सुबह-सुबह नीम की पत्‍तियां चबाने भर से निकल जाती है दांतों की मैल, ठीक हो जाते हैं पेट के अल्‍सर

नीम न सिर्फ एक पेड़ है बल्कि यह एक औषधि भी है। नीम के पत्‍ते, टहनियां, छाल और जड़ें कई रोगों से छुटकारा दिलाने में मददगार हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में। 
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सुबह-सुबह नीम की पत्‍तियां चबाने भर से निकल जाती है दांतों की मैल, ठीक हो जाते हैं पेट के अल्‍सर

जब ब्रश और मंजन नहीं होते थे तो मुंह की देखभाल के लिए नीम के पत्‍तों, टहनियों का ही उपयोग किया जाता था। आज भी गांवों में तमाम लोग नीम के ही दातून करते हैं। आयुर्वेद की मानें तो नीम से मुंह के समस्‍त रोगों का उपचार किया जा सकता है। यही नहीं नीम कई गंभीर रोगों के उपचार के लिए भी मददगार है। सुबह-सुबह नीम के 4 पत्‍ते चबाकर भी मुंह की देखभाल की जा सकती है। नीम के पत्‍ते किन-किन रोगों में फायदेमंद हैं, इसके बारे में हम आपको विस्‍तार से बता रहे हैं। 

 

नीम एक पेड़ है। औषधि बनाने के लिए नीम के छाल, पत्ते और बीजों का उपयोग किया जाता है। कई बार, जड़, फूल और फल का भी उपयोग किया जाता है। नीम के पत्‍तों का उपयोग कुष्ठ रोग, नेत्र विकार, नकसीर, आंतों के कीड़े, पेट की ख़राबी, भूख न लगना, त्वचा के अल्सर, हृदय और रक्त वाहिकाओं के रोगों (हृदय रोग), बुखार, मधुमेह, मसूड़ों की बीमारी (मसूड़े की सूजन) और जिगर के लिए किया जाता है।

इसके अलावा, छाल का उपयोग मलेरिया, पेट और आंतों के अल्सर, त्वचा रोग, दर्द और बुखार के लिए किया जाता है। नीम में ऐसे रसायन होते हैं जो रक्त शर्करा के स्तर को कम करने, पाचन तंत्र में अल्सर को ठीक करने, बैक्टीरिया को मारने और मुंह में प्लाक के निर्माण को रोकने में मदद कर सकते हैं।

नीम के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ और प्रयोग (Health Benefits Of Neem And Uses) 

दांत की मैल (Dental plaque) 

नीम के पत्तों का अर्क दांतों और मसूड़ों पर 6 सप्ताह तक रोजाना लगाने से प्लाक बनना कम हो सकता है। यह मुंह में बैक्टीरिया की संख्या को भी कम कर सकता है जो दांतों की मैल यानी डेंटल प्‍लाक का कारण बनता है। यदि अर्क नहीं मिलता है तो आप नीम के पत्‍तों को ही अच्‍छी तरह से धोकर सुबह-सुबह चबा सकते हैं। हालांकि, 2 सप्ताह तक नीम के अर्क से कुल्ला करने पर प्‍लाक या मसूड़े की सूजन को कम करने के कोई प्रमाण नहीं मिलते हैं। 

कीटरोधक (Insect repellant)

नीम की जड़ या पत्ते का अर्क त्वचा पर लगाने से काली मक्खियों को हटाने में मदद मिलती है। इसके अलावा, त्वचा पर नीम के तेल की क्रीम लगाने से कुछ प्रकार के मच्छरों से बचाव होता है। 

अल्सर (Ulcers) 

नीम की छाल का 30-60 मिलीग्राम अर्क 10 सप्ताह तक दिन में दो बार लेने से पेट और आंतों के अल्सर को ठीक करने में मदद मिलती है। हालांकि इसका प्रयोग करने से पहले आप किसी आयुर्वेदिक चिकित्‍सक की सलाह जरूर लें। 

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सोरायसिस (Psoriasis) 

12 सप्ताह तक नीम का अर्क सेवन करने के साथ-साथ रोजाना सूर्य के संपर्क और कोल टार और सैलिसिलिक एसिड क्रीम लगाने से लोगों में सोरायसिस के लक्षणों की गंभीरता कम हो सकती है। हालांकि, इसके प्रयोग से पहले चिकित्‍सक की सलाह जरूर लें।

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नीम का सेवन कैसे करें (Dosing) 

नीम या उसके उत्‍पाद की उचित खुराक कई कारकों पर निर्भर करती है जैसे कि उपयोगकर्ता की आयु, स्वास्थ्य, और कई अन्य स्थितियां। इस समय नीम के लिए खुराक की उचित सीमा निर्धारित करने के लिए पर्याप्त वैज्ञानिक जानकारी नहीं है। ध्यान रखें कि प्राकृतिक उत्पाद हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं और खुराक महत्वपूर्ण हो सकते हैं। अगर आप मार्केट से नीम के उत्पाद खरीद रहे हैं तो लेबल पर प्रासंगिक निर्देशों का पालन करना सुनिश्चित करें और उपयोग करने से पहले अपने फार्मासिस्ट या चिकित्सक या अन्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करें। 

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