एक अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है कि अगर आपका वजन 40 की उम्र से पहले बढ़ने लगता है तो आपमें कैंसर का खतरा ज्यादा होता है। इस अध्ययन में यह पता लगाने की कोशिश की गई क्या व्यस्कों ( 40 की उम्र से ज्यादा) में, जिनका वजन जरूरत से ज्यादा (25 से ज्यादा बीएमआई ) या मोटापे (30 से ज्यादा बीएमआई) का शिकार हैं उनमें विभिन्न प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
अध्ययन में यह दर्शाया गया कि अगर आप 40 की उम्र से पहले मोटे हो जाते हैं तो आपमें इन कैंसर की संभावना इस हद तक बढ़ जाती है।
- अन्तर्गर्भाशयकला कैंसर (Endometrial Cancer) 70 फीसदी।
- पुरुषों में गुर्दे की कोशिकाओं का कैंसर (renal-cell cancer)58 फीसदी।
- पुरुषों में पेट के कैंसर की संभावना 29 फीसदी।
- मोटापे से संबंधित सभी प्रकार के कैंसर की संभावना पुरुषों और महिलाओं में 15 फीसदी तक बढ़ जाती है।
बर्जेन यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ ग्लोबल पब्लिक हेल्थ एंड प्राइमरी केयर के प्रोफेसर टोन जार्ज ने कहा, ''मोटापा कई कैंसर के जोखिम कारक के रूप में जाना जाता है। इस अध्ययन में हमने जरूरत से ज्यादा वजन की डिग्री, समय और अवधि व कैंसर जोखिम के मोटापे से संबंध पर ध्यान केंद्रित किया।''
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इस अध्ययन में शोधकर्ताओ ने दो या उससे अधिक माप वाले वयस्कों को शामिल किया और संभावित रूप से कैंसर निदान से पहले उन्हें कम से कम तीन साल तक अलग-अलग रखा । शोधकर्ताओं ने सभी व्यक्तियों की औसतन लगभग 18 वर्षों तक गतिविधियों पर नजर रखी।
अध्ययन के निष्कर्षों से सामने आया कि अतिरिक्त भार और मोटापे का शिकार व्यस्कों में रजोनिवृति के बाद स्तन कैंसर, अन्तर्गर्भाशयकला, गुर्दे की कोशिकाओं का कैंसर और पेट के कैंसर के जोखिम की संभावना अधिक पाई गई।
इस अध्ययन में नार्वे, स्वीडन और ऑस्ट्रिया के प्रतिभागी शामिल हुए थे। मी-कैन नाम के इस अध्ययन में 2,20,000 व्यस्कों से प्राप्त डेटा का विश्लेषण किया गया। लंबाई और वजन सहित स्वास्थ्य जांच जानकारियां नेशनल कैंसर रजिस्ट्री के डेटा से संबंधित थी। जांच के दौरान 27,881 व्यस्कों में कैंसर का निदान पाया गया, जिसमें से 35 फीसदी यानी की 9,761 मोटापे से संबंधित थे।
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मोटापे से ग्रस्त प्रतिभागियों में सामान्य बीएमआई वाले प्रतिभागियों की तुलना में (30 से ज्यादा बीएमआई) पहली और दूसरी स्वास्थ्य जांच में उनमें मोटापे से संबंधित कैंसर विकसित होने का खतरा अधिक पाया गया।
जार्ज ने कहा, ''कैंसर का जोखिम पुरुषों में 64 फीसदी और महिलाओं में 48 फीसदी पाया गया।'' अध्ययन के नतीजों में सामने आया कि अतिरिक्त भार और मोटापे से ग्रस्त लोगों में रजोनिवृति के बाद स्तन कैंसर, अन्तर्गर्भाशयकला, गुर्दे की कोशिकाओं का कैंसर और पेट के कैंसर के जोखिम की संभावना अधिक पाई गई।
जार्ज का कहना है कि हमारा मुख्य संदेश कैंसर के जोखिम को करने के लिए एक जरूरी जन स्वास्थ्य रणनीति बनाकर वजन बढ़ने से रोकना है।
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