फाइबरयुक्त आहार खाना हर किसी के लिए फायदेमंद होता है। मगर हाल में हुई एक रिसर्च बताती है कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के लिए फाइबरयुक्त आहार खाना उसके शिशु के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। इससे होने वाले शिशु को सीलिएक रोग का खतरा नहीं होता है। सीलिएक रोग के कारण शिशु के जन्म के बाद उसका वजन बढ़ना बंद हो सकता है या उसकी लंबाई रुक सकती है। ये एक ऑटोइम्यून बीमारी है।
कैसे की गई रिसर्च?
इस रिसर्च में 88,000 ऐसी महिलाओं को शामिल किया गया, जो गर्भवती थीं। इन महिलाओं को गर्भावस्था के 22वें सप्ताह से फाइबर और ग्लूटेन वाले आहार खाने के लिए कहा गया था। बाद में महिलाओं से जन्मे शिशुओं का 11 साल तक परीक्षण किया गया, जिसके बाद यह निष्कर्ष निकाला गया कि, फाइबरयुक्त आहार खाने वाली महिलाओं के शिशुओं को सीलिएक रोग का खतरा बहुत कम हो जाता है।
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प्रेग्नेंसी में कितना फाइबर खाएं?
इस रिसर्च में पाया गया कि जिन महिलाओं ने सबसे ज्यादा फाइबर खाया था, यानी रोजाना 45 ग्राम से ज्यादा, उनके बच्चों में सीलिएक रोग का खतरा उन महिलाओं के बच्चों से 34% तक कम था, जिन्होंने रोजाना 19 ग्राम फाइबर का सेवन किया था। गर्भावस्था में फाइबर वाले आहारों का शिशु पर प्रभाव से जुड़ी ये पहली रिसर्च है। ये रिसर्च 'यूरोपियन सोसायटी फॉर पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी, हेपाटोलॉजी एंड न्यूट्रीशन' (ESPGHAN) के वार्षिक सम्मेलन में रखी गई है। अभी इसे प्रकाशित नहीं किया गया है।
किन आहारों में होता है ज्यादा फाइबर?
सभी प्राकृतिक आहारों में फाइबर की मात्रा भरपूर होती है। हरी-रंगीन सब्जियां, फल, मोटे अनाज आदि फाइबर के बहुत अच्छे स्रोत होते हैं। गर्भवती महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान कच्चे सलाद, कच्चे फल, दलिया, ब्राउन ब्रेड, चिकन, अंडे आदि का सेवन करना चाहिए। इनसे आपके शरीर को जरूरी पोषक तत्व और फाइबर मिल जाते हैं।
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क्या है सीलिएक रोग?
सीलिएक एक ऑटोइम्यून रोग है, जिसमें व्यक्ति का इम्यून सिस्टम ग्लूटेन के प्रति संवेदनशील हो जाता है। ग्लूटेन एक तरह का प्रोटीन है, जो गेंहूं, जौ आदि में पाया जाता है। सीलिएक रोग होने पर व्यक्ति जब ग्लूटेन वाले आहार खाता है, तो उसकी छोटी आंतें खराब को नुकसान पहुंचता है। हर 100 में से 1 बच्चा सीलिएक रोग का शिकार है।
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