गर्मियों में क्‍यों होता है उल्‍टी, दस्‍त और पेटदर्द, जानें कारण और उपचार

यदि डायरिया हो जाए तो रोगी को ओआरएस अथवा नमक, पानी, चीनी का घोल बनाकर दिन में कई बार दें। साथ ही किसी अच्छे डाक्टर से सम्पर्क करें। वैसे तो डायरिया रोग किसी भी आयुवर्ग के व्यक्ति को हो सकता है, लेकिन छोटे बच्चों, बुजुर्गों और शारीरिक रूप से कमजोर लोगों में इस मर्ज की समस्या कहींज्यादा गंभीर रूप अख्तियार कर लेती है।
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गर्मियों में क्‍यों होता है उल्‍टी, दस्‍त और पेटदर्द, जानें कारण और उपचार


डायरिया होने पर थोड़ी सी सावधानी से इसके दुष्‍प्रभाव को कम किया जा सकता है। स्‍वच्‍छ जल पिएं। ताजा फल व सब्जियां खायें और फलों और सब्जि़यों को ठीक प्रकार से धोकर ही खायें। यदि डायरिया हो जाए तो रोगी को ओआरएस अथवा नमक, पानी, चीनी का घोल बनाकर दिन में कई बार दें। साथ ही किसी अच्छे डाक्टर से सम्पर्क करें। वैसे तो डायरिया रोग किसी भी आयुवर्ग के व्यक्ति को हो सकता है, लेकिन  छोटे बच्चों, बुजुर्गों और शारीरिक रूप से कमजोर लोगों में इस मर्ज की समस्या कहींज्यादा गंभीर रूप अख्तियार कर लेती है।

क्यों होता है यह मर्ज

  • जब डायरिया जीवाणुओं और वाइरस के संक्रमणों के चलते उत्पन्न होता है, तब उसे एक्यूट इंफेक्शस डायरिया कहते हैं।
  • प्रदूषित खाद्य व पेय पदार्थों का सेवन।
  • बासी भोजन करना।
  • खाना खाने से पहले जीवाणुनाशक साबुन से हाथ न धोना।

यह रहा इलाज

संक्रमण से होने वाले डायरिया के अधिकतर मामलों में मरीजों को एंटीबॉयटिक्स दवाएं देने की जरूरत नहीं पड़ती। एंटीबॉयटिक्स की जरूरत तब पड़ती है, जब मरीज को दस्त की समस्या 48 घंटों से ज्यादा वक्त तक लगातार बनी रहे। मरीज की अन्य समस्याओं का इलाज रोग के लक्षणों के आधार पर किया जाता है।

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डीहाइड्रेशन न होने पाए

सच तो  यह है कि इंफेक्शस डायरिया के इलाज के दौरान डीहाइड्रेशन की स्थिति से बचने  के प्रयास किए जाते हैं। इसलिए डीहाइड्रेशन की शीघ्र पता लगाकर उसका शीघ्र इलाज कराना जरूरी है।

कब ले जाएं अस्पताल

हालांकि ओआरएस लेने से डीहाइड्रेशन की समस्या काफी हद तक काबू में आ सकती है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति लगातार उल्टियां कर रहा है और इस कारण वह ओआरएस का घोल भी पीने में असमर्थ है, उसका बुखार भी काबू में नहीं आ रहा है और उसकी खूनी पेचिश की समस्या बरकरार है, तो उसे शीघ्र ही हॉस्पिटल में भर्ती कराना चाहिए।

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ऐसे जानें मर्ज को  

  • दस्त या (लूज मोशन ) का कई बार होना। मल में रक्त के कतरे या म्यूकस भी आ सकते हैं।
  • उलटी भी आ सकती है।
  • पेट में मरोड़ या दर्द होना। दस्त होने के बाद पेट दर्द में कुछ समय के लिए राहत महसूस होती है।
  • तेज बुखार होना।
  • कभी-कभी सिरदर्द होना और हाथ पैरों में दर्द होना।

घर में तैयार करें ओआरएस  

6 टीस्पून चीनी लें और  इसमें आधा टीस्पून नमक मिलाएं। इसके बाद इन दोनों मिश्रणों  को एक लीटर स्वच्छ या उबले हुए पानी में मिलाएं। इस पानी को ठंडाकर 5 कपों में रख लें। प्रत्येक कप ऐसा हो, जिसमें 200 मिली लीटर पानी समा सके। इसके बाद जरूरत पड़ने पर एक-एक कप पानी पिएं।  

इनपुट्स- डॉ. रंधीर सूद, प्रमुख: गैस्ट्रोइंटेरोलॉजी डिपार्टमेंट मेदांता दि मेडिसिटी, गुड़गांव

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