एक्सरसाइज करके जल्दी ठीक हो सकते हैं कैंसर रोगी, मनोदशा में होता है सुधार: रिसर्च

जर्नल ऑफ अमेरिकन जेरिएट्रिक्स सोसाइटी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, कम-से-मध्यम और तीव्रता वाले व्‍यायाम यानि हाई् इंटेंसिटी ट्रेनिंग (HIT) से कैंसर के बुजुर्ग व वयस्क  रोगियों में चिंता, मूड व मनोदशा और सामाजिक व भावनात्मक कल्याण में सुधार करता है।
  • SHARE
  • FOLLOW
एक्सरसाइज करके जल्दी ठीक हो सकते हैं कैंसर रोगी, मनोदशा में होता है सुधार: रिसर्च


शायद ही कोई व्‍यक्ति इस बात से अंजान हो कि व्‍यायाम से एक नहीं कई बीमारियों को दूर व कम करने में मदद मिलती है। हाल ही में, वैज्ञानिकों ने पाया है कि व्यायाम न केवल छोटे कम उम्र के कैंसर रोगियों में, बल्कि कीमोथेरेपी से गुजर रहे बुजुर्ग व वयस्क रोगियों में भी चिंता और मनोदशा की समस्याओं में सुधार करता है। व्‍यायाम से कैंसर के रोगियों में काफी हद तक सुधार देखा जा सकता है। 

अध्‍ययन के अनुसार 

'जर्नल ऑफ अमेरिकन जेरिएट्रिक्स सोसाइटी' में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, कैंसर से लोगों में चिंता और मूड खराब रहने की अधिक संभावना होती है, जो व्‍यक्ति के भावनात्मक और सामाजिक कल्याण को भी बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा, यह कैंसर के उपचार को भी प्रभावित करता है।

कीमोथेरेपी कैंसर के उपचार में मददगार साबित हो सकती है। हालांकि कि कीमोथेरेपी से बहुत से वयस्‍क लोगों में युवाओं की तुलना में इसके काफी खतरनाक दुष्प्रभावों का अनुभव किया जाता है। बुजुर्गों और वयस्कों में अक्सर कैंसर के इलाज के दौरान चिंता और अन्य कई तरह के मानसिक विकारों का अनुभव किया जाता है। जिसमें कि दवाओं के इस्‍तेमाल से उन समस्याओं का इलाज करने से अक्सर खतरनाक प्रभाव पड़ने की संभावना रहती है। 

इसे भी पढें: रोजाना एक ही समय पर एक्सरसाइज करने से जल्दी घटता है वजन: रिसर्च

शोधकर्ताओं ने कैंसर के मरीजों के लिए  HIT यानि एक घर-आधारित, कम-से-मध्यम तीव्रता वाले एरोबिक और रेसिस्टेंस एक्‍सरसाइज ट्रेनिंग की जांच की। इसमें एक पेडोमीटर, तीन एक्‍सरसाइज बैंड (मीडियम, भारी और बहुत भारी) के साथ एक गाइड बुक शामिल थी। जिसमें कि कार्यक्रम के दौरान, प्रतिभागियों ने समय के साथ अपने वर्कआउट की समय और तीव्रता में वृद्धि की और उन्‍हें प्रगतिशील रूप से नियमित चलने की दिनचर्या प्राप्त हुई। 

इस गतिविधि में उन्हें हर हफ्ते धीरे-धीरे 5 से 20 फीसदी तक स्‍टेप बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। रेसिस्टेंस एक्‍सरसाइज के लिए, उन्होंने थेरेपिस्ट एक्‍सरसाइज बैंड के साथ अभ्यास किया। प्रतिभागियों को व्यक्तिगत रूप से वर्कआउट प्‍लान दिया गया, जिसमें उन्‍हें उन्हें 10 जरूरी एक्‍सरसाइज करने के लिए प्रोत्‍साहित किया गया। जिसमें स्क्वैट्स और चेस्ट प्रेस जैसे रोजाना के एक्‍सरसाइज शामिल थी। इसके अलावा, प्रतिभागियों को ट्रेनिंग के दौरान धीरे-धीरे रेसिस्टेंस बैंड अभ्यासों की तीव्रता और संख्या बढ़ाने के लिए भी प्रोत्साहित किया गया।

इसे भी पढें: आधी-अधूरी नींद बन सकती है आपके वजन बढ़ने का कारण: शोध

शोध का निष्‍कर्ष 

इस अध्‍ययन में शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि कम-से-मध्यम तीव्रता के घर पर आधारित एक्‍सरसाइज ट्रेनिंग से कैंसर रोगियों में चिंता, मनोदशा, मानसिक विकार और सामाजिक व भावनात्मक कल्याण में सुधार किया, जो कि कीमोथेरेपी ले रहे थे। शोधकर्ताओं ने अध्‍ययन में यह भी कहा कि जो लोग एक्‍सरसाइज ट्रेनिंग से सबसे अधिक लाभान्वित हुए, उनमें वृद्ध और वयस्क शामिल थे। जिन्होंने कीमोथेरेपी ले रहे थे।

Read More Article On Health News In Hindi 

Read Next

सुरक्षा की कमी के कारण अस्पतालों में जाने से डरते हैं बच्चेः शोध

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version