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हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (पेट से जुड़ी बीमारी) क्या है? जानें इसके लक्षण और बचाव के तरीके

नॉर्थ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के इम्युनाइजेशन ऑफिसर डॉ. पीयूष मिश्रा के अनुसार, हेलिकोबैक्टर पाइलोरी एक तरह का संक्रमण है। यह संक्रमण पेट की परत (गैस्ट्रिटिस) और छोटी आंत को प्रभावित करता है।
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हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (पेट से जुड़ी बीमारी) क्या है? जानें इसके लक्षण और बचाव के तरीके


आजकल लाइफस्टाइल, खानपान में पोषक तत्वों की कमी और कार्बोनेटेड वाटर का सेवन ज्यादा मात्रा में करने की वजह से लोगों को पेट से जुड़ी बीमारियां हो रही हैं। पेट बीमार तो पूरा शरीर ही बीमार हो जाता है। क्योंकि डॉक्टरों का मानना है कि हर बीमारी की शुरुआत गट यानी की पेट से होती है। आज हम आपको पेट से ही जुड़ी एक बीमारी हेलिकोबैक्टर (Every Health Journey Starts with the Gut) के बारे में बताने जा रहे हैं। अगर आपको लगातार में पेट में दर्द, भूख कम लगना, रेस्त्रां या कहीं भी बाहर खाना खाने के बाद पेट से जुड़ी समस्या हो रही है तो यह हेलिकोबैक्टर यानी ए एच पायलोरी (Helicobacter pylori) इंफेक्शन हो सकता है। गौर करने वाली बात यह है कि हेलिकोबैक्टर से संक्रमित ज्यादातर लोगों को इस बात की जानकारी भी नहीं होती है कि वह इस बैक्टीरिया की वजह से बार-बार बीमार पड़ रहे हैं।

क्या है हेलिकोबैक्टर पाइलोरी- What is Helicobacter Pylori in Hindi

नॉर्थ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के इम्युनाइजेशन ऑफिसर डॉ. पीयूष मिश्रा के अनुसार, हेलिकोबैक्टर पाइलोरी एक तरह का संक्रमण है। यह संक्रमण पेट की परत (गैस्ट्रिटिस) और छोटी आंत को प्रभावित करता है। इस संक्रमण से प्रभावित व्यक्ति के पेट की परत सूज जाती है, जिसकी वजह से पेट में दर्द, अपच और उल्टी जैसी समस्याएं होने लगती हैं। यह बैक्टीरिया एक व्यक्ति से दूसरे में स्लाइवा, उल्टी और मल के जरिए फैलता है। इसके अलावा दूषित भोजन करने की वजह से हेलिकोबैक्टर पाइलोरी जैसे संक्रमण परेशान कर सकता है।

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हेलिकोबैक्टर पाइलोरी के लक्षण क्या हैं- Symptoms of Helicobacter Pylori in Hindi

हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार 10 में से 8 लोगों को इस बात की जानकारी ही नहीं होती है कि वह हेलिकोबैक्टर पाइलोरी से संक्रमित है। इस संक्रमण से पीड़ित व्यक्ति में लक्षण देरी से नजर आते है। वहीं, बच्चों में इस संक्रमण के लक्षण जल्दी नजर आते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में।

  • पेट दर्द या जलन महसूस होना
  • भूख कम लगना
  • खट्टी डकार का आना
  • पेट में सूजन होना
  • पेट के निचले हिस्से में दर्द होना
  • वजन का कम होना

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हेलिकोबैक्टर पाइलोरी होने पर कौन से टेस्ट करवाने चाहिए?

डॉ. पीयूष मिश्रा के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति को हेलिकोबैक्टर पाइलोरी के लक्षण नजर आते हैं, तो उसे ब्लड टेस्ट, स्टूल टेस्ट, एंडोस्कोपी या बायोप्सी जैसे मेडिकल टेस्ट करवाने चाहिए। हालांकि यह सभी मेडिकल टेस्ट सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही करवाने चाहिए। डॉ. मिश्रा का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति को हमेशा पेट में दर्द, जलन और जी मिचलाना जैसी समस्या होती है, तो उसे पहले गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट से कंसल्ट करना चाहिए। गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट जब आपसे कहे, तभी किसी भी तरह का मेडिकल टेस्ट करवाना चाहिए।

हेलिकोबैक्टर पाइलोरी का इलाज क्या है?- Treatment of Helicobacter Pylori in Hindi

डॉ. पीयूष मिश्रा के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति को हेलिकोबैक्टर पाइलोरी संक्रमण का पता चलता है, तो उसे शुरुआती समय में ठीक होने के लिए एंटीबायोटिक दिए जाते हैं। एंटीबायोटिक्स के जरिए शरीर में बैक्टीरिया के विकास को रोकने की कोशिश की जाती है। एंटीबायोटिक्स के इस्तेमाल के बाद जब पेट में नए बैक्टीरिया का निर्माण बंद या कम हो जाता है, तब पेट के घावों को ठीक करने के लिए भी दवाएं दी जाती हैं। हेलिकोबैक्टर से राहत पाने का इलाज थोड़ा लंबा हो सकता है। अगर आप इस संक्रमण पीड़ित हैं, तो पूरा ट्रीटमेंट करवाएं। दवाओं के डोज को बीच में अधूरा न छोड़ें।

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All Image Credit: Freepik.com

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