महिलाओं के लिए गर्भ धारण करने का अनुभव बहुत ही अनोखा माना जाता है। इस दौरान महिलाओं में कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं। वजन के साथ-साथ हार्मोंस में भी काफी बदलाव होता है। शरीर के इन्हीं बदलावों में हार्ट रेट यानि दिन की धड़कने बढ़ना भी इन्हीं शारीरिक बदलावों में शामिल किया गया है। सामान्य रूप से दिल की धड़कने बढ़ना नॉर्मल होता है, लेकिन अगर हार्ट रेट काफी ज्यादा बढ़ने लगे, तो डॉक्टर्स के पास जाना चाहिए। चलिए इस लेख पर विस्तार से चर्चा करते हैं-
गर्भावस्था में क्यों बढ़ जाता है हार्ट रेट
मेडिकल एक्सपर्ट्स के अनुसार, एक सामान्य व्यक्ति का दिल 60 से 80 प्रति मिनट की रफ्तार से धड़कता है। महिला स्वास्थ्य रोग विशेषज्ञ डॉ. ममता साहू का कहना है कि एक गर्भवती महिला की दिल की धड़कने 100 तक बढ़ना सामान्य है। कभी-कभी हार्ट रेट इससे ज्यादा हो सकती हैं। गर्भवती महिलाओं को मेडिकल की भाषा में टैचीकार्डिया कहते हैं। दिल की धड़कने बढ़ना गर्भावस्था में सामान्य है।
डॉक्टर का कहना है कि गर्भावस्था में भ्रूण के विकास के लिए शिशु को अधिक ब्लड की जरूरत होती है। ऐसे में ब्लड की पूर्ति के लिए गर्भवती के शरीर को अधिक ब्लड पंप करना पड़ता है। इस वजह से गर्भवती महिलाओं के दिल की धड़कने काफी तेज होती हैं। इसके अलावा हार्ट रेट बढ़ने के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं।
धड़कन तेज होने के लक्षण
- सांसे अधिक फूलना
- बैठने और लेटने में परेशानी
- सिर में दर्द होना और चक्कर जैसा महसूस होना
- दिल की धड़कनें रुक जाना
- लगातार खांसी आना
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ऐसी स्थिति दिखने पर तुरंत डॉक्टर्स से संपर्क करें। आइए जानते हैं गर्भावस्था में दिल की धड़कन बढ़ने के अन्य कारण-
गर्भावस्था में कैफीन का अधिक सेवन
अगर आप गर्भावस्था में अधिक चाय या कॉफी का सेवन करती हैं, तो इससे दिल की धड़कने बढ़ने की संभावना होती है। कैफीन से आपके सेंट्रल नर्वस सिस्टम उत्तेजित होते हैं। इस वजह से आपका हार्ट रेट काफी तेजी से बढ़ने लगता है। ऐसे में कोशिश करें कि गर्भावस्था के दौरान कम चाय और कॉफी पिएं।
तनाव भी हो सकता है धड़कने बढ़ने का कारण
डॉक्टर्स ममता साहू बताती हैं कि अधिक तनाव लेने से भी गर्भवती महिलाओं की दिल की धड़कने बढ़ने लगती हैं। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपने बच्चे और खुद के सेहत की काफी चिंता बनी रहती है। वे इस बात को लेकर हमेशा सोचती रहती हैं। कुछ महिलाओं को इस बात की चिंता सताती है कि उनकी डिलीवरी सामान्य होगी या नहीं। अगर सर्जरी से हुआ, तो कैसे होगा। जैसे कई बातें गर्भावस्था के दौरान उनके मन में आती रहती हैं।
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भ्रूण का विकास
गर्भाशय में जैसे-जैसे भ्रूण का विकास होता है, वैसे-वैसे महिलाओं के शरीर में भी बदलाव आने शुरू हो जाते हैं। शिशु के विकास के लिए गर्भवती महिला के शरीर को अधिक ब्लड की आवश्यकता होती है, ऐसे में उनका शरीर ज्यादा ब्लड पंप करता है। इससे दिल की धड़कने काफी तेज हो जाती हैं।
थायराइड और एनीमिया की शिकायत
गर्भावस्था के दौरान कई महिलाओं को एनीमिया और थायराइड की शिकायत हो जाती है। शरीर में ब्लड की कमी के कारण दिल की धड़कने काफी ज्यादा बढ़ने लगती हैं। इसके साथ ही थायराइड बढ़ने से महिलाओं को अन्य कई समस्याएं होने लगती हैं।
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