गर्भावस्था के दौरान शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिसके कारण कई महिलाओं को राइनाइटिस (Pregnancy Rhinitis- नाक की सूजन या एलर्जी) की समस्या हो जाती है। इसमें महिलाओ को नाक बंद होने, नाक में सूजन, बार-बार छींक आना या खुजली लगने जैसी समस्या होने लगती है। यह स्थिति महिला को असहज करती है, ऐसे में महिला को आराम नहीं मिलता है और उनका ध्यान बार-बार नाक की ओर ही चला जाता है। यह समस्या ज्यादातर दूसरी और तीसरी तिमाही में देखने को मिलती है। हालांकि इस समस्या को दूर करने के लिए कई तरह की दवाएं उपलब्ध होती है। लेकिन, कई मामलों में इसके हल्के लक्षण घरेलू उपायों से ही ठीक हो जाते हैं। इस लेख में साईं पॉलिक्लीनिक की सीनियर गाइनाक्लॉजिस्ट कंसल्टेंट डॉक्टर विभा बंसल से जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में राइनाइटिस की समस्या को कम करने के लिए कौन से घरेलू उपायों से मदद मिल सकती है।
गर्भावस्था में राइनाइटिस के कारण - Causes Of Rhinitis During Pregnancy in Hindi
- हार्मोनल बदलाव- प्रेगनेंसी में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बढ़ने से नाक की झिल्ली में सूजन आ सकती है।
- खून की मात्रा में वृद्धि – यह नाक की रक्त नलिकाओं को सूजा सकती है। ऐसे में महिला को नाक बंद होने की परेशान होती है।
- धूल, पराग, पालतू जानवरों के बाल या प्रदूषण से एलर्जिक राइनाइटिस हो सकती है।
- कई मामलो में सर्दी-जुकाम या साइनस इंफेक्शन भी राइनाइटिस का कारण बन सकता है।
गर्भावस्था में राइनाइटिस के लक्षण - Symptoms Of Rhinitis During Pregnancy in Hindi
- सूजन की वजह से नाक का बंद होना
- लगातार नाक बहना
- नाक और आंखों में खुजली महसूस होना
- रात को सांस लेने में तकलीफ
- गले में खराश महसूस होना
- बार-बार छींकें आना, इसके ज्यादातर लक्षण सामान्य सर्दी से मिलते जुलते होते हैं।
गर्भावस्था में राइनाइटिस से राहत पाने के घरेलू उपाय - Home Remedies Of Rhinitis During Pregnancy In Hindi
स्टीम इनहेलेशन (भांप लेना)
गर्म पानी में नीलगिरी का तेल (Eucalyptus oil) मिलाकर भांप लेने से नाक की सूजन कम होती है। नीलगिरी के तेल के अलावा आप पिपरमिंट ऑयल की भाप भी ले सकते हैं। इससे सांस लेने में आसानी मिलती है। आराम पाने के लिए आप दिन में दो बार स्टीम ले सकती हैं।
नमक वाले पानी से नाक धोना (Saline Nasal Rinse)
नमक मिले गुनगुने पानी से नाक की सफाई करने से एलर्जी और म्यूकस साफ होता है। बाजार में सेलाइन स्प्रे भी उपलब्ध होते हैं जो प्रेगनेंसी सेफ होते हैं।
कमरे में ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें
अगर आप शुष्क वातावरण में रह रही हैं, तो कमरे में ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें। यह नाक को सूखने से बचाता है और आराम देता है।
गर्म तरल पदार्थ लें सकती है
हल्दी वाला दूध, तुलसी-अदरक की चाय, या गर्म पानी से गरारे करने से गले और नाक को राहत मिलती है। इस दौरान हल्दी वाले दूध में हल्की बेहद कम मात्रा में मिलानी चाहिए, क्योंकि हल्दी की तासीर गर्म होती है।
हाइड्रेशन का ध्यान रखें
पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर में म्यूकस पतला रहता है, जिससे वह आसानी से निकलता है।
सिर ऊंचा रखकर सोएं
सोते समय सिर के नीचे दो तकिये रखें ताकि म्यूकस जमा न हो और सांस लेने में दिक्कत न हो।
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गर्भवती महिलाओं के लिए अनुलोम-विलोम और भ्रामरी प्राणायाम जैसे सांसों से जुड़े योग फायदेमंद हो सकते हैं। इससे नाक का मार्ग खुलता है और मन शांत रहता है। ध्यान रखें कि कोई भी आसन डॉक्टर की सलाह से ही करें। इस दौरान बिना डॉक्टर सलाह के किसी तरह के उपायों को न अपनाएं। गर्भावस्था एक संवेदनशील समय होता है और किसी भी स्वास्थ्य समस्या को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। प्रेगनेंसी राइनाइटिस भले ही गंभीर न हो, लेकिन यह नींद, आराम और दैनिक जीवन को प्रभावित कर सकती है।
FAQ
क्या गर्भावस्था में राइनाइटिस बच्चे पर असर डालता है?
नहीं, प्रेगनेंसी राइनाइटिस आमतौर पर बच्चे को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता। लेकिन अगर नींद या सांस लेने में दिक्कत होती है, तो यह माँ की थकान और चिड़चिड़ापन बढ़ा सकता है।क्या एलर्जी से होने वाली नाक की समस्या और प्रेगनेंसी राइनाइटिस में फर्क है?
हां, एलर्जी में आंखों में खुजली, बुखार जैसे लक्षण भी होते हैं, जबकि प्रेगनेंसी राइनाइटिस हार्मोनल बदलाव के कारण होती है और सिर्फ नाक से संबंधित होती है।क्या राइनाइटिस डिलीवरी के बाद ठीक हो जाता है?
हां, ज्यादातर मामलों में यह समस्या बच्चे के जन्म के बाद 2 से 3 सप्ताह में अपने आप ठीक हो जाती है।