ऋतुओं में सबसे खास है वर्षा ऋतु। चाहे आप किसी भी उम्र के हों, इस मौसम में घूमने, खेलने का आनंद लेने से आप नहीं चूंकते। इसके लिए आपको शिक्षक की या बास की डांट की क्यों ना खानी पड़े। ऐसे में सुबह, दोपहर या शाम की बाध्यता नहीं होती। जब जी किया बारिश का मज़ा लेने निकल पड़े।
लेकिन आपकी यह मौज मस्ती आपपर भारी भी पड़ सकती है। इसका अर्थ यह तो नहीं कि आप ऐसे लुभावने मौसम का मजा़ नहीं लेंगे। वातावरण में हो रहे बदलाव के कारण मच्छरों, मक्खियों और कीटाणुओं की संख्या के बढ़ने की वजह से संक्रामक बीमारियों के होने की सम्भावना बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि इस मौसम में सबसे आम प्रकार की बीमारियां दूषित आहार के सेवन से या मच्छरों के काटने से होती हैं।
दिल्ली स्थित पारस अस्पताल के डा राजीव एरी के अनुसार, ऐसे मौसम में त्वचा सम्बन्धी समस्याएं, हेपेटाइटिस, टायफायड और पानी से फैलने वाली बीमारियों का खतरा अधिक होता है इसलिए स्वच्छ पानी और आहार का ही सेवन करना चाहिए। ऐसे में बाहर का खाना कम से कम खाना चाहिए। ऐसी जगहों पर जाने से बचना चाहिए जहां पर पानी जमा हो क्योंकि इससे पैरों में या नाखूनों में फंगल इंफेक्शन भी हो सकता है।
वर्षा ऋतु में फिट रहने के टिप्स
- अगर सड़क के किनारे की पानी पुरी, चाट या चटपटे व्यंजन देखकर आपके मुंह में पानी आता है, तो सम्भल जायें। यह समय मन को नियंत्रित करने का है। ऐसे में पानी और कच्चे फलों के द्वारा होने वाला संक्रमण बहुत ही समान्य है।
- मच्छरों को घर से दूर रखने के लिए मास्कीटो रीपेलेंट ज़रूर लगायें।
- अगर आपके पैर गीले हो जाते हैं, तो उन्हें ठीक प्रकार से सुखाने के बाद ही जूते पहनें।
- गीले कपड़ों या बालों को सुखाकर ही एयर कंडीशन कमरे में जायें।
- अगर आपको अस्थमा या डायबिटीज़ है, तो ऐसी जगहों पर ना जायें जहां पर फंगस लगे हो।
नोएडा स्थित बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्यरत रूची श्रिवास्तव की शापिंग तबतक पूरी नहीं होती जबतक कि वो सड़क के किनारे की पानी पुरी ना खा लें। इस बार भी शापिंग के बाद उन्होंनें दोस्तों के साथ पानी पुरी का मज़ा लिया। लेकिन कुछ ही दिनों बाद वह टायफायड के घेरे में आ गयीं।
होल फूड्स (Whole Foods) की क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट ईशी खोसला के अनुसार वर्षा ऋतु में स्वस्थ रहने के लिए अपनी प्रतिरोधी क्षमता को मजबूत बनाना बहुत आवश्यक है क्योंकि इस मौसम सूक्ष्मजीवों की वृद्धि के लिए तापमान उपयुक्त होता है।
अपनी प्रतिरोधी क्षमता को मजबूत का सबसे आसान तरीका है स्वस्थ आहार और भरपूर व्यायाम। ऐसे में तनाव को नियंत्रित करना भी आवश्यक है।
बारिश के मौसम में बुखार, फ्लू, बैक्टीरिया, वायरस और फंगस के कारण होने वाली बीमारियों के साथ ही प्रतिरोधी क्षमता कम़जोर हो जाती है इसलिए टायफायड, डायरिया और हेपेटाइटिस जैसी बीमारियां होती हैं।
स्वस्थ रहन–सहन के साथ ही ऐसे मौसम में पर्याप्त कैलोरी वाले आहार भी लेने चाहिए। इस समय जंक फूड के सेवन से आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमज़ोर हो सकती है।
खुले व्यंजनों पर सूक्ष्मजीव और मक्खियां जल्दी ही आक्रमण कर देती हैं जिससे खाद्य जनित बीमारियां होती हैं। आहार के कारण होने वाली बीमारियों से बचने के लिए स्वस्थ आहार और पर्याप्त मात्रा में पेय ज़रूर ले।