ऑस्ट्रेलियन 'हे फीवर', जिसे एलर्जिक राइनाइटिस भी कहा जाता है। इसमें सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे कि बहती नाक, आंखों में खुजली, छींक आना आदि है। लेकिन ठंड के विपरीत, हे फीवर एक वायरस के कारण नहीं होता है। हे फीवर बाहरी या इनडोर एलर्जी के कारण होता है, जैसे- पराग, धूल के कण, या बिल्लियों और कुत्तों द्वारा त्वचा और लार, पक्षियों के फर आदि से। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में हर पांच में से एक व्यक्ति को प्रभावित करने वाला सबसे आम एलर्जी विकार है।
ऑस्ट्रेलियन 'हे फीवर' या एलर्जिक राइनाइटिस के कारण
एलर्जिक राइनाइटिस न तो घास के कारण होता है और न ही बुखार की वजह से। यह आमतौर पर किसी व्यक्ति की नाक या आंखों के पर्यावरणीय एलर्जी (environmental allergens) के संपर्क में आने के बाद होता है, जैसे कि परागकण, धूल के कण, मोल्ड और जानवरों के बाल। घास से निकलने वाले पराग भी सबसे आम कारणों में से हैं।
ऑस्ट्रेलियन 'हे फीवर' या एलर्जिक राइनाइटिस के लक्षण और दुष्परिणाम
एलर्जी की स्थिति के परिणामस्वरूप नींद, एकाग्रता, सीखने और दैनिक कार्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। इसके तात्कालिक लक्षणों में बहती नाक, छींकने, आंखों से पानी आना, खर्राटे, थकान, सिरदर्द और गले में संक्रमण शामिल हैं।
ऑस्ट्रेलियन 'हे फीवर' या एलर्जिक राइनाइटिस का इलाज
ऑस्ट्रेलियाई हे फीवर आमतौर पर दवाओं के माध्यम से इलाज किया जाता है जिसमें एंटीहिस्टामाइन, डिकॉन्गेस्टेंट, नैजल स्प्रे और ब्रोन्कोडायलेटर्स शामिल हैं।
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किन्हें प्रभावित करता है?
'हे फीवर' विकार सबसे अधिक 20-40 वर्ष की आयु के लोगों को प्रभावित करता है।
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