
H3N2 Virus in India: इन दिनों भारत में जुकाम, खांसी और शरीर में दर्द से जुड़ी परेशानियों के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। खासतौर से उत्तर भारत के इलाकों में इस तरह की बीमारी का कहर बहुत तेजी से फैला है। कई राज्यों में इस तरह के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इन मरीजों को तेज खांसी के साथ-साथ जुकाम, कफ और फीवर जैसी परेशानियां हो रही हैं। दरअसल यह समस्या एक नए वायरस के कारण तेजी से बढ़ी है। ऐसा माना जा रहा है कि देश में तेजी से बढ़ रहे खांसी, जुकाम और सर्दी के मामलों के पीछे H3N2 इन्फ्लुएंजा का कहर है। H3N2 इन्फ्लुएंजा को लेकर ICMR यानी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने कहा है कि इससे ग्रसित मामलो की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस वायरस के प्रकोप को देखते हुए राज्य सरकारें अलर्ट पर आ गयी हैं। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं आखिर H3N2 इन्फ्लुएंजा है क्या और इससे बचाव कैसे करें?
H3N2 इन्फ्लुएंजा क्या है?- What Is H3N2 Influenza Virus?
बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजिशियन डॉ. समीर कहते हैं कि H3N2 वायरस एक तरह का इंफ्लुएंजा वायरस है, इसका संक्रमण होने पर कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं और इसके लक्षण सालों तक बने रह सकते हैं। H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस एक तरह का रेस्पिरेटरी वायरल इन्फेक्शन भी है, जिसकी वजह से मरीज को खांसी, छींक, वायरल फीवर आदि हो सकता है।
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H3N2 इन्फ्लुएंजा के लक्षण- H3N2 Virus Symptoms in Hindi
H3N2 इन्फ्लुएंजा का संक्रमण होने पर ज्यादातर लोगों को बुखार, जुकाम, खांसी और मांसपेशियों में दर्द जैसी समस्याएं हो रही हैं। इसकी वजह से आपको गले में खराश और नाक बहने की समस्या भी हो सकती है। इस संक्रमण की चपेट में आने के बाद बुखार तो जल्दी ठीक हो जाता है, लेकिन खांसी जाने में 3 हफ्ते से तीन महीने भी लग सकते हैं। H3N2 वायरस के कुछ प्रमुख लक्षण इस तरह से हैं-
- वायरल खांसी
- बुखार
- जुकाम और नाक बहना
- मांसपेशियों में दर्द
- गले में खराश
- तेज सिरदर्द
- जोड़ों में दर्द
- सांस लेने में परेशानी
H3N2 इन्फ्लुएंजा से बचाव के टिप्स- H3N2 Virus Prevention Tips in Hindi
डॉक्टर कहते हैं कि यह एक गंभीर संक्रमण और लापरवाही बरतने पर आपको लंबे समय तक इसकी वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। H3N2 वायरस इन्फ्लुएंजा का संक्रमण आमतौर पर एक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर दूसरे व्यक्ति में होता है। इससे बचने के लिए आपको संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनानी चाहिए। इसके अलावा भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
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संक्रमण होने पर तरल पदार्थों का सेवन, बुखार और खांसी के लिए डॉक्टर की सलाह पर इलाज लेना चाहिए। इसके अलावा काढ़ा, दूध और अन्य हेल्दी चीजों को डाइट में शामिल करने से आपको बहुत फायदा मिलेगा। इस गंभीर परेशानी से बचने के लिए बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी दवा का सेवन करने से बचें।
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