खांसी से लेकर शारीरिक सूजन तक कई समस्याओं को ठीक करता है सत्यानाशी, जानें इस आयुर्वेदिक वनस्पति के 7 फायदे

सत्यानाशी एक आयुर्वेदिक पौधा है। जिसके प्रयोग से शरीर के तमाम रोग खत्म होते हैं। जिन लोगों को इसका सही उपयोग मालूम हैं, वो इससे फायदा उठा रहे हैं।
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खांसी से लेकर शारीरिक सूजन तक कई समस्याओं को ठीक करता है सत्यानाशी, जानें इस आयुर्वेदिक वनस्पति के 7 फायदे

सत्यानाशी दिखने में एक बहुत ही सुंदर पौधा है। इसका नाम बेशक सत्यानाशी हो, लेकिन आयुर्वेद की दृष्टि से यह बहुत ही काम का पौधा है। यह एक जड़ी-बूटी है जो पीलिया, डायबिटिज, आंख, सांस आदि की बीमारियों को ठीक करने में मदद करती है। यह वनस्पति हिमालयी क्षेत्रों में ज्यादा पाई जाती है। हालांकि इसे समूचे भारत में सड़कों के किनारे शुष्क क्षेत्रों में अधिक देखा जाता है। इस पौधे पर कांटे अधिक होते हैं। फूल पीले रंग के होते हैं। फूलों के अंदर श्यामले रंग के बीज होते हैं।  सत्यानाशी को स्वर्णक्षीरी भी कहते हैं क्योंकि इसको तोड़ने पर पीले रंग का दूध निकलता है। सत्यानाशी में एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-माइक्रोबायल गुण पाए जाते हैं। जो कब्ज, लिवर, बुखार आदि में लाभदायक होते हैं। सत्यानाशी के और क्या फायदे हैं, आइए जानते हैं विस्तार से।

सत्यानाशी के विभिन्न नाम

हिंदी में इसे सत्यानाशी, उजर कांटा, अंग्रेजी में प्रिकली पॉपी, मैक्सिन पॉपी, संस्कृत में कटुपर्णी कहा जाता है। सत्यानाशी को पंचांग कहा जाता है। इसके पत्ते, फूल, जड़, तने की छाल सभी काम में आते हैं। यह वनस्पति मैदानी भागों में पाई जाती है।

सत्यानाशी के फायदे (argemone mexicana benefits)

सत्यानाशी के फायदे निम्न हैं-

1. खांसी में फायदेमंद

सत्यानाशी को पंचांग कहा जाता है। इसकी जड़ भी आयुर्वदिक दृष्टि से बहुत उपयोगी है। जिन लोगों को खांसी या सांस संबंधी परेशानियां होती हैं, वे लोग सत्यानाशी (Yellow Thistle) का प्रयोग कर सकते हैं। खांसी से छुटकारा पाने के लिए सत्यानाशी की जड़ को पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं। इस काढ़े को सुबह-शाम पीने से खांसी चली जाती है। इस काढ़े को हमने घर पर भी प्रयोग किया है।

2. पेट का दर्द करे ठीक

पेट में दर्द किसी भी वजह से हो सकता है। कई बार यह गलत खानपान की वजह से होता है। कई बार गैस बनने से भी। सत्यानाशी में दूध भी निकलता है। इसके दूध में घी की थोड़ी मात्रा मिलाकर पीने से परेशानी से आराम मिलता है।

3. पीलिया में फायदेमंद

पीलिया रोग में शरीर पीला पड़ जाता है। सबसे पहला लक्षण आंखों पर दिखाई देता है। इस रोग से बचने के लिए आप सत्यानाशी तेल में गिलोय का रस मिला लें। इस मिश्रण का सेवन करने से पीलिया रोग खत्म होता है।

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4. त्वचा को निखारे

त्वचा पर एक्ने, झाईयां, आंखों के नीचे डार्क सर्कल, पिंपल जैसी तमात परेशानियों को सत्यानाशी ठीक करता है। सत्यानाशी में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। जिससे त्वचा पर जो भी बैक्टीरिया से संबंधित परेशानियां होती हैं, उनसे छुटकारा मिलता है।

5. मधुमेह में दिलाए आराम

मधुमेह आज की बढ़ती बीमारी है। इससे निपटने के लिए लोग कई तरह के उपाय अपनाते हैं। तमाम दवाएं खाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि येलो थिसल के पत्ते इस रोग में बहुत लाभदायक हैं। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित रखता है। इस वजह से मधुमेह की परेशानी में आराम मिलता है।

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6. पेशाब संबंधी परेशानियों को भगाए

जिन लोगों को पेशाब संबंधी परेशानियां जैसे पेशाब रुक-रुक कर आना, पेशाब में जलन, पेशाब करने में दिक्कत आदि परेशानियों से छुटकारा दिलाता है सत्यानाशी का पौधा। इस सत्यानाशी के पौधे का काढ़ा बनाकर पीने पेशाब संबंधी परेशानियों में फायदा मिलता है।

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7. सूजन ठीक करे

सत्यानाशी (Uses of satyanashi) को कटैया भी कहा जाता है। जिन लोगों को किसी भी वजह से सूजन की समस्या हो जाती है तो उनके लिए यह बहुत लाभदायक है। सूजन से छुटकारा पाने के लिए कटैया को अच्छे से कूटकर जिस जगह सूजन है, वहां लगा लें। इससे सारी सूजन खत्म हो जाती है। पेट या पेड़ू या शरीर के किसी भी हिस्से पर सूजन आ जाए तो इस सत्यानाशी का प्रयोग किया जा सकता है। यह सभी वे उपाय हैं जो हमारे बुजुर्ग या हमारे माता-पिता इन्हें इस्तेमाल कर चुके हैं।

सत्यानाशी सड़कों पर आराम से दिख जाता है। जब इसमें फूल आते हैं तो यह बहुत ही सुंदर दिखता है। इस पर बेशक कांटे होते हैं, पर यह एक आयुर्वेदिक औषधि है। जिसका उपयोग मनुष्य के लिए लाभदायक है।

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