
Sleep Syncing New Wellness Trend: साल 2019 में कोविड का पहला केस सामने आया था। इसके बाद, दुनियाभर में कोरोना वायरस का प्रकोप देखा गया। लाखों लोगों ने इस वायरस की चपेट में आकर अपनी जान गंवाई है। कोविड 19 के आने से हम सब इतना तो समझ गए हैं कि सेहत का ख्याल रखना कितना जरूरी है। सेहत के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। साल 2023 की थीम है 'सभी के लिए स्वास्थ्य'। (Theme for World Health Day 2023 is Health for All) वर्ल्ड हेल्थ डे को ध्यान में रखते हुए, ओनलीमायहेल्थ की भी कोशिश है कि हमारे पाठक सेहतमंद रहें। सेहत को बेहतर रखने के लिए 3 चीजों पर जोर दिया जाता है, अच्छी डाइट, अच्छी एक्सरसाइज और अच्छी नींद। अच्छी नींद की बात करें, तो इस साल एक शब्द इंटरनेट पर काफी सुनने को मिला और वो है स्लीप सिंकिंग। स्लीप सिंकिंग का मतलब है, रोजाना तय समय पर सोना और उठना। अच्छी सेहत के लिए स्लीप सिंकिंग को फायदेमंद माना जाता है। स्लीप सिंकिंग एक नया वेलनेस ट्रेंड है। (Sleep Syncing Trend 2023) आइए जानते हैं, क्या है स्लीप सिंकिंग और सेहत के लिए क्या हैं इसके फायदे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
स्लीप सिंकिंग क्या है?- Sleep Syncing in Hindi
हर साल कई तरह के हेल्थ ट्रेंड्स सुनने और देखने को मिलते हैं। इस साल की बात करें, तो स्लीप सिंकिंग काफी लोकप्रिय हुआ है। स्लीप सिंकिंग का मतलब आसान भाषा में समझें, तो सोने के तरीकों में सुधार करना ही स्लीप सिंकिंग (Sleep Syncing) कहलाता है। हालांकि ये केवल स्लीप सिंकिंंग का शाब्दिक अर्थ है। स्लीप सिंकिंग एक तरीका है जिसमें प्रकृति के मुताबिक, सोने का तरीका बना सकते हैं। सूरज उगने और ढलने के मुताबिक, अपने स्लीपिंग पैटर्न में बदलाव किया जा सकता है। कुछ स्टडीज में एक्सपर्ट्स ने यह बताया है कि स्लीप सिंकिंग की मदद से, जल्दी सोने में मदद मिलती है। स्लीप सिंकिंग फॉलो करने से तनाव और एंग्जाइटी का स्तर भी घटता है।
स्लीप सिंकिंग को कैसे फॉलो करें?- How To Follow Sleep Syncing
स्लीप सिंकिंग फॉलो करने के लिए निम्न स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं-
- रोजाना एक तय समय पर सोएं और उठने का समय भी फिक्स करें।
- अपनी स्लीप को ट्रैक करने के लिए एप्स की सहायता भी ले सकते हैं।
- अपने स्लीप पैटर्न को पहचानकर, उसमें सुधार करें।
- इस रूटीन को 30 दिनों तक हर दिन फॉलो करें।
- अगर एक सही समय की बात करें, तो आपको सुबह 7 बजे तक उठ जाना चाहिए और 10 बजे तक सो जाना चाहिए।
- अगर ये समय आपके लिए ठीक नहीं है, तो अपने लिए खुद एक समय चुनकर उसे फिक्स करें।
- लेकिन ध्यान रखें कि हर दिन कम से कम 8 घंटे की नींद पूरी होनी चाहिए।
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सेहत के लिए स्लीप सिंकिंग के फायदे- Sleep Syncing Benefits
- तनाव कम होता है और शरीर की ऊर्जा बढ़ती है।
- मेमोरी पॉवर बेहतर होती है।
- शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
- पाचन तंत्र मजबूत होता है और पेट से संबंधित समस्याएं नहीं होती।
- मेटाबॉलिज्म बढ़ता है और वजन घटाने में मदद मिलती है।
- मूड अच्छा रहता है और मानसिक सेहत में सुधार होता है।
- अनिद्रा की समस्या से छुटकारा मिलता है।
- भूख न लगने की समस्या से बचाव होता है।
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