
बच्चों की आंखों में सूखापन होना कई गंभीर स्थितियों के कारण हो सकता है। इस स्थिति में आपको बिना देर किए उन्हें डॉक्टर को दिखाना चाहिए। यदि बच्चे की आंखे बार-बार सूख रही हैं, तो इसका पूरा ध्यान देने की जरूरत है। हालांकि कई बार ये समस्या किसी एलर्जी या आंखों में चोट लग जाने के कारण होती है। इससे बच्चों की आंखों में सूजन और लालिमा आ सकती है। इसके लिए आप कुछ घरेलू उपाय कर सकते हैं, जिससे उन्हें आराम मिल सकता है। बच्चों को आंखों के सूखेपन या पानी आने की समस्या से बचाने के लिए उनकी आंखों का ध्यान रखें। उन्हें अधिक देर तक टीवी या फोन चलाने की इजाजत न दें। इसके अलावा समय पर सोने और खाने-पीने की चीजों में विटामिन ए से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करने की कोशिश करें। आइए विस्तार से जानते हैं कि बच्चों की आंखों में सूखापन आने के क्या कारण और लक्षण होते हैं और इसका बचाव कैसे किया जा सकता है।
बच्चों में सूखी आँखों के कारण
बच्चों में सूखी आंखें क्यों होती हैं, इसके कई कारण हैं। आंखों में सूखापन चोट लगने, एलर्जी आंखों की ग्रंथियों में परेशानी, ऑटोइम्यून विकारों और तंत्रिका तंत्र संबंधी समस्याओं के कारण हो सकती है। हालांकि बच्चों की आंखों में सूखापन के अन्य कारण निम्नलिखित हैं।
1. मेइबोमियन ग्रंथि
पलकों पर छोटी ग्रंथियां तेल का उत्पादन करती हैं, जो आंसू के साथ मिलकर आंखों को नमी प्रदान करती है। आंखों में स्वस्थ नमी के लिए टियर फिल्म महत्वपूर्ण है। जब ये ग्रंथियां ठीक से काम नहीं कर रही होती हैं, तो या तो आंखों में पर्याप्त तेल का उत्पादन नहीं होता है या तेल की गुणवत्ता सही नहीं होती है। ग्रंथि के ठीक से काम न करने के कारण यह समस्या बच्चों में होती है।

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2. सामान्य एलर्जी
फूलों के परागकण से लेकर पालतू जानवरों की रूसी तक बहुत सारे सामान्य कारणों एलर्जी हो सकती है। इस तरह की एलर्जी के कारण बच्चों की आंखों में लालिमा, सूजन, जलन और खुजली हो सकती है।
3. ब्लेफेराइटिस
ब्लेफेराइटिस में बच्चों की पलकें सूज जाती है। यह डैंड्रफ जैसे फ्लेक्स का कारण बनती है और आंखों को सूखा बना सकती है।
4. दवाएं
बच्चे के जन्म से पहले मां के द्वारा गर्भ निरोधक दवाओं को इस्तेमाल के कारण ऐसा हो सकता है।। दरअसल हार्मोनल परिवर्तनों के कारण आंखों में नमी का स्तार प्रभावित हो सकता है। जिससे आंखों में सूखापन हो सकता है।
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बच्चों में सूखी आँखों के लक्षण
1. सूखापन और बेचैनी के कारण आँखें रगड़ना
2. आंखें गर्म और शुष्क महसूस होना
3. आँखों में पानी आना सकता है
4. आंखों का लाल होना
5. आंखों में जलन या चुभन महसूस होना।
6. बच्चों को देखने में परेशानी या धुंधला दिखना

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सूखी आंखों के लिए घरेलू उपचार
1. ऑनलाइन पढ़ाई या टीवी देखने के दौरान भी बच्चों को बार-बार ब्रेक लेने को कहें ताकि आंखों से सूखापन न आएं। बच्चे को हर 20 सेकेंड में अपने आंखों का फोकस एक जगह से दूसरी जगह ले जाने को प्रोत्साहित करें या आंखों को घूमाने या बंद करने को कहें।
2. बच्चों को मोबाइल या टीवी देखने की बजाय बाहर खेलने को कहें ताकि शारीरिक गतिविधियां बढ़ें।
3. नमी बढ़ाने के लिए इनडोर ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें।
4. अगर आपके बच्चों की आंखों में अधिक सूखापन महसूस हो रहा है, तो आप सोते समय पंखा बंद कर दें। इससे उनकी आंखों में नमी बनी रह सकती है।
5. आंखों में ग्रंथियों द्वारा उत्पादित तेल को बढ़ाने के लिए आंखों पर गर्म सूती कपड़े से सेंकने की कोशिश करें।
6. घर के अंदर के माहौल को ठंडा रखने की कोशिश करें क्योंकि अधिक गर्मी के कारण आंखों में जलन और खुजली बढ़ सकती है।
7. बच्चों के आहार में विटामिन की मात्रा बढ़ाएं और अधिक पानी पीने को प्रोत्साहित करें।
8. हालांकि किसी भी तरह की समस्या में बिना डॉक्टर की सलाह के किसी दवा का प्रयोग न करें। इससे बच्चे को नुकसान हो सकता है।

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डॉक्टर से कब दिखाएं
यदि बच्चे की आंखों में सूखापन, जलन, खुजली और लालपन दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
1. आंख का संक्रमण
2. बच्चे की आँख से मवाद जमा होना
3. आंख के आसपास लालिमा या सूजन
4. बुखार
5. बच्चे को देखने में परेशानी या धुंधला दिखना
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