बॉडी टेंपरेचर यानि शरीर के तापमान के बढ़ने को आमतौर पर लोग बुखार समझ लेते हैं, लेकिन कई बार यह स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य समस्याओं का भी कारण बनता है। बॉडी टेंपरेचर बढ़ने के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। कई बार यह छाती या फिर पेट के इंफेक्शन की ओर भी इशारा हो सकता है। हाल ही में जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक बॉडी टेंपरेचर बढ़ने पर डिप्रेशन की समस्या हो सकती है।
क्या कहती है स्टडी?
यूसी सैन फ्रैंसिस्को द्वारा की गई इस स्टडी के मुताबिक बॉडी टेंपरेचर बढ़ने से मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। शरीर का तापमान बढ़ने पर आपको डिप्रेशन की समस्या से जूझना पड़ सकता है। शोधकर्ताओं ने इस स्टडी में 106 देशों के कुल 20 हजार लोगों को शामिल किया गया, जिसमें देखा गया कि बॉडी टेंपरेचर बढ़ने पर डिप्रेशन के लक्षण देखे गए थे। इस विषय पर कुल 7 महीनों तक शोध चला था।
तापमान बढ़ना हो सकता है इन समस्याओं का लक्षण
- शरीर का तापमान बढ़ने पर इसे आम समस्या समझकर नजरअंदाज करने से बचें।
- इससे शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकता है।
- शरीर में गर्माहट बनी रहना कई बार हाइपोथायरायडिज्म का भी लक्षण हो सकता है।
- बॉडी टेंपरेचर बढ़ने पर कई बार मानसिक स्थिति पर भी असर पड़ कता है। इससे डिप्रेशन भी हो सकता है।
- बॉडी टेंपरेचर बढ़ने पर हल्का बुखार या फिर इंफेक्शन होने जैसी आशंका भी रहती है।
डिप्रेशन से बचने के तरीके
- डिप्रेशन से बचने के लिए आपको अपने लाइफस्टाइल में सुधार करने की जरूरत है।
- डिप्रेशन से बचने के लिए आपको डाइट पर ध्यान देना चाहिए। ऐसे में आपको फल, सब्जियों और नट्स आदि का सेवन करना चाहिए।
- इससे बचने के लिए आपको नियमित तौर पर एक्सरसाइज करने के साथ ही साथ शारीरिक रूप से भी एक्टिव रहना चाहिए।
- डिप्रेशन से बचने के लिए आपको प्राणायाम और मेडिटेशन का अभ्यास करना चाहिए।
- इसके लिए आपको अपने पसंदीदा कार्य करने चाहिए, जिससे आपको खुशी मिले।