मौजूदा वक्त में प्रदूषित वातावरण, युवाओं के बीच धूम्रपान का बढ़ता चलन और खराब खान-पान न केवल आपको बीमार बनाने का काम करता है बल्कि आपके शरीर के कई अंगों को नुकसान भी पहुंचाता है। इन कारकों से शरीर के प्रभावित अंगों में हमारे फेफड़े भी शामिल हैं। धूम्रपान और प्रदूषित वातावरण का सीधा असर हमारे फेफड़ों पर होता है, जिस कारण हमारी उम्र घट रही है। कई शोध में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि वायु प्रदूषण के कारण लोगों की उम्र 7 से 8 साल तक कम हो गई है। हाल ही में वैंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक शोध में पाया है कि हाई फाइबर डाइट और दही फेफड़ों के कैंसर (lung cancer) के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं।
जर्नल जेएएमए ओंकोलॉजी में प्रकाशित निष्कर्ष अमेरिका, यूरोप और एशिया में रहने वाले 14 लाख व्यस्कों पर किए गए अध्ययन में प्राप्त डेटा के विश्लेषण पर आधारित है।
अमेरिका की वैंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर और अध्ययन की वरिष्ठ लेखक शियाओ-ओयू शू का कहना है कि हमारा अध्ययन हाई फाइबर और दही की डाइट की सिफारिश करने वाली अमेरिका की 2015-2020 की डाइटरी गाइडलाइन का समर्थन करने के पुख्ता सबूत प्रदान करता है।
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अध्ययन के लिए, शोधकर्ताओं ने डेटा को पांच समूहों में विभाजित किया। ये समूह उनके द्वारा खाए गाए फाइबर और दही की मात्रा के आधार पर विभाजित किए गए थे।
शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया कि वे व्यस्क, जिन्होंने दही और फाइबर का अधिक सेवन किया उनमें फेफड़ों के कैंसर का जोखिम 33 फीसदी कम पाया गया। विशेषकर उन लोगों की तुलना में जिन्होंने फाइबर की कम मात्रा का सेवन किया और दही बिल्कुल भी नहीं खाया।
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उन्होंने कहा, ''इस प्रतिकूल संबंध को पुरुषों, महिलाओं और विभिन्न परिवेश में रहने वाले लोगों में मजबूत पाया गया, फिर चाहे वह अतीत में धूम्रपान करते हों नहीं। ये संबंध मौजूदा वक्त में धूम्रपान करने वाले लोगों में भी पाया गया।''
शू ने कहा, ''ये स्वास्थ्य लाभ इन दोनों चीजों में मौजूद प्रीबायोटिक और प्रोबायोटिक गुमों के कारण हो सकता है। '' प्रीबायोटिक फूड वे फूड होते हैं, जो गैर-सुपाच्य होते हैं। ये आंत में फायदेमंद सूक्ष्म जीवों के विकास को बढ़ाने का काम करते हैं।
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