Health Benefits of Desi Khand for Kids: आजकल के खानपान में प्रोसेस्ड शुगर का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है। मिठाई से लेकर चाय की चीनी की मिठास तक में प्रोसेस्ड शुगर का उपयोग धड़ल्ले से हो रहा है। प्रोसेस्ड शुगर बेशक से आसानी से बाजार में उपलब्ध है, लेकिन इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है। खासकर बच्चों के खानपान में प्रोसेस्ड शुगर को शामिल करने से टाइप-2 डायबिटीज और चाइल्डहुड ओबेसिटी का खतरा बढ़ता है।
ऐसे में देसी खांड (Benefits of Desi Khand) एक बेहतरीन प्राकृतिक विकल्प बनकर उभरती है। देसी खांड न केवल स्वादिष्ट होती है, बल्कि इसमें पोषण तत्व भी भरपूर होते हैं। बच्चों के खानपान में प्रोसेस्ड शुगर की बजाय देसी खांस को शामिल किया जाए, तो यह स्वास्थ्य के लिहाज से फायदेमंद होती है।
बच्चों को देसी खांड खिलाने के फायदे- Health Benefits of Desi Khand for Kids
पुणे के पिंपरी स्थित डीपीयू सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की न्यूट्रिशनिस्ट स्वप्निल ढोबले (Ms. Swapnali Dhobale nutritionist at DPU Super Specialty Hospital, Pimpri, Pune) के अनुसार, पारंपरिक देसी खांड में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, फाइबर, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। ये सभी तत्वों बढ़ते बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बेहतर बनाते हैं। आइए आगे जानते हैं बच्चों को देसी खांड खिलाने से क्या-क्या फायदे मिलते हैं।
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1. एनर्जी का प्राकृतिक सोर्स
छोटे बच्चे खेलने, कूदने और दौड़ने में काफी आगे होते हैं। देसी खांड में मौजूद फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स और आयरन बच्चों के शरीर को एनर्जी देने का काम करते हैं। देसी खांड का सेवन करने से बच्चों के शरीर को शक्ति मिलती है, जो उन्हें एक्टिव रखती है।
2. हड्डियों को बनाए मजबूत
बढ़ते बच्चों के शारीरिक विकास में हड्डियों को मजबूत बनाना बहुत जरूरी होता है। देसी खांड में कैल्शियम, फॉस्फोरस और अन्य मिनरल्स मौजूद होते हैं, जो बच्चों की हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाते हैं।
3. बीमारियों को रखें दूर
देसी खांड में आयरन और अन्य माइक्रोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं। जब बच्चे देसी खांड का सेवन करते हैं, तो यह शरीर में खून के निर्माण को बढ़ाकर इम्यून सिस्टम को स्ट्रांग बनाता है। जब इम्यून सिस्टम स्ट्रांग होता है, तो बच्चों में संक्रामक और मौसमी बीमारियों का खतरा कम होता है।
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4. पाचन तंत्रिका को रखें मजबूत
छोटे बच्चों की पाचन क्रिया काफी कमजोर होती है। देसी खांड में प्राकृतिक एंजाइम्स होते हैं जो पाचन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। बच्चों को देसी खांड का सेवन करवाने से कब्ज, पेट में दर्द और पेट की गड़बड़ी की परेशानी कम होती है।
5. विषाक्त पदार्थ को निकालेन बाहर
न्यूट्रिशनिस्ट स्वप्निल ढोबले के अनुसार, देसी खांड प्राकृतिक तत्व बच्चों के शरीर में डिटॉक्सिफायर की तरह काम करती है। नियमित तौर पर बच्चों को देसी खांड का सेवन करवाने से शरीर से गंदगी और विषाक्त पदार्थों का बाहर निकालने में मदद मिलती है। देसी खांड बच्चों के समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक होती है।
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बच्चों की डाइट में देसी खांड कैसे शामिल करें- How to include Desi Khand in the diet of children
न्यूट्रिशनिस्ट स्वप्निल ढोबले का कहना है कि देसी खांड का स्वाद मीठा होता है। पेरेंट्स प्रोस्सड शुगर और चॉकलेट की जगह पर इस्तेमाल कर सकते हैं।
- बच्चों के नाश्ते में दूध में चीनी की बजाय आप देसी खांड मिला सकते हैं।
- घर पर जब भी आप हलवा, पंजीरी या अन्य मीठी चीजें बनाएं, तो देसी खांड का इस्तेमाल करें।
- इसके अलावा आप रोटी, परांठे और खीर में भी देसी खांड को मिलाकर बच्चों को खिला सकते हैं।
- चना, मूंगफली या तिल के साथ देसी खांड मिलाकर चक्की और लड्डू भी बनाए जा सकते हैं।
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निष्कर्ष
देसी खांड स्वाद के साथ-साथ कई प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर होती है। बच्चों को चीनी की बजाय देसी खांड का सेवन करना मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है।
FAQ
देसी खांड की तासीर कैसी होती है?
देसी खांड की तासीर ठंडी होती है। जिसके कारण देसी खांड का सेवन गर्मियों में ज्यादा सुरक्षित माना जाता है। सर्दियों के मौसम में इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।देसीखांड के क्या फायदे हैं?
न्यूट्रिशनिस्ट स्वप्निल ढोबले का कहना है कि देसी खांड में कैल्शियम, फास्फोरस और फाइबर पाया जाता है। जो पाचन क्रिया को दुरुस्त बनाने और इम्यून सिस्टम को स्ट्रांग को बनाने में मदद करता है।खांड और चीनी में क्या फर्क है?
देसी खांड गन्ने के रस का कम रिफाइंड रूप है। वहीं, चीनी को बनाने के लिए गन्ने के रस को कई बार प्रोसेसिंग और केमिकल्स का इस्तेमाल होता है।