विज्ञान भी मानता है डिप्रेशन में फायदेमंद है एक्सरसाइज, जानें मानसिक बीमारियों पर इसके होने वाले प्रभाव

शरीर को मूवमेंट में रखने से स्वाभाविक रूप से बीमारियों का इलाज और बचाव हो सकता है। इसी तरह ये अवसाद के लक्षणों को कम कर सकता है।
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विज्ञान भी मानता है डिप्रेशन में फायदेमंद है एक्सरसाइज, जानें मानसिक बीमारियों पर इसके होने वाले प्रभाव

जब आप अवसाद या चिंता से पीड़ित होते हैं, तब भी व्यायाम करने की सोच असंभव लगती है। पर चिकित्सा विशेषज्ञों की मानें, तो अवसाद के लक्षणों को कम करने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना एक कारगर तरीका हो सकता है। एक विरोधाभास की तरह लग सकता है पर ये सही है। लेकिन यह सुझाव देने के लिए पर्याप्त वैज्ञानिक प्रमाण है कि व्यायाम वास्तव में ड्रिप्रेशन से पीड़ित व्यक्तियों को बेहतर महसूस करवा सकता है। दरअसल 'टेक्सास विश्वविद्यालय' में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि सप्ताह में पांच दिन 30 मिनट भी मध्यम-गहन व्यायाम करना अवसाद के लक्षणों को लगभग आधे से कम कर सकता है।

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दरअसल एक्सरसाइज करने से आपके मस्तिष्क में एक सुखद हलचल होती है, जो कुछ अच्छे होर्मोन्स जैसे कि ऑक्सीटोसिन को रिलीज करने में मददगार साबित हो सकता है। वहीं इससे व्यक्ति के मूड और काम करने के तरीके पर भी प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा नियमित व्यायाम चिंता और अवसाद संवेदनशीलता को कम करता है, जो ऐसे व्यक्तियों के लिए बेहद जरूरी है। वहीं इसके कई अन्य प्रभाव भी हैं आइए जानते हैं इनके बारे में।

व्यायाम एक मूड बेहतर बनाता है

कभी आपने इस पर ध्यान देखा है कि दौड़ के बाद आप कैसा महसूस करते हैं? शोध से पता चलता है कि व्यायाम वास्तव में आपके मूड को हल्का करने के लिए पर्याप्त शक्तिशाली है। साइकोसोमैटिक मेडिसिन जर्नल द्वारा किए गए एक अध्ययन में, यह पाया गया कि अवसाद से पीड़ित लोग जो एंटीडिप्रेसेंट लेने के साथ-साथ काम कर रहे थे, उन्होंने एक्सरसाइज करना शुरू किया और धीरे-धीरे उन पर इसका असर दिखने लगा। इसके साथ ही व्यायाम से एंडोर्फिन नामक फील गुड हार्मोन रिलीज होता है, जिससे आप खुश और कम तनाव महसूस कर सकते हैं।

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लड़ाई वाले प्रतिक्रिया से जुड़े डर को कम करता है

घबराने पर अक्सर लोगों को चिंता से पसीना आने लगता है। इसके साथ ही चक्कर आना और दिल दौड़ना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि चिंता लोगों को सामान्य अनुभवों की लड़ाई को और बढ़ा देती है। दिमाग में कई सारी बातें एक साथ चलने लगती हैं। ऐसे में एक्सरसाइज करना इन तमाम सोचों पर एक रोक लगा सकती है।जर्नल डिप्रेशन एंड चिंता से 2008 के एक अध्ययन में कहा गया है कि नियमित व्यायाम चिंता और अवसाद संवेदनशीलता को कम करता है और लोगों को पसीना और दिल से जुड़े खतरे को भी कम करने में मदद करता है।

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थोड़ा सा व्यायाम भी है बहुत फायदेमंद

आपको अपने मानसिक स्वास्थ्य में अंतर देखने के लिए जरूरी नहीं है कि आप घंटों तक एक्सरसाइज करें। अमेरिकन जर्नल ऑफ साइकेट्री में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि हर हफ्ते सिर्फ एक घंटे का व्यायाम अवसाद को रोकने के लिए पर्याप्त हो सकता है। इसलिए 15 मिनट का डांस-आधारित व्यायाम या यहां तक कि रोजाना टहलना आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए परिवर्तन का एक शक्तिशाली तरीका बन सकता है।

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व्यायाम आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है

एक नए अध्ययन से पता चलता है कि व्यायाम न केवल वजन घटाने के लिए अच्छा है, बल्कि आत्म छवि को बेहतर बनाने में भी कारगर है। लगातार व्यायाम लक्ष्यों को पूरा करना, यहां तक कि छोटे भी, आपके आत्मविश्वास को बढ़ा सकते हैं। इस तरह के छोटे-छोटे लक्ष्यों को पूरा करने से आप खुद के बारे में भी बेहतर महसूस कर सकते हैं। वहीं ये आपको मानसिक शांति देगा,जोआपकी नींद को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

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