
छोटे बच्चे रात को बिस्तर गीला करते हैं, इसे सभी सामान्य बात मान लेते हैं, लेकिन जो बच्चे दिन में भी बार-बार पेशाब (frequent daytime urination) करते हैं, तो वह किसी बीमारी का संकेत है। 3 से 5 साल तक के बच्चों में यह समस्या बहुत आम होती है। लेकिन कई बार इससे ज्यादा उम्र के लोगों में भी यह दिखती है। बच्चों में बार-बार पेशाब आने का कारण पोलाकीरिया (pollakiuria) नामक बीमारी हो सकती है। इसमें बच्चे को दिन में सामान्य से ज्यादा पेशाब आती है और बहुत थोड़ी-थोड़ी आती है। कई बार तो स्थिति ऐसी हो जाती है कि बच्चों से ये पेशाब संभलती नहीं है। जब तक वे बाथरूम की ओर दौड़ते हैं, तब तक उनके कपड़ों में पेशाब निकल जाता है। आइए जानते हैं पोलाकीरिया क्या है, इसके लक्षण, कारण और उपाय क्या हैं?
पोलाकीरिया के लक्षण (symptoms of pollakiuria)
- बच्चा हर आधे घंटे में पेशाब को जाता है।
- कई बार दिन में 40 बार पेशाब जाना पड़ता है।
- हर बार पेशाब जाने पर थोड़ा पेशाब आना
पोलाकीरिया के कारण
पोलाकीरिया के कारण क्या हैं, इसको लेकर अभी कोई ठोस वजह नहीं कही जा सकती है, लेकिन कुछ कारण विशेषज्ञों को लगते हैं जिनके बारे में यहां बताया जा रहा है।
परिस्थितियो में अचानक होने वाले किसी बदलाव का डर के कारण
- बच्चे में पहली बार स्कूल जाने का डर
- बच्चे के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ होना
- किसी नए स्थान पर जाना
- घर में किसी नए बच्चे का आ जाना
- माता-पिता के बीच होती अनबन से बच्चे के मन में डर
- शरीर में रासायनिक बदलाव होना
- बच्चे द्वारा ज्यादा नमक खाना
- एंग्जाइटी डिसऑर्डर के कारण
- पेशाब में कैल्शियम की मात्रा बढ़ने पर
- बार-बार पेशाब आने के बारे में सोचना
- अधिक दूध या कैफीन लेने से भी यह दिक्कत होती है
- मूत्राशय के ज्यादा सक्रिय रहने की वजह से भी पोलाकिरिया होता है
ऊपर बताए गए कारण संभावित कारण हो सकते है, लेकिन यही कारण हैं, इसके बारे में विशेषज्ञों की राय अस्पष्ट है।
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कैसे पता करें कि आपके बच्चे को पोलाकीरिया है या नहीं?
- आपके बच्चे को पेशाब करते समय कोई दर्द तो महसूस नहीं होता
- आपके बच्चे के पेशाब का रंग गाढ़ा और बदबूदार तो नहीं है?
- बच्चा कपड़ों में तो पेशाब नहीं करता है?
- आपके बच्चे का जल्दी ही बहुत ज्यादा वजन तो कम नहीं हुआ है
- ध्यान दें कि बच्चा पहले से ज्यादा तरल पदार्थ पी रहा है या नहीं। यानि बच्चे को ज्यादा प्यास लगती है।
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क्या है उपाय
पोलाकीरिया की वजह से बच्चे को पब्लिकली शर्मिंदगी महसूस करनी पड़ सकती है। बार-बार पेशाब आने की वजह से उसे दोस्तों के बीच शर्म महसूस हो सकती है। जब डॉक्टर इस बीमारी को देखते हैं तो वे पहले यूरीन का टेस्ट करते हैं फिर ब्लड टेस्ट करते हैं। बच्चे की पूरी हिस्ट्री लेते हैं। वे जानने की कोशिश करते हैं कि बच्चे में ये दिक्कत किन वजहों से हो रही है। बच्चे को ज्यादा दिक्कत होने पर उसे दवाएं दी जाती हैं। लेकिन यहां कुछ वे उपाय बताए जा रहे हैं जो माता-पिता घर पर अपना सकते हैं।
- माता-पिता बच्चे को सिखाएं कि बार-बार बाथरूम जाना ठीक नहीं है।
- बच्चे को माता-पिता उसके पसंदीदा कार्टून में बिजी कर दें।
- बच्चे की काउंसलिंग या थेरेपी कराएं।
- माता-पिता बच्चे को बताएं कि उन्हें कोई बड़ी बीमारी नहीं हुई है। इससे उनके मन से मानसिक दबाव निकलेगा।
छोटे बच्चों में बार-बार पेशाब आने की समस्या बहुत आम है। लेकिन अगर वे रात के बजाए दिन में भी सामान्य से ज्यादा बार पेशाब जा रहे हैं तो यह पोलाकीरिया के संकेत हैं। इसलिए परिवार को बच्चे पर ध्यान देना चाहिए।
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