शरीर में संतुलित मात्रा में पोषक तत्वों की आपूर्ति होने से न सिर्फ शरीर हेल्दी रहता है बल्कि कई बीमारियों से बचाव भी होता है। यही कारण है कि आपको हमेशा संतुलित खानपान की सलाह दी जाती है। आज के समय में मॉडर्न लाइफस्टाइल की वजह से लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। खानपान और लाइफस्टाइल में गड़बड़ी के कारण मोटापा, कमजोरी, डायबिटीज और हृदय से जुड़ी बीमारियों का खतरा रहता है। भोजन में पर्याप्त फाइबर की मात्रा न होने से भी आपको कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
द लानसेट द्वारा प्रकाशित एक मेडिकल जर्नल में भी इस बात की पुष्टि की गयी है कि शरीर में डाइटरी फाइबर की कमी होने से आपको कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। आपको सेहत के प्रति जागरूक करने और हेल्दी रखने के लिए Onlymyhealth समय-समय पर सेहत और खानपान से जुड़े टिप्स शेयर करता है। इस महीने हम अपने Campaign ‘focus of the month’ में Healthy Living विषय से जुड़ी जरूरी जानकारियां और टिप्स आपसे साझा कर रहे हैं। इसी के तहत आज हम शरीर में फाइबर की कमी और इसकी जरूरत के बारे में बताएंगे। दरअसल फाइबर एक तरह का कार्बोहाइड्रेट ही होता है जो पेट में आसानी से नहीं पचता है। ये कार्ब्स छोटे-छोटे कणों में टूट कर शुगर के रूप में परिवर्तित हो जाते हैं। शरीर में फाइबर की कमी होने पर शरीर में कई लक्षण दिखाई देते हैं। आइये विस्तार से जानते हैं शरीर में फाइबर की कमी के लक्षण और इसकी वजह से होने वाली समस्याएं।
शरीर में फाइबर की कमी के लक्षण (Fiber Deficiency Symptoms in Hindi)
शरीर में फाइबर की संतुलित मात्रा होने से आपका पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है। इसके अलावा कब्ज, पेट में गैस बनने की समस्या भी फाइबर की कमी से होती है। दरअसल शरीर में फाइबर की मात्रा की माप करने के लिए अभी तक वैज्ञानिकों के पास कोई तरीका नहीं है लेकिन इसकी कमी होने पर आपके शरीर में दिखाई देने वाले लक्षणों से ही पहचान की जाती है। शरीर में फाइबर की कमी होने पर ये लक्षण दिखाई देते हैं।
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1. कब्ज की समस्या
आहार में फाइबर की कम मात्रा लेने की वजह से सबसे पहले आपको कब्ज की समस्या होती है। कब्ज होने पर आपको मलत्याग करने में परेशानी होती है और पेट में गड़बड़ी में बनी रहती है। कब्ज होने के कुछ प्रमुख कारणों में से एक यह भी है कि आपके आहार में फाइबर की कमी है। अगर आपको भी कब्ज की समस्या बनी रहती है तो सबसे पहले डॉक्टर की सलाह लेकर फाइबर की अच्छी मात्रा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
2. ब्लड शुगर स्तर में बदलाव
शरीर में फाइबर की कमी होने पर ब्लड शुगर के स्तर में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। डायबिटीज के मरीजों में वजन बढ़ने की सबसे प्रमुख वजह डाइट में फाइबर की कमी होती है। जब आप पर्याप्त मात्रा में फाइबर की प्रचुर मात्रा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं तो इससे आपका वजन भी संतुलित रहता है और ब्लड शुगर का स्तर भी ठीक रहता है।
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3. वजन बढना
शरीर में फाइबर की कमी होने पर वजन अचानक बढना शुरू हो जाता है। जब आप फाइबर युक्त आहार का सेवन करते हैं तो इससे आपका पेट काफी समय तक भरा रहता है। चूंकि फाइबर युक्त आहार को पचाने में थोड़ा अधिक समय लगता है इसलिए आपको बार-बार भूख नहीं लगती है। और यही कारण है कि वजन कम करने वाले लोगों को फाइबर युक्त आहार का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
4. पाचन तंत्र का कमजोर होना
शरीर में या आहार में फाइबर की कमी होने पर पेट से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। इसकी वजह से आपको पाचन तंत्र में गड़बड़ी का सामना करना पड़ सकता है। फाइबर की कमी होने पर दस्त की समस्या भी हो सकती है। इसलिए पाचन तंत्र के कमजोर होने पर आपको फाइबर युक्त आहार का सेवन करना चाहिए।
5. जी मिचलाने की समस्या
फाइबर की कमी होने पर आपको जी मिचलाने की समस्या हो सकती है। इसकी वजह से आपको मतली या उल्टी की शिकायत भी हो सकती है। चूंकि ज्यादातर हाई कैलोरी और हाई प्रोटीन फूड्स का सेवन करने से यह समस्या हो सकती है। इसकी वजह से आपको थकान का सामना भी करना पड़ सकता है। इसलिए आपकी डाइट में कार्ब्स और फाइबर का होना जरूरी है।
शरीर में फाइबर की कमी कैसे पूरा करें?
शरीर में फाइबर की कमी पूरा करने के लिए आपको फाइबर युक्त आहार का सेवन करना चाहिए। इसके लिए सप्लीमेंट का सेवन करने की बजे आपको साबुत अनाज, दही और अन्य खाद्य पदार्थ जिनमें फाइबर की पर्याप्त मात्रा होती है उसका सेवन करना चाहिए। आप फाइबर की कमी पूरा करने के लिए सेब, रास्पबेरी, गाजर, ब्रोकोली और अन्य साबुत ग्रेन्स का सेवन कर सकते हैं। कुछ लोगों को अधिक मात्रा में फाइबर का सेवन करने से गैस की समस्या हो सकती है इसलिए डाइट में फाइबर की मात्रा शामिल करते समय इसका भी ध्यान रखना चाहिए।
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