World Brain Tumour Day 2019: दुनिया का सबसे बड़ा ब्रेन ट्यूमर निकालने में भारतीय डॉक्टरों को मिली सफलता, 5 किलो था वजन

भारतीय डॉक्टरों ने दुनिया का सबसे बड़ा ब्रेन ट्यूमर निकालने में सफलता हासिल की। चेन्नई के शक्तिवेल के सिर में 20 साल से ये ट्यूमर था, जिसका वजन इस समय 5 किलो हो गया था। प्राइवेट अस्पताल में इसे निकालने के लिए 5 लाख रुपए मांगे जा रहे थे।
  • SHARE
  • FOLLOW
World Brain Tumour Day 2019: दुनिया का सबसे बड़ा ब्रेन ट्यूमर निकालने में भारतीय डॉक्टरों को मिली सफलता, 5 किलो था वजन

भारतीय डॉक्टरों की एक टीम ने दुनिया के सबसे बड़े ब्रेन ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकालकर इतिहास रच दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक इस ट्यूमर का वजन लगभग 5 किलो था, जो अब तक के मेडिकल रिकॉर्ड्स के मुताबिक सबसे बड़े साइज का ट्यूमर था। तमिलनाडु के डिंडीगुल के 31 वर्षीय शक्तिवेल को पिछले 20 सालों से ब्रेन ट्यूमर था। मगर इसी साल मई के दूसरे सप्ताह में जब शक्तिवेल इस ट्यूमर को दिखाने तमिलनाडु के चिकित्सक डॉ. श्रीसरवनन के पास पहुंचा, तो उन्होंने इस ट्यूमर को हटाने की बात कही।

मौत के डर से नहीं करवा रहा था इलाज

मरीज के परिजन बताते हैं कि शक्तिवेल जब 11 साल का था, तबसे उसे ब्रेन ट्यूमर था। उसके परिवार के पास इतना पैसा नहीं था कि वो ब्रेन ट्यूमर का इलाज करवा सकें। इसके अलावा शक्तिवेल इलाज के दौरान मौत हो जाने के डर से भी इसका इलाज नहीं करवा रहा था। दरअसल शक्तिवेल के भाई को भी ब्रेन ट्यूमर हुआ था और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। इसलिए शक्तिवेल इस ट्यूमर को निकलवाने में डर रहा था। मगर आखिरकार डॉ. श्रीसरवनन ने उसे भरोसा दिलाया और उसने हिम्मत जुटायी।

इसे भी पढ़ें:- मुंह की सफाई न रखने से हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का हो सकते हैं शिकार: शोध

सिर के बराबर हो गया था ट्यूमर

11 साल की उम्र से बढ़ते-बढ़ते शक्तिवेल का ब्रेन ट्यूमर 20 सालों में उसके सिर के बराबर ही हो गया। इतने बड़े और भारी ट्यूमर के कारण उसे सिर घुमाने और रोजमर्रा के कामों में भी बहुत परेशानी आने लगी। ऐसे में उसे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। आमतौर पर औसत व्यक्ति के सिर का वजन 4.5 से 5 किलो होता है। ऐसे में ये ट्यूमर शक्ति के सिर के बराबर वजन का हो गया था।

10 घंटे ऑपरेशन करके निकाला गया ट्यूमर

डॉ. श्रीसरवनन ने लगातार 10 घंटे के ऑपरेशन के बाद इस ट्यूमर को निकालने में सफलता हासिल की है। ये ऑपरेशन गर्वनमेंट राजाजी हॉस्पिटल में किया गया, जो दक्षिण भारत के मदुरई में स्थित है। श्रीसरवनन बताते हैं कि उन्होंने अपने 15 साल के न्यूरोसर्जरी करियर में इतना बड़ा ट्यूमर कभी नहीं देखा था। मेडिकल लिटरेचर में भी इतने बड़े ट्यूमर की बात अब तक नहीं लिखी गई है।

इसे भी पढ़ें:- डायबिटीज की जांच अब बिना दर्द के संभव, वैज्ञानिकों ने ईजाद की ये नई तकनीक

प्राइवेट अस्पताल में मांगे जा रहे थे 5 लाख रुपए

प्राइवेट अस्पतालों में शक्तिवेल के इलाज के लिए लगभग 5 लाख रुपए मांगे जा रहे थे। इतने पैसे न होने के कारण ही शक्तिवेल पिछले कुछ समय से सरकारी अस्पतालों के चक्कर काट रहा था। ऐसे में मदुरई स्थित सरकारी अस्पताल में उन्हें डॉ. श्रीसरवनन मिले और वो इलाज के लिए तैयार हो गए। इलाज के बाद शक्ति फिलहाल स्वस्थ है।

Read More Articles On Health News in Hindi

Read Next

रेड मीट और व्हाइट पोल्ट्री के अत्यधिक सेवन से बढ़ सकता है ब्लड कोलेस्ट्रॉलः स्टडी

Disclaimer