टीबी एक बहुत ही गंभीर और खतरनाक रोग है। सबसे बड़ी चीज यह है कि यह एक संक्रामक रोग है जो एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है। टीबी रोग माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक जीवाणु के कारण होता है। हालांकि यह बात सच है कि बच्चों की टीबी बड़ों की टीबी से काफी अलग होती है। बच्चों में टीबी के लक्षण और कारण भी अलग होते हैं। हर किसी के घर में टीबी का कोई मरीज है तो इसके बच्चे में होने के 80 प्रतिशत चांस बढ़ जाते हैं। टीबी फेफड़े से संबंधित बीमारी है। इस बीमारी में बच्चे को सांस लेने में परेशानी होने लगती है। बच्चों के अंग बहुत ही नाजुक होते हैं इसलिए टीबी का असर उन पर अधिक होता है। आइए जानते हैं बच्चों में टीबी किस प्रकार से होती है।
बच्चों की टीबी बड़ों से कैसे अलग है?
बच्चों में टीबी का आम प्रकार नकारात्मक पल्मोनैरी टीबी है। ज्यादातर बच्चे जांच के लिए बलगम देने के लिए बहुत छोटे होते हैं, इसलिए गैस्ट्रिक रावेज बच्चों में टीबी का पता लगाने के लिए दूसरा विकल्प है। एक्सट्रा-पलमोनरी टीबी बच्चों में बारबार होने वाली टीबी का दूसरा प्रकार है। इसके सामान्य प्रकारों में मिलिअरी टीबी, टीबी मैनिंजाइटिस, लिम्फ नोड्स की टीबी और रीढ़ की हड्डी की टीबी शामिल हैं। एक्सट्रा-पलमोनरी टीबी प्राईमरी लंग टीबी के कारण होती है। कुपोषण, एचआईवी या खसरा से संक्रमित बच्चों में टीबी अधिक आम और गंभीर होती है।
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बच्चों में फेफड़े की टीबी
एक 3 साल की लड़की जो पिछले एक वर्ष से खांसी और बुखार के दौरों की पुनरावृति से पीड़ित है। बार-बार एंटीबायोटिक, खांसी की दवाओं और टीकाकरण के बावजूद भी बच्चे में सुधार नहीं है। वह खराब भार-वृद्धि, एनीमिया, और भूख की कमी से ग्रस्त थी। विस्तृत जांच से पता चला कि उसे लोअर लोब के नीचे न्यूमोनिया है। विस्तृत इतिहास से पता चला उसका एक टीबी से ग्रस्त नौकरानी के साथ संपर्क था। उसका ट्यूबरकुलीन त्वचा परीक्षण नकारात्मक था और थूक प्राप्त नहीं किया जा सका। उसने टीबी विरोधी दवाओं के 6 महीने के कोर्स को प्रतिक्रिया दी गयी।
पेट की टीबी
एजे आवर्तक पेट दर्द, खराब भार-वृद्धि, आते-जाते बुखार से ग्रस्त 6 साल का बच्चा है। उसे विभिन्न चिकित्सकों ने कई दवाईयाँ दीं पर कोई सुधार नहीं हुआ। उसकी जांच से पता चला कि ईएसआर में वृद्धि, छाती के एक्सरे में घाव, पेट में लिम्फ नोड में सूजन थी। जबकि, उसने जांच के लिए थूक या लिम्फ नोड्स की बायोप्सी नहीं कराई थी उसका टीबी का निदान किया गया। उसने 6 महीने में टीबी विरोधी दवाओं के कोर्स को अच्छी प्रतिक्रिया दी।
दिमाग की टीबी
एक 7 साल का लड़का है जिसमें बुखार, सिर दर्द और दो महीने से उल्टी के लक्षण है। एक साल पहले उसके पिता का टीबी का इलाज चल रहा था। भर्ती के समय तक, बच्चे में ऑल्टर्ड सेंसोरियम, ग्रेड 2 कोमा और आक्षेप विकसित हो चुका था। उसके सिर कैट स्कैन से अनेक ट्यूबरक्लोमा ( मस्तिष्क में टीबी के ट्यूमर) होने का पता चला। इसके अलावा उसका टीबी के लिए त्वचा का परीक्षण सकारात्मक किया था, ईएसआर में वृद्धि, और छाती का एक्स-रे तपेदिक के संकेत दे रहा था। मस्तिष्क तपेदिक के इस मामले का 9 महीने के लिए सफलतापूर्वक इलाज किया गया और वह पूरी तरह से ठीक हो गया।
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बच्चों में टीबी की रोकथाम
बीसीजी टीकाकरण: हमारे देश में हर नवजात को बीसीजी वैक्सीन देना चाहिए। हालांकि, बीसीजी वैक्सीन पलमोनरी टीबी के खिलाफ पूरी तरह से प्रभावी नहीं है, पर ये इससे और अधिक गंभीर बीमारियों जैसे मिलिअरी टीबी या मैनिंजाइटिस टीबी के खिलाफ बेहतर संरक्षण देता है।
दवाओं से उपचार
यह बहुत महत्वपूर्ण है कि बच्चों में टीबी का निदान और इलाज जल्दी हो। उचित रुप से लागू की जाने वाली शोर्ट कोर्स कीमोथेरैपी (SCC) आधुनिक दौर में पसंदीदा उपचार है। टीबी की प्रमुख दवाओं में आइसोनियाजिड, रिफैम्पिसिन, पॉराजिनामाइड, स्ट्रेप्टोमाइसिन, ईथाम्बयूटोल और थियासिटोन शामिल हैं। अब शोर्ट कोर्स कीमोथेरैपी (डॉट्स) को अधिक महत्व दिया जाने लगा है।
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