लस्सी का नाम सुनकर सबके मुंह में पानी आने लगता है। अधिकांश भारतीय परिवारों में लस्सी पीना आम बात है। पारंपरिक रूप से लस्सी को सिर्फ भोजन के बाद पीया जाता था, लेकिन अब यह गर्मियों के दौरान गर्म धूप की तपिश के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए दिन के किसी भी समय पी जा सकती है। यह दही और पानी के साथ जीरा, काला नमक, काली मिर्च, हरा धनिया, हरी मिर्च, हींग और पुदीना जैसे मसालों को डालकर बनाई जाती है। लस्सी एक अच्छा पेय है और इसके कई अतिरिक्त स्वास्थ्य लाभ भी है। घर पर बनी ताज़ा लस्सी ही अच्छी होती है।
पौष्टिक तत्वों से है भरा
लस्सी पीने से हमारे शरीर में लगभग 30,000 बैक्टेरिया बनते है जो पाचन में मदद करते है और हानिकारक वायरस को मारते है। लस्सी प्रोटीन बी कॉम्प्लेक्स, फोलिक एसिड,कैल्शियम, पोटेशियम, फास्फोरस, राइबोफ्लेविनऔर कैल्शियम का एक बढ़िया स्रोत है। इसमें नाम मात्र का फास्फोरस भी होता है। गर्मियों में बहुत उच्च तापमान के दौरान लस्सी एक अच्छा पेय है जो शरीर की गर्मी को कम करता है। इसमें इलेक्ट्रोलाइट्स भरपूर मात्रा में होता है और इस तरह डिहाइड्रेशन से लड़ने में बहुत ही ज्यादा अच्छा पेय है।
वजन घटाए
कैलोरी के प्रति जागरूक लोगों के बीच लस्सी एक लोकप्रिय पेय है। यह अक्सर वजन घटाने के लिए आहार के एक हिस्सा के रूप में शामिल की जाती है। यह सभी पोषक तत्वों से भरपूर हमारे शरीर के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें कैलोरी की कम मात्रा है और फैट भी नहीं होता है। यह फैट जो आम तौर पर पेट और भोजन नली के अंदर की दीवारों में जम जाता है उसको निकलने में मदद करती है।
बॉडी को रखता है कूल
इसमें लैक्टिक एसिड की अच्छी मात्रा होती है जो हमारे शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ा देता है और यह हमारा शरीर विभिन्न प्रकार के रोगों का मुकाबला करने के लिए तैयार रहता है। रोज़ाना लस्सी पीने से शरीर की गर्मी को कम रखने के लिए और शरीर को राहत प्रदान करने में मदद मिलती है।
प्रोबायोटिक गुण
यह ग्लूकोज को ऊर्जा में बदलकर हमारी नर्व सेल्स के विकास को बढ़ावा देता है। लस्सी के प्रोबायोटिक गुण शरीर में इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते है और संक्रमण, जुकाम और अन्य बीमारियों के खिलाफ लड़ने के लिए मदद करते है।
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एसिडिटी से बचाए
एसिडिटी के लिए लस्सी एकदम सही है। लस्सी का एंटी एसिडिटी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, भोजन में मसाले से होने वाली जलन और पेट की सूजन को कम करने में लस्सी मदद करती है। यह पेट में एसिड और होने वाली जलन से छुटकारा पाने में मदद करती है। छाछ में करी पत्ता, काली मिर्च और जीरा डालकर पीने से किसी भी तरह की पेट की जलन से छुटकारा मिलता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए
लस्सी में लैक्टिक एसिड और विटामिन डी होता है जो बैक्टीरिया और हानिकारक पथोगन्स जो विभिन्न बाहरी भोजन के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते है उनसे लड़ने के लिए मदद करता है। लस्सी में अमीनो और फैटी एसिड तनाव और एनीमिया से बचाते है।
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बालों को झड़ने से रोके
लस्सी बालों के लिए कंडीशनर के रूप में कार्य करता है और बालो को नरम बनाता है। लस्सी में विटामिन बी 12 बालों के नुकसान को रोकने और बालों को सफ़ेद होने से रोकने में बहुत प्रभावी है।
ब्लड प्रेशर को रखे सही
यह रक्तचाप कम करने में मदद करता है। कई रिसर्च में ये साबित हो चुका है कि लस्सी के नियमित उपयोग से शरीर के उच्च रक्त चाप को सामान्य किया जा सकता है। लस्सी में पोटेशियम और राइबोफ्लेविन रक्तचाप को कम करने में मदद करता है। लस्सी मानव शरीर से कई जहरीले पदार्थों को निकालता है।
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