पिछले एक दशक में भारतीय रसोईघर मॉर्डन किचन का रूप ले चुकी है और उसकी जरूरतें भी उसी अनुसार बदल रही हैं। सब्जी, नट्स और फलों को काटने के लिए पहले हसिया का इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन इन दिनों किचन में चीजों को काटने के लिए चाकू और चॉपिंग बोर्ड्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। प्लास्टिक, स्टील और कई धातुओं से बनें चॉपिंग बोर्ड बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं। लेकिन स्वास्थ्य कारणों से लोग लड़की से बनें हुए चॉपिंग बोर्ड का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं।
मैं खुद अपने किचन में लड़की के चॉपिंग बोर्ड का इस्तेमाल करती थी। लेकिन जब मैंने एक्सपर्ट की बात सुनी और ये जाना कि लड़की का चॉपिंग बोर्ड स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद नहीं बल्कि नुकसानदायक होता है, तो इसका इस्तेमाल करना बंद कर दिया। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताने जा रहे हैं लकड़ी के चॉपिंग बोर्ड का इस्तेमाल करने से स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान के बारे में।
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न्यूट्रिशनिस्ट और वेटलॉस स्पेशलिस्ट लीमा महाजन (Leema Mahajan Nutritionist & Weight loss specialist) की कहना है कि लकड़ी के चॉपिंग बोर्ड का प्रयोग पिछले कुछ सालों में महिलाओं के बीच लकड़ी के चॉपिंग बोर्ड का इस्तेमाल काफी बढ़ा हुआ है। लकड़ी के चॉपिंग बोर्ड देखने में आकर्षक होते हैं। साथ ही, किचन को एक शानदान लुक भी देते हैं। लेकिन ये गुड लुकिंग चॉपिंग बोर्ड सेहत के लिए नुकसानदायक होते हैं। आइए जानते हैं कैसे
- लड़की के चॉपिंग बोर्ड पर जब किसी प्रकार की सब्जी, फल या मीट को काटा जाता है, तो बैक्टीरिया लड़की की सतह में समा जाता हैं। इससे नमी और कार्बनिक पदार्थ बैक्टीरिया के पनपने के लिए आदर्श वातावरण बनता है। बैक्टीरिया युक्त सतह पर जब दोबारा सब्जी या कोई अन्य चीज काटी जाती है, तो वह भी दूषित हो जाती है, जिससे कई प्रकार की बीमारियों का खतरा बढ़ता है।
- बारिश के मौसम में गर्म और नम रसोई वातावरण में लकड़ी की सतह पर बैक्टीरिया तेजी से बढ़ सकते हैं। विशेष रूप से जब बोर्ड को ठीक से सुखाया नहीं जाता या धूप में नहीं रखा जाता। इससे खाने में भी बैक्टीरिया का प्रसार हो सकता है।
- लकड़ी के बोर्ड पर सब्जियों और फलों को काटते समय के साथ चाकू के गहरे निशान पड़ जाते हैं। इन दरारों में भोजन के अंश फंस सकते हैं, जिससे लड़की सड़ सकती है और बीमारी का कारण बन सकती है।
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लकड़ी के चॉपिंग बोर्ड पर पाए जाने वाले खतरनाक बैक्टीरिया
हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि लकड़ी के चॉपिंग बोर्ड पर सब्जियां, मछली, कच्चे अंडे और फल काटने से कई प्रकार के बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। आइए आगे जानते हैं आपके किचन में मौजूद लकड़ी के चॉपिंग बोर्ड पर कौन-कौन से बैक्टीरिया मौजूद होते हैं।
1. साल्मोनेला : यह एक खतरनाक बैक्टीरिया है जो मांस, मछली और कच्चे अंडों से फैलता है। यदि आप चिकन काटने के बाद उसी बोर्ड पर बिना धोए सब्जी काटते हैं, तो यह बैक्टीरिया सब्जी में ट्रांसफर हो सकता है।
2. ई.कोलाई (E.coli) : यह बैक्टीरिया मानव मल में पाया जाता है और यदि हाथ या बोर्ड ठीक से साफ न किया गया हो, तो यह खाने में मिल सकता है।
3. लिस्टेरिया (Listeria monocytogenes) : यह बैक्टीरिया रेफ्रिजरेटर में भी जीवित रह सकता है और लकड़ी के बोर्ड पर विशेष रूप से पनपता है यदि मांस या दूध उत्पाद काटे जाते हैं।
4. क्लोस्ट्रीडियम (Clostridium perfringens): यह बैक्टीरिया भोजन विषाक्तता का कारण बन सकता है, खासकर यदि पका हुआ खाना संक्रमित बोर्ड पर रखा जाए।
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लकड़ी के चॉपिंग बोर्ड से जुड़े संभावित स्वास्थ्य जोखिम
1. फूड पॉइजनिंग- यदि लकड़ी के बोर्ड को ठीक से साफ नहीं किया गया हो, तो उसमें पनप रहे बैक्टीरिया भोजन के माध्यम से पेट में जाकर फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकते हैं।
2. क्रॉस-कंटैमिनेशन- एक ही बोर्ड पर बार-बार सब्जी, मांस, और अन्य खाद्य पदार्थ काटना संक्रमण को फैला सकता है। इससे संक्रमण की चेन बन जाती है।
3. एलर्जी और स्किन रिएक्शन- कुछ लकड़ियों (जैसे बंबू या शीशम) में प्राकृतिक रेजिन होती है जो कुछ लोगों को एलर्जिक रिएक्शन दे सकती है।
निष्कर्ष
लकड़ी के चॉपिंग बोर्ड भले ही प्राकृतिक और पारंपरिक हों, लेकिन इनका गलत और लापरवाह इस्तेमाल आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। बैक्टीरिया, वायरस, फंगस और खाद्य जनित रोगों का खतरा असल है। यदि आप लकड़ी का बोर्ड इस्तेमाल कर रहे हैं, तो उसकी साफ-सफाई, धूप में सुखाना, अलग-अलग फूड ग्रुप्स के लिए अलग बोर्ड रखना और समय-समय पर बदलना अनिवार्य है।