शरीर में संतुलित मात्रा में सभी पोषक तत्वों का रहना जरूरी होता है लेकिन जब यही पोषक तत्व शरीर में ज्यादा या कम मात्रा में होते हैं तो इसकी वजह से कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पोटेशियम की पर्याप्त और संतुलित मात्रा होना जरूरी है। लेकिन जब शरीर में पोटेशियम की अधिकता हो जाती है तो इसकी वजह से कई समस्याएं पैदा होने लगती हैं। शरीर के लिए पोटेशियम बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है और ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा पोटेशियम शरीर में तंत्रिका तंत्र की कार्य प्रणाली को सही ढंग से काम करने में भी मदद करता है। शरीर में पोटेशियम की मात्रा बढ़ जाने या पोटेशियम की अधिकता (High potassium In Body) होने पर आपको तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याएं, ब्लड प्रेशर, किडनी से जुड़े रोग और हार्ट से जुड़ी कई गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है। आमतौर पर लोग यह समझते हैं कि केले में सबसे ज्यादा पोटेशियम पाया जाता है लेकिन केले के अलावा तमाम खाद्य पदार्थों में पोटेशियम की पर्याप्त मात्रा होती है। आइये विस्तार से जानते हैं शरीर में पोटेशियम की अधिकता होने पर दिखने वाले लक्षण क्या है हैं और इसकी वजह से क्या समस्याएं हो सकती हैं।
शरीर में पोटेशियम की अधिकता के लक्षण (High potassium In Body Symptoms In Hindi)
शरीर में पोटेशियम की मात्रा कई कारणों से बढ़ सकती है, इसका सबसे प्रमुख कारण अधिक मात्रा में पोटेशियम से युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन भी हो सकता है। डीडीयू अस्पताल दिल्ली के डॉ़ विनीत कुमार के मुताबिक शरीर में पोटेशियम की मात्रा बढ़ने की स्थिति को मेडिकल की भाषा में हाइपरकैलीमिया कहा जाता है। इस स्थिति में आपको तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याएं, हार्ट फेलियर, दिल की धड़कन का असंतुलित होना जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं। सामान्य रूप से शरीर में पोटेशियम किडनी के जरिए बाहर निकल जाता है लेकिन कई बार जब यह बाहर नहीं निकल पाता है तो इसकी मात्रा शरीर में बढ़ने लगती है। हर व्यक्ति में पोटेशियम की मात्रा बढ़ने पर दिखने वाले लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन शरीर में पोटेशियम की अधिकता होने पर दिखने वाले प्रमुख लक्षण इस प्रकार से हैं।
1. मांसपेशियों में कमजोरी।
2. सुन्नता या झुनझुनी महसूस होना।
3. दिल की धड़कन का अनियमित होना।
4. सीने में तेज दर्द।
5. उल्टी और मतली आना।
6. सांस लेने में तकलीफ।
7. पेट में दर्द।
8. मानसिक संतुलन से जुड़ी समस्या।
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पोटेशियम की मात्रा बढ़ने से होने वाली दिक्कतें (High potassium In Body Complications)
शरीर में पोटेशियम का लेवल बढ़ने और घटने दोनों ही स्थितियों में समस्या होती है। शरीर की कोशिकाओं को सामान्य रूप से काम करने के लिए पोटेशियम की आवश्यकता होती है लेकिन जब शरीर में इसका अस्तर बढ़ जाता है तो कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं। सामान्य रूप से शरीर में ब्लड पोटेशियम लेवल 3.5-5.0 मिली लीटर प्रति लीटर (mEq/L) होना चाहिए। जब इसका लेवल इस मात्रा से कम या अधिक होता है तो शरीर में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। शरीर में ब्लड पोटेशियम का स्तर बढ़ने से आपको हार्ट से जुड़ी कई गंभीर समस्याएं जैसे हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर का सामना करना पड़ सकता है। शरीर में पोटेशियम की अधिकता होने पर ये समस्याएं हो सकती हैं।
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- दिल की धड़कन का अनियमित होना।
- हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर का खतरा।
- डायबिटीज की समस्या।
- किडनी से जुड़े गंभीर रोगों का खतरा।
- तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याएं।
- मूत्र से जुड़ी परेशानियां।
- मांसपेशियों का कमजोर होना।
पोटेशियम की मात्रा बढ़ने पर बचाव के उपाय (How To Prevent High Potassium in Body?)
शरीर में पोटेशियम के फायदे कई हैं लेकिन इसकी मात्रा बढ़ने या घटने कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। शरीर में पोटेशियम की मात्रा बढ़ने के लक्षण दिखाई देने पर आपको सबसे पहले डॉक्टर की सलाह लेकर इसकी जांच करानी चाहिए। जांच के बाद आपको चिकित्सक दवाओं के सेवन की सलाह दे सकते हैं। शरीर में पोटेशियम की मात्रा बढ़ने पर आपको खाने-पीने में परहेज करना चाहिए। ऐसे में आपको केला, अंजीर, आलू, आलूबुखारा, संतरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। डाइट से जुड़ी आदतों में बदलाव कर आप शरीर में पोटेशियम की मात्रा को कंट्रोल कर सकते हैं। केले, संतरे, खुबानी, अंगूर, किशमिश, खजूर, पालक, ब्रोकोली, आलू, शकरकंद, मशरूम, मटर, खीरे, टमाटर आदि में पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है।
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