Covid Vaccination: क्या बच्चों को लगाई जा रही एक्सपायर हो चुकी Covid वैक्सीन? स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिया जवाब

देश में बच्चों को एक्सपायर कोरोना वैक्सीन लगवाने के मुद्दे पर केंद्र सरकार की तरफ से सफाई दी गयी है, स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे भ्रामक और झूठा बताया है। 
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Covid Vaccination: क्या बच्चों को लगाई जा रही एक्सपायर हो चुकी Covid वैक्सीन? स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिया जवाब

देश में कोरोना के बढ़ते मामलों और नए वैरिएंट ओमिक्रोन के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 15 साल से 18 साल की उम्र के बच्चों के लिए भी कोविड टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है। इससे पहले देश में 18 साल की उम्र से अधिक आयु वाले लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही थी। बच्चों के लिए वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत होने के बाद सोशल मीडिया पर और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह कहा गया कि बच्चों को लगने वाली कोरोना वैक्सीन एक्‍सपायर हो चुकी थीं। इसके बाद मामला बढ़ने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इस आरोप को सिरे से खारिज करते हुए सफाई दी गई है। केंद्र सरकार ने उन सभी मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पर फैली बातों को अफवाह करार दिया है जो कोरोना के एक्सपायर टीके बच्चों को लगाने के बारे में थे। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक्सपायर वैक्सीन के आरोपों को 'झूठ और भ्रामक' करार दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोवैक्‍सीन और कोविशील्ड की शेल्‍फ लाइफ के बारे में भी फैक्ट्स प्रस्तुत किये हैं।

एक्सपायर वैक्सीन के मामले पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सफाई ( Health Ministry Reply Facts On Expired Covid Vaccine)

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सोशल मीडिया और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में भ्रामक खबर छपने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी कर बच्चों को एक्सपायर कोविड वैक्सीन के डोज दिए जाने वाली खबर को पूरी तरह से झूठ और भ्रामक करार दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि, "कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह आरोप लगाया गया है कि भारत में कोविड 19 के टीकाकरण अभियान में बच्चों को एक्सपायर टीके की डोज दी जा रही हैं। यह पूरी तरह से गलत और भ्रामक है।" स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक्सपायर टीके के मामले को अधूरी जानकारी वाला बताया है। केंद्रीय स्वाथ्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि 25 अक्टूबर 2021 को ही भारत बायोटेक के पत्र के जवाब में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) कोवैक्सिन टीके की शेल्फ लाइफ को 9 महीने से बढ़ाकर 12 महीने करने की मंजूरी दी है। इसके अलावा ड्रग रेगुलेटर ने कोविशील्ड वैक्सीन की भी शेल्फ लाइफ 6 महीने से बढ़ाकर 9 महीने कर दी थी। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि वैक्सीन निर्माताओं द्वारा दिए गए डेटा के आधार पर विश्लेषण करने और परीक्षण करने के बाद ही वैक्सीन की शेल्फ लाइफ बढ़ाई जाती है।

सोशल मीडिया पर महिला ने लगाया था एक्सपायर वैक्सीन का आरोप (Expired Covid Vaccine For Kids)

दरअसल देश में 3 जनवरी से 15 साल से अधिक उम्र वाले किशोरों के लिए टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गयी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन में इसकी घोषणा की थी। जिसके बाद 3 जनवरी से देश भर में 15 साल से 18 साल की उम्र वाले बच्चों को कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा रही थी। बच्चों का वैक्सीनेशन अभियान शुरू होते ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर नवनीता नाम की एक महिला ने पोस्ट करते हुए लिखा था कि "मेरा बीटा कोरोना की वैक्सीन का पहला डोज लेने गया था, लेकिन इस दौरान मैंने पाया कि वैक्सीन की एक्सपायरी डेट तो नवंबर महीने में खत्म हो चुकी है। जिसे बाद हमें एक लेटर दिखाया गया जिसमें कहा गया था कि वैक्सीन की शेल्फ लाइफ बढ़ा दी गयी है! आखिर क्यों और कैसे? स्टॉक क्लियर करने के लिए बच्चों पर प्रयोग किया जा रहा है क्या? इस पोस्ट में महिला ने वैक्सीन की शेल्फ लाइफ बढ़ाने वाला लेटर भी शेयर किया था। जिसके बाद सोशल मीडिया पर इसको लेकर बहस छिड़ गयी थी।

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महिला के इस ट्वीट के बाद तमाम मीडिया रिपोर्ट्स में बच्चों को एक्सपायर वैक्सीन देने के मामले को प्रकाशित किया गया। जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस पूरे मामले पर सफाई देते हुए इसे भ्रामक, अधूरी जानकारी वाला बताया। केंद्र सरकार की तरफ से वैक्सीन की शेल्फ लाइफ और एक्सपायर वैक्सीन के मुद्दे पर अफवाहों को खत्म करने के लिए बाकायदा प्रेस रिलीज जारी कर इस मुद्दे के बारे में सफाई दी गयी है। केंद्र सरकार की तरफ से लगातार यह कहा जा रहा है कि वैक्सीन को लेकर फैल रही किसी भी अफवाह पर ध्यान न देकर सभी लोग कोरोना की वैक्सीन जरूर लगवाएं।

(all image source - freepik.com)

 

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