अल्‍जाइमर से लेकर बाइपोलर डिसऑर्डर की वजह बन सकता है मोटापा, शोधकर्ताओं ने बताया कारण

मोटापा न केवल आपको बाहरी रूप से भद्दा बनाता है, बल्कि यह आपको अंदरूनी रूप से भी खोखला कर देता है। इस नए अध्‍ययन में शोधकर्ताओं ने मोटापे से जुड़ा एक और खुलासा किया है। 
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अल्‍जाइमर से लेकर बाइपोलर डिसऑर्डर की वजह बन सकता है मोटापा, शोधकर्ताओं ने बताया कारण


जिस तरह एक लकड़ी को दीमक अंदर से खोखला बना देता है, उसी तरह इंसान के लिए मोटापा एक दीमक समान है। मोटापा न केवल व्‍यक्ति को बाहरी रूप से खोखला बनाता है, बल्कि उसे अंदरूनी रूप से कमजोर करके खोखला बना देता है। मोटापा आपके स्‍वास्‍थ्‍य को धीरे-धीरे नीचे गिराएगा और आपको अंदर से खोखला बनाता जाएगा। यह आपके शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य के साथ-साथ मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को भी प्रभावित करता है। अगर आपको विश्‍वास न हो, तो इस लेख को आगे पढ़ें, जिसमें शोधकर्ताओं ने मोटापे को लेकर एक और नया खुलासा किया है। 

Obesity Can Cause Many Health Issues

शारीरिक ही नहीं मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को भी प्रभावित करता है मोटापा

जर्नल ऑफ अल्जाइमर डिजीज में प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार , आपके शरीर के वजन में वृद्धि या मोटापा आपके मस्तिष्क को इस तरह प्रभावित करता है कि आपके मस्तिष्क की गतिविधि और क्षेत्र में रक्त का प्रवाह काफी कम हो जाता है। जिससे कि आपके मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य में लगातार गिरावट आ सकती है। 

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डिप्रेशन, बाइपोलर डिसऑर्डर और नशे की लत को जन्‍म दे सकता है मोटापा 

जी हां, आपने सही पढ़ा मोटापा व्‍यक्ति को डिप्रेशन या नशे का आदि बना सकता है। यह नया शोध, मस्तिष्क की शिथिलता के साथ मोटापे को जोड़ने वाले सबसे बड़े अध्ययनों में से एक है। जिसमें शोधकर्ताओं ने 35,000 से अधिक कार्यात्मक न्यूरोइमेजिंग स्कैन का विश्लेषण किया, जिसमें सिंगल-फोटोन एमिशन कम्प्यूटराइज टोमोग्राफी (SPECT)का उपयोग करके रक्त प्रवाह और मस्तिष्क की गतिविधि को मापने के लिए 17,000 से अधिक व्यक्तियों का उपयोग किया गया।  

जिसमें शोधकर्ताओं ने देखा कि लो सेरेब्रल ब्‍लड फ्लो नंबर एक प्रडिक्‍टर है, जो यह देखने में मदद कर सकता है कि क्या कोई व्यक्ति अल्जाइमर रोग विकसित करेगा। यह डिप्रेशन, एडीएचडी, बाइपोलर डिसऑर्डर, सिज़ोफ्रेनिया, ब्रेन इंजरी, नशे की लत और आत्महत्या समेत अन्य स्थितियों से भी जुड़ा हुआ है।  

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अध्‍ययन के परिणाम 

डैनियल जी. अमीन, एमडी, अध्ययन के प्रमुख लेखक और अमीन क्लिनिक के संस्थापक ने बताया, "अध्ययन से पता चलता है कि अधिक वजन या मोटापे का गंभीर रूप से मस्तिष्क की गतिविधि पर प्रभाव पड़ता है और अल्जाइमर रोग के साथ-साथ कई अन्य मानसिक रोगों और संज्ञानात्मक स्थितियों के लिए जोखिम बढ़ जाता है।" 

Depression and Obesity Link

हालांकि कि उन्‍होंने कहा, “सबसे महत्वपूर्ण वह है जो हमने 30 साल के क्रियात्मक मस्तिष्क इमेजिंग अध्ययनों के माध्यम से सीखा है। वह यह है कि जब आप स्वस्थ आदतों को अपनाकर मस्तिष्क को स्वस्थ बनाने की आदतें अपनाते हैं, जिससे कि दिमाग को बेहतर बनाया जा सकता है। इसलिए स्मार्ट और हेल्‍दी डाइट और नियमित व्यायाम जरूरी है।”

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