता है, वहां गर्म सिंकाई की जाती है, ताकि ब्लड वेसल्स को फैलाने में मदद मिले। इससे जोड़ों को आराम मिलता है। इसी तरह गर्म सिंकाई गठिया के कारण होने वाले जोड़ों के दर्द से भी आराम देता है। अक्सर देखने में आता है कि बुजुर्ग लोग मॉर्निंग स्टिफनेस से ज्यादा परेशान रहते हैं। ऐसे में भी आप गर्म सिंकाई कर सकते हैं। ऐसा 15-20 मिनट के लिए करने से दर्द में काफी आराम मिलता है। इससे जोड़ों की ऐंठन कम होती है, कमर दर्द में राहत मिलती है और पीठ के निचले हिस्से में भी आराम मिलता है।

इसे भी पढें : दर्द से तुरंत राहत के लिए गर्म सिंकाई करें या ठंडी? जानें क्या है बेहतर

कब करें ठंडी सिंकाई

जहां तक बात ठंडी सिंकाई की है, तो यह भी जोड़ों के दर्द में आराम देने का काम करता है। लेकिन ठंडी सिंकाई चोट या घाव के लिए बेहतर होता है। चोट पर ठंडी सिंकाई करने की वजह से रक्त प्रवाह कम होता है। साथ ही सूजन और टिश्यू की क्षति में कमी आती है। साथ ही बर्फ से सिंकाई करने से सूजन कम होती है, मांसपेशियों का दर्द कम होता है और जोड़ों के दर्द में भी यह कारगर है। लेकिन चोट और घांव के लिए ठंडी सिंकाई को प्राथमिकता दी जाती है।

जोड़ों के दर्द के लिए क्या है बेहतर

दोनों तरह की सिंकाई की अपनी-अपनी अहमियत होती है और दोनों ही तरह से सिंकाई की जाती है। जहां एक ओर ठंडी सिंकाई करने से ब्लड फ्लो में कमी आती है। इसलिए इसे अक्सर चोट लगने के 48 घंटों के भीतर ठंडी सिंकाई की जाने की सलाह दी जाती है। यहां तक कि ऑस्टियोआर्थराइटिस के मरीजों को भी ठंडी सिंकाई (बर्फ से मालिश करना) या 10-15 मिनट के लिए ठंडे पैड का उपयोग करने के लिए कहा जाता है। वहीं दूसरी ओर गर्म सिंकाई को शारीरिक गतिविधियों या एक्सरसाइज से पहले करने का सुझाव दिया जाता है। ऐसे में यह कहना जरा भी गलत नहीं होगा कि आप अपनी जरूरत के अनुसार ठंडी या गर्म सिंकाई कर सकते हैं। लेकिन जहां तक जोड़ों के दर्द की बात है, तो इसके लिए विशेषज्ञ गर्म सिंकाई की सलाह देते हैं। हालांकि साथ ही यह सुझाव भी देते हैं कि सूजन होने पर गर्म सिंकाई नहीं की जानी चाहिए।

image credit : freepik

Read Next

आंतों की टीबी की जांच कैसे होती है? डॉक्टर से जानें इसके निदान के लिए जरूरी टेस्ट

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version