Child Health Care: बच्चों की सेहत का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि वो न तो अपनी परेशानी किसी को बता सकते हैं और न ही अपने दर्द को शेयर कर सकते हैं। खासकर 0 से 3 साल के बच्चों के खानपान का ध्यान न रखा जाए तो कई तरह के हेल्थ प्रॉब्लम हो सकती है। इस उम्र के बच्चों को पाचन संबंधी समस्याएं ज्यादा हो सकती हैं। आपने देखा होगा कि कई बार बच्चे को लंबे समय से पॉटी नहीं आती है, पेट में गैस बनने की वजह से उनकी पू से बदबू आती है ये सारे संकेत बताते हैं बच्चे का पाचन ठीक (baccho ko pet dard me kya de) नहीं है। पाचन क्रिया ठीक न होने की वजह से बच्चों को और भी कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
इसलिए उनकी डाइट का ध्यान रखना ज्यादा जरूरी होता है। अगर आप भी घर के छोटे बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं, तो उनकी डाइट में आलूबुखारा जूस को शामिल करें। आलूबुखारा का जूस न सिर्फ बच्चों की पाचन क्रिया (chote baccho mein kabj ke liye sukhe aloo bukhara juice) को मजबूत बनाता है बल्कि ये कई तरह से सेहत को फायदा पहुंचाता है। इसलिए आज हम आपको इस लेख में बताने जा रहे हैं बच्चों को आलूबुखारा जूस पिलाने के फायदे (prune ka juice peene ke fayde) और इसे बनाने के तरीके के बारे में।
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आलूबुखारा में कौन से विटामिन पाए जाते हैं? | What vitamins are found in plums?
आलूबुखारे में विटामिन सी, विटामिन के और विटामिन बी6 की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसके साथ ही आलूबुखारा फाइबर का अच्छा सोर्स होता है इसलिए पाचन संबंधी समस्याओं के लिए रामबाण माना जाता है। आइए जानते हैं आलूबुखारा जूस को पीने के फायदों के बारे में।
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आलूबुखारा जूस पीने के फायदे | Benefits of drinking plum juice
कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मददगार
आलूबुखारा का जूस कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है। आलूबुखारा जूस में क्लोरोजेनिक एसिड पाया जाता है जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है।
कब्ज से दिलाता है राहत
आलूबुखारे का जूस बॉवल इरिटेंट की तरह काम करता है। ये कब्ज और पेट दर्द की समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। डाइटिशियन अवनीत कौर का कहना है कि आलूबुखारा जूस नेचुरल लैक्सेटिव का अच्छा सोर्स है, इसलिए ये पाचन के लिए अच्छा माना जाता है। डाइटिशियन का कहना है कि बच्चों को कब्ज से राहत दिलाने के लिए खाली पेट आलूबुखारा का जूस देना अच्छा होता है।
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एनीमिया से लड़ने में मददगार
भारत में बच्चों में एनीमिया के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। बच्चों में एनीमिया को ठीक करने के लिए भी आलूबुखारा के जूस पिलाने की सलाह दी जाती है। आलूबुखारा जूस में आयरन की मात्रा बहुत अधिक मात्रा में पाई जाती है, इसलिए ये एनीमिया को ठीक करने में मदद कर सकता है।
हड्डियों को बनाता है मजबूत
आलूबुखारा में मौजूद फाइबर से शाइर में बाइल पैदा होता है। ये बच्चों के शरीर से हानिकारक टॉक्सिन्स को खत्म करने में मदद कर सकता है। साथ ही इसमें मौजूद पोषक तत्व हड्डियों और मसल्स को मजबूती प्रदान करते हैं।
क्या बच्चे को रोजाना सूखे आलूबुखारा का जूस देना चाहिए?
आलूबुखारा के जूस को लेकर पेरेंट्स अक्सर कंफ्यूज रहते हैं कि उन्हें बच्चों को रोजाना ये देना चाहिए या नहीं। शुरुआत में बच्चों को आलूबुखारे का जूस 100 मिलीलीटर से ज्यादा नहीं देना चाहिए। अगर आपके बच्चे को आलूबुखारा जूस से किसी तरह की एलर्जी नहीं होती है और उसके पेट संबंधी समस्याएं खत्म हो रही हैं, तो आप इसे रोजाना आसानी से दे सकते हैं। हालांकि एक दिन में छोटे बच्चों को 150 से 170 मिली लीटर से ज्यादा आलूबुखारा जूस नहीं देना चाहिए।
कैसे बनाएं आलूबुखारा का जूस?
आलूबुखारा का जूस बनाना थोड़ा सा मुश्किल हो सकता है। आलूबुखारा जूस बनाने के लिए एक सॉस पैन में 2 कप पानी उबाल लें
इस पानी में 2 आलूबुखारा को काट कर डालें और मध्यम आंच में उबाल लें।
जब पानी में आलूबुखारा पूरी तरह से पक जाएं तो ब्लेंडर में ब्लेंड करके पेस्ट बना लें।
अब स्वाद को बढ़ाने के लिए इसमें नमक या गुड़ मिला सकते हैं।