Study: स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने से बच्चों को हो रही है Dry Eye की समस्या, जानें इसके लक्षण

Dry Eye in Children: एक स्टडी के मुताबिक अगर लंबे समय तक बच्चा स्क्रीन का इस्तेमाल कर रहा है तो इससे उसमें ड्राई आई की समस्या हो सकती है।
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Study: स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने से बच्चों को हो रही है Dry Eye की समस्या, जानें इसके लक्षण

Side Effects of Using Screen for Children: आजकल छोटे बच्चों में खेलकूद करने की आदत कम हो रही है और मोबाइल का इस्तेमाल करने की आदत बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि शारीरिक गतिविधियां कम होने से बच्चों में बीमारियों का जोखिम तेजी से बढ़ रहा है। स्क्रीन पर लंबे समय तक समय बिताने की वजह से बच्चों की आंखों की रोशनी कम होने के साथ-साथ अब उनमें ड्राई आई की भी समस्या हो रही है। जी हां, अगर आपका बच्चा भी मोबाइल. टीवी या लैपटॉप की स्क्रीन के सामने अधिक समय बिता रहा है तो इससे आंखों से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं। 

हो सकती है ड्राई आई की समस्या 

हाल ही में BJ मेडिकल कॉलेज के वैज्ञानिकों द्वारा की गई एक स्टडी के मुताबिक लंबे समय तक बच्चा स्क्रीन का इस्तेमाल कर रहा है तो इससे बच्चों में ड्राई आई की समस्या हो सकती है। वैज्ञानिकों की मानें तो स्क्रीन पर 3 या 3:30 घंटे से ज्यादा तक समय बिताने से बच्चों में न केवल ड्राई आई, बल्कि रोशनी कम होने की भी समस्या हो सकती है। स्क्रीन का इस्तेमाल करने से धीरे-धीरे शरीर में मोटापा बढ़ने के साथ ही डायबिटीज का भी खतरा बढ़ने लग जाता है। आमतौर पर 10 से 12 साल के स्कूल के बच्चों में यह समस्या ज्यादा देखी जा रही है। 

आंखों में पानी की हो जाती है कमी 

जर्नल ऑफ ऑपथैल्मोलॉजी (Journal of ophthalmology) में प्रकाशित इस स्टडी के मुताबिक ज्यादा लंबे समय तक बच्चे अगर स्क्रीन को देखते हैं तो इससे उनकी आंखों में आंसू का उत्पादन कम हो जाता है यानि आंखों में आंसू कम हो जाते हैं। इस कारण बच्चों में ड्राई आई की समस्या हो सकती है। स्टडी में कुल 462 बच्चों को शामिल किया गया, जो नियमित तौर पर 3.5 घंटे से ज्यादा स्क्रीन देखते थे। स्टडी पूरी होने पर देखा गया कि 90 प्रतिशत बच्चे ड्राई आई की समस्या से पीड़ित थे। 

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बच्चों में ड्राई आई के लक्षण 

  • बच्चों में ड्राई आई होने पर कई बार धुंधला दिखाई देता है। 
  • इसके साथ ही, ड्राई आई होने पर आंखों की रोशनी भी कम हो सकती है। 
  • कुछ मामलों में बच्चे बार-बार पलकें झपकाते हैं और आंखें भी मलते हैं। 
  • ऐसे में बच्चों को किसी काम में ध्यान लगाने में कठिनाई हो सकती है। 

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