बच्‍चों के तंदरूस्‍त और फिट रखने के लिए बेस्‍ट है ये डाइट चार्ट

बच्‍चों के लिए सही डाइट चार्ट का होना जरूरी है नही तो वे बीमार पड़ सकते हैं। ज्‍यादातर बच्‍चों की बीमारी का कारण पोषणयुक्‍त आहार की कमी है। ऐसे बनाइए बच्‍चों का डाइट चार्ट।
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बच्‍चों के तंदरूस्‍त और फिट रखने के लिए बेस्‍ट है ये डाइट चार्ट

बच्‍चों के विकास के लिए पोषणयुक्‍त आहार की ज्‍यादा जरूरत होती है। इसलिए जब भी बच्‍चे के लिए डाइट चार्ट बनायें चिकित्‍सक से सलाह अवश्‍य लीजिए। बढ़ते बच्चों को ज्यादा एनर्जी की जरूरत होती है। बच्‍चों के लिए सही डाइट चार्ट का होना जरूरी है नही तो वे बीमार पड़ सकते हैं। ज्‍यादातर बच्‍चों की बीमारी का कारण पोषणयुक्‍त आहार की कमी है। बच्‍चे के शरीर के सभी अंगों के अच्‍छे वि‍कास के लिए जरूरी है सही खान-पान व पोषण। बढ़ते बच्चों को प्रोटीन, विटमिन और मिनरल्स की भी ज्यादा जरूरत होती है। नए टिश्यू बनने के लिए प्रोटीन एक जरूरी कंपोनेंट है और बच्चों के खाने में इसका खासतौर पर ध्यान रखा जाना चाहिए। आइए हम आपको कुछ टिप्‍स बता रहे हैं जो आपके बच्‍चे के डाइट चार्ट के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। 

बच्‍चों के लिए डाइट चार्ट बनाने के टिप्‍स 

बैलेंस डाइट

संतुलित आहार में कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, प्रोटीन, मिनरल्‍स और नियमित रूप से आवश्‍यक कैलोरी भी होनी चाहिए। इसका मतलब यह कि, शरीर के लिए आवश्‍यक कैलोरी की पूर्ति, 50 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट से, 20 प्रतिशत प्रोटीन प्रोटीन से और 30 प्रतिशत वसा से होती है। इसलिए बच्‍चों को नियमित रूप से ऐसा आहार देना चाहिए जिसमें विटामिन और मिनरल्‍स की मात्रा ज्‍यादा हो।

कैलोरी

बच्‍चे को ज्‍यादा एक्टिव रखने के लिए बच्‍चे को भरपूर कैलोरी मिलनी चाहिए। हाई कैलोरी देने का मतलब यह नहीं कि आप बच्चे को तला हुआ खाना खिलाएंगे बल्कि आपको बच्चे को दूध देना चाहिए और साथ ही अनाजयुक्त खाद्य पदार्थ देने चाहिए। 

विटामिन और मिनरल्‍स

बच्‍चे के संपूर्ण विकास के लिए उनके आहार में 33 प्रतिशत विटामिन और मिनरल्‍स होने चाहिए। बच्चों को ऐसे पौष्टिक पदार्थ देने चाहिए जिनमें कैल्शियम भरपूर मात्रा में हो। विटामिन और आयरन के लिए बच्चों को ज्‍यादा मात्रा में हरी पत्तेदार सब्जियां और ताजे फल देने चाहिए। 

आयरन, कैल्सियम

छ महीने बाद बच्‍चे को आयरन की जरूरत होती है। बच्‍चे को अगर पर्याप्‍त मात्रा में आयरन न मिले तो उसे एनीमिया हो सकता है। मैश्ड सब्जियों से शुरू करने के बाद मीट और फिश बच्‍चे को दे सकते हैं। दालें, फलियां, अंकुरित दालें, ब्रॉकोली और बंदगोभी आयरन का बेहतरीन स्रोत हैं।

मां के दूध छोड़ने के बाद बच्‍चे केल्सियम की जरूरत को दूध के माध्‍यम से पूरा किया जा सकता है। कैल्सियम की कमी से बढ़ते बच्‍चों को आस्‍टीयोपोरोसिस हो सकता है। कैल्सियम से हड्डियां मजबूत होती हैं। दुग्‍ध उत्‍पादों जैसे - दही, पनीर में कैल्सियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। बंदगोभी, ब्रोकोली, हरी सब्जियां, सोया आदि में भी कैल्सियम पाया जाता है।

इसके अलावा बच्‍चे को समय-समय पर पानी पिलाते रहें। बच्‍चे को ज्‍यादा तली हुए खाद्य-पदार्थ और शुगर न दें। क्‍योंकि इसे खाने से कई बीमारियां जैसे - मोटापा, दिल की बीमारी, डायबिटीज आदि हो सकती है।  

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