
भारत सहित दुनिया भर के विभिन्न देश सीमित स्वास्थ्य सुविधाओं और कोरोनोवायरस के घातक प्रकोप के बीच पैदा हुए असंतुलन से निपटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वहीं इस बीच देश के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोनावायरस के संदिग्ध या पुष्ट मामलों के उचित प्रबंधन को लेकर दिशानिर्देश दिए हैं। मंत्रालय का कहना है कि सरकार इस वायरस की चेन को तोड़ने की कोशिश कर रही है, लेकिन बढ़ते मामलों के साथ स्वास्थ्य प्रणालियों को उचित रूप से तैयार करने और मौजूदा संसाधनों का सही उपयोग करना बेहद जरूरी है। सरकार का कहना है कि उपलब्ध संसाधनों के सही उपयोग के बारे में बात करते समय सरकार सभी कोरोना के मरीजों की उचित देखभाल सुनिश्चित करने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया भी साझा करती है।
मंत्रालय ने कहा, "एसओपी सुनिश्चित करेगा कि अस्पताल में उपलब्ध बेड की क्षमता केवल कोरोना के गंभीर मामलों के लिए इस्तेमाल किया जाए"। सरकार ने हल्के से लेकर गंभीर मामलों के लिए तीन प्रकार की COVID-19 समर्पित सुविधाएं चालू कर रखी हैं, जहां लक्षण को हिसाब से लोगों को सुविधाएं दी जा रही हैं।
लक्षणों के आधार पर सरकार द्वारा स्थापित सुविधा केंद्र
COVID केयर सेंटर (CCC)
सरकार के अनुसार, ये अस्थायी सुविधा केंद्र है और इन्हें हॉस्टल, होटल, स्कूल, स्टेडियम, लॉज, आदि में स्थापित किया जा सकता है। ये सार्वजनिक और निजी दोनों हो सकती हैं। ये सुविधाएं केवल उन मामलों के लिए हैं, जिन्हें चिकित्सकीय रूप से हल्के या बहुत हल्के या COVID संदिग्ध मामलों के रूप में सौंपा गया है। इस श्रेणी के लिए व्यक्ति में बुखार या ऊपरी श्वसन पथ की बीमारी शामिल है।
सरकार के मुताबिक, मौजूदा क्वारंटाइन सुविधाएं सीसीसी में परिवर्तित की जा सकती हैं।
इसके अलावा, प्रत्येक COVID-19 केयर सेंटर में 24x7 आधार पर एक समर्पित लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस और पर्याप्त ऑक्सीजन सपोर्ट होगा।
मंत्रालय का आग्रह है कि संदिग्ध और पुष्ट मामलों को किसी भी परिस्थिति में मिलाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
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समर्पित COVID स्वास्थ्य केंद्र (DCHC)
इस श्रेणी के लिए व्यक्ति में निमोनिया का पता लगा हो लेकिन उसे किसी प्रकार की कोई गंभीर बीमारी न हो।
ये ऐसे अस्पताल हैं, जो उन सभी मामलों की देखभाल करेंगे, जिन्हें चिकित्सकीय रूप से हल्के या सामान्य के रूप में वर्गीकृत किया गया होगा। मंत्रालय का कहना है कि DCHC या तो एक पूर्ण अस्पताल होना चाहिए या अस्पताल में एक अलग ब्लॉक होना चाहिए, जिसमें अलग प्रवेश / निकास क्षेत्र हो।
मंत्रालय के अनुसार निजी अस्पतालों को COVID समर्पित स्वास्थ्य केंद्रों के रूप में भी नामित किया जा सकता है।
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समर्पित COVID अस्पताल (DCH)
ये अस्पताल उन लोगों के लिए होंगे, जिन्हें गंभीर रूप से निमोनिया या ARDS या सेप्टिक शॉक जैसे लक्षणों के साथ गंभीर रूप से सौंपा गया है। इसमें श्वसन दर प्रति 30 मिनट से कम होना भी शामिल है।)
सरकार का कहना है, "समर्पित COVID अस्पताल, COVID स्वास्थ्य केंद्रों और COVID देखभाल केंद्रों से रेफर किए मामलों को देखेंगे। रोगियों के प्रबंधन के लिए, सरकार पहले लक्षण देखती है और फिर मरीजों को अलग-अलग केंद्रों में भेजने की तैयारी की जाती है।
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