चमेली की खुशबू मन को जितनी आकर्षित करती है उससे कहीं ज्यादा स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद भी है। चमेली के फूल सफेद और पीले रंग के होते हैं। इसका स्वाद तीखा और प्रकृति ठंडी होती है।
चमेली के फूल के अलावा इसकी पत्तियों में भी कई प्रकार के औषधीय गुण विद्यमान हैं। यह दांत, मुख, त्वचा और आंख के रोगों में फायदा करती है। आइए जानें चमेली हमारे लिए कितनी फायदेमंद है।
चमेली के लाभ
- मुंह में छाले होने पर इसकी पत्तियां धीरे-धीरे चबाइए, इससे छाले समाप्त हो जाएंगे।
- चर्म रोग होने पर चमेली के पत्तों का तेल लगाने से फायदा होता है।
- सिर दर्द होने पर चमेली के फूलों का लेप सिर पर लगाने से सिरदर्द समाप्त हो जाता है।
- मसूड़ों में दर्द होने पर चमेली के पत्तों का काढ़ा बनाकर गरारा करने से दर्द समाप्त हो जाता है।
- आंखों में दर्द होने पर आंखों को बंद करके चमेली के फूलों का लेप लगाने से दर्द समाप्त होता है।
- नियमित रूप से चमेली के फूलों को चेहरे पर लगाने से चेहरे की चमक बढ़ जाती है।
- पैरों में बिवाई होने पर चमेली के पत्तों का रस फटी एडि़यों में लगाने से बिवाई ठीक हो जाती है।
- पेट में अगर कीड़े हों तो चमेली के पत्तों को पीसकर पीने से कीड़े निकल जाते हैं।
- माहवारी की समस्या के लिए चमेली के 10 ग्राम पत्तों को पीसकर पीने से समस्या दूर होती है।
- भगंदर होने पर, चमेली के पत्ते, बरगद के पत्ते, गिलोय, सोंठ और सेंधानमक को मिलाकर छाछ के साथ पीजिए।
- उल्टी होने पर 10 ग्राम सफेद चमेली के पत्तों के रस को 2 ग्राम कालीमिर्च के चूर्ण में मिलाकर चाटने से उल्टी आना बंद हो जाता है।
इसके अलावा चमेली चेहरे के दाग, हांथी-पांव, ट्यूमर, पक्षाघात, मूत्ररोग आदि में फायदेमंद है। इन नुस्खों को आजमाने से पहले किसी चिकित्सक से सलाह अवश्य लीजिए।
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सावधानियां
आमतौर पर चमेली को अधिकतर लोगों के उपयोग के लिए सुरक्षित माना जाता है। लेकिन, कुछ लोगों को इससे एलर्जी भी हो सकती है।
गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान चमेली की थोड़ी मात्रा को सुरक्षित ही माना जाता है, लेकिन दवा के रूप में इसका सेवन करने से पहले किसी डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी होता है।
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