
मरीजों की देखभाल में जुटे डॉक्टर और नर्सों की मदद के लिए इंजिनियरिंग के एक छात्र ने 5000 रुपये की लागत से एक रोबोट बनाया है।
देश-दुनिया में तबाही का मंजर फैला चुके कोरोनावायरस से बचने के लिए लोग तरह-तरह के तरीके अपना रहे हैं। आलम ये है कि कोरोना का अभी तक कोई कारगर इलाज या दवा नहीं बन पाई है, जिसके कारण तमाम स्वास्थ्य संगठन और सरकारें सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) करने की सलाह दे रहे हैं, मास्क (Mask) और हैंड सैनिटाइजर (Hand Sanitizer) के इस्तेमाल को कोरोना से बचाव का एकमात्र प्रयोग बता रहे हैं। इसके साथ ही तेजी से बढ़ते कोरोना के मरीजों की संख्या ने चिंतकों के माथे पर लकीरे ला दी है। इसके साथ ही देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) ने लोगों को घरों में रहने को मजबूर कर दिया है। लॉकडाउन के बावजूद कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ डॉक्टर और नर्स भी इस वायरस की चपेट में आने लगे हैं। मरीजों की देखभाल में जुटे डॉक्टर, नर्स और अन्य स्वास्थ्यकर्मी बिना किसी झिझक के अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों को ठीक करने में जुटे हुए हैं। इन डॉक्टरों की मदद करने के लिए छत्तीसगढ़ के एक इंजीनियरिंग के छात्र ने इंटरनेट से कंट्रोल करने वाला रोबोट बनाया है, जो सामान को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में मदद कर सकता है। तो आइए जानते हैं इस रोबोट की खूबियां।
Chhattisgarh: Yogesh Sahu, an engineering final yr student in Mahasamund, claims that he has built an internet controlled robot that can be used to attend to patients on behalf of doctors. He says, "Doctors are risking their lives to save people. Wanted to do something for them." pic.twitter.com/qHL915PuyD
— ANI (@ANI) April 8, 2020
कौन है ये इंजीनियरिंग का ये छात्र
छत्तीसगढ़ के महासमुंद (Mahasamund) में इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष के छात्र योगेश साहू (Yogesh Sahu) ने एक ऐसा रोबोट बनाने का दावा किया है, जो इंटरनेट से कंट्रोल होता है। उनका दावा है कि इस रोबोट का इस्तेमाल कोविड-19 के मरीजों की देखभाल मे जुटे डॉक्टरों की मदद के लिए किया जा सकता है। योगेश का कहना है कि वे लोगों को बचाने में जुटे डॉक्टर, जो अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं उन्हें बचाने के लिए कुछ करना चाहते थे। योगेश के साथ प्रवीण वर्मा और रिषिकेश यादव ने मिलकर ये रोबोट बनाया है।
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रोबोट को बनाने में क्या-क्या लगा सामान
योगश के मुताबिक, रोबोट को बनाने में मेटल शीट, पीवीसी पाइप और लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है। बता दें कि रोबोट में 11 मोटर, माइक्रोफोन, स्पीकर और इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड का प्रयोग किया गया है।
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रोबोट से इन-इन कामों में मिलेगी मदद
योगेश साहू द्वारा बनाया गया ये रोबोट एक चीज को उठाकर दूसरी जगह ले जा सकता है। इसके साथ ही इस रोबोट को मोबाइल फोन से कनेक्ट किया जा सकता है। इस रोबोट को दुनिया के किसी भी कोने से कंट्रोल किया जा सकता है। मौजूदा वक्त में कोरोना वायरस के कारण अस्पतालों में रोबोट का इस्तेमाल बहुत जरूरी हो गया है ताकि स्वास्थ्य कर्मियो की जान को बचाया जा सके। रोबोट का प्रयोग अस्पतालों में मरीजों की देखभाल के लिए भी किया जा सकता है, जो संक्रामक बीमारियों से पीड़ित हैं। इसके अलावा रोबोट का उपयोग मॉनिटरिंग और संवेदनशील इलाकों में देखरेख के लिए भी किया जा सकता है जैसे- केमिकल स्प्रे, सुरंग, न्यूक्लियर प्लांट में। इसके साथ ही आर्मी लैंड माइन का पता लगाने और बम को निष्क्रिय करने में भी रोबोट का इस्तेमाल किया जा सकता है।
रोबोट को बनाने में आया कितना खर्चा और कितना लगा समय
ऐसा कहा जा रहा है कि इस रोबोट की लागत करीब 5000 रुपए है। इस रोबोट का एक लाभ ये भी है कि डॉक्टर इस रोबोट में लगे कैमरे के जरिए मरीजों से बातचीत कर उन्हें जरूरी सलाह के साथ दवाईयां भी दे सकते हैं। योगेश के मुताबिक, उन्होंने दो महीने तक रोजाना दो-दो घंटे के समय में इस रोबोट को तैयार किया है। उन्होंने बताया कि सरकार से मदद मिलने पर रोबोट को और बेहतर तरीके से बना पाएंगे।
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