एनीमिया एक गंभीर समस्या है, जिसमें शरीर में खून की कमी होने लगती है। ऐसे में शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन होना कम हो जाता है। इस स्थिति में हर समय थकान और कमजोरी बनी रहती है। हाल ही में बनारस हिंदु विश्व विद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा की गई एक रिसर्च के मुताबिक कम उम्र में मां बनने वाली लड़कियां एनीमिया का शिकार ज्यादा होती हैं।
10 में से 6 टीनएज लड़कियों को है एनीमिया
एनीमिया एक सामान्य, लेकिन गंभीर समस्या है, जो महिलाओं में ज्यादा होती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक हर 10 में से 6 टीनएज लड़कियां एनीमिया की समस्या से पीड़ित हैं। दरअसल, लड़कियों को मासिक धर्म के कारण ब्लीडिंग होती है, जिससे कई बार शरीर में खून की कमी होने लगती है। इसे टीनएज लड़कियों में एनीमिया के पीछे का अहम कारण माना जाता है। स्टडी के मुताबिक कम उम्र में मां बनने वाली 15 से 19 साल की लड़कियों में खराब-खान-पान, पोषक तत्वों की कमी या फिर सही जानकारी थी, जिससे वे एनीमिया की समस्या का शिकार हुईं।
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एनीमिया के लक्षण
- एनीमिया होने पर शरीर में बहुत से लक्षण दिख सकते हैं। इन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है।
- ऐसे में शरीर में कमजोरी और हर समय थकान जैसी स्थिति बनी रह सकती है।
- एनीमिया होने पर चक्कर आना, जी मचलाना या फिर सिर में दर्द हो सकता है।
- इस समस्या में आंखों के साथ ही त्वचा में भी पीलापन दिखने लगता है।
- ऐसे में कई बार भूख कम लगने के साथ हाथ-पैर भी ठंडे पड़ सकते हैं।

एनीमिया से बचने के तरीके
- एनीमिया से बचने के लिए महिलाओं को डाइट का ध्यान रखना चाहिए। ऐसे में आयरन से भरपूर फूड्स के साथ ही हरी सब्जियां जैसे पालक, ब्रोकली, मेथी आदि का सेवन करें।
- ऐसे में अनार, संतरे या फिर चुकंदर आदि का जूस पिएं। इससे शरीर में खून की मात्रा बढ़ती है।
- इसके लिए आप फोलिक एसिड और विटामिन बी 12 से फरपूर आहार ले सकती हैं।
- ऐसे में शरीर में पानी और अन्य लिक्विड की कमी न होने दें।