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बच्चा झपकाता है बहुत ज्यादा पलकें? हो सकता है एक्सेसिव आई ब्लिंकिंग का संकेत

बच्चों की समस्याओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यदि आपका बच्चा भी बार-बार तेजी से पलकें झपकाता हैं तो जान लें कि ये एक बड़ी समस्या है। ऐसे में आपको जल्द ही किसी डॉक्टर से सलाह लेने की आवश्यकता पड़ सकती है। 
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बच्चा झपकाता है बहुत ज्यादा पलकें? हो सकता है एक्सेसिव आई ब्लिंकिंग का संकेत

अभिभावकों को अपने बच्चों की हर आदतों पर नज़र रखने की आवश्यकता होती है। छोटे बच्चे अपने आप से परेशानियों के बारे में बता पाने में अक्षम होते हैं, ऐसे में माता-पिता को ही उनकी परेशानियों को समझना पड़ता है। बच्चों में ज्यादा पलकें झपकाना भी एक ऐसी ही समस्या है। यदि आपका बच्चा भी बार बार पलके झपकता है तो आप इसे हल्के में ना लें। इसे एक्सेसिव ब्लिकिंग की समस्या कहते हैं। 

वैसे बच्चे एक मिनट में करीब चार बार पलकें झपकाते हैं। उम्र बढ़ने के साथ इनकी पलके झपकाने की दर बढ़ जाती है। टीनएज तक पलके झपकाने की दर कम से कम 14 से 17 बार प्रति मिनट तक पहुंच जाती है और वयस्‍क होने तक ये दर करीब 15 से 30 गुना तक बढ़ जाती है। इस समस्या पर हमने कॉल्बिया एशिया हॉस्पिटल के  ऑप्थैलमोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. अनंत वीर जैन से बात की, चलिए जानते हैं इस बारे में। 

बच्‍चों में अधिक पलकें झपकाने के कारण - Causes of excessive blinking in child

डॉ अनंत जैन के मुताबिक एक्सेसिव ब्‍लिंकिंग एक अनैच्छिक और नेचुरल रिफ्लेक्‍स है, जो आंखों को लुब्रीकेट और क्‍लीन करने का काम करता है। लाइट और डस्‍ट के संपर्क में आने पर बच्‍चा सामान्य से ज्यादा बार पलकों को झपका सकता है। कभी-कभी बच्‍चे किसी नई आदत या आई स्‍ट्रेन की वजह से भी अत्‍यधिक पलकें झपकातेहैं। अगर आपका बच्‍चा बहुत अधिक पलक झपकाता है तो इससे उसकी रोजाना की गतिविधियों पर भी प्रभाव पड़ सकताइसलिए आपको इसके कारणों के बारे में जरूर जानना चाहिए। इसके अलावा अगर बच्‍चा पलक झपकाते समय बेचैनी या दर्द महसूस करता है तो उसे आंखों की जांच के लिए डॉक्‍टर के पास ले जाना जरूरी हो जाता है।

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बच्‍चों में अत्‍यधिक पलक झपकाने के कुछ सामान्‍य कारण निम्‍नलिखित हो सकते हैं:

ओसीडी (OCD)

कंपल्सिव आई ब्‍लिंकिंग ऑब्‍सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (ओसीडी) का एक लक्षण हो सकता है। ऑब्‍सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर एक प्रकार की मानसिक बीमारी है। ऑब्‍सेसिव थॉट्स और कमपल्‍संस की वजह से ओसीडी की बीमारी होती है। ओसीडी के एपिसोड के दौरान बच्‍चा खुद को शांत करने के लिए अपने पलकें बहुत बार झपका सकता है। ओसीडी आई ब्‍लिंकिंग सामान्‍य तौर पर एक छोटे से अंतराल में अचानक हो सकती है।

टिक्‍स (Tics) 

मोटर टिक्‍स (बच्चों में कुछ आसान्य आदत जैसे मुंह बनाना, हाथ झटकना व कई बार पलके झपकाना) अक्‍सर असामान्य आई मूवमेंट्स के रूप में बच्चों को हो सकती है, जैसे बार-बार पलक झपकना। नींद की कमी या तनाव होने के कारण टिक्‍स की समस्‍या हो सकती है। 

excessive eye blinking

आई स्‍ट्रेन (Eye strain)

आंखों पर जोर पड़ने से बच्‍चे अक्‍सर बहुत ज्‍यादा पलकें झपकाते हैं। बहुत ज्‍यादा देर तक टीवी, कम्‍प्‍यूटर या फोन स्‍क्रीन को देखना या बहुत देर तक किताबें पढ़ने से बच्‍चों की आंखों में स्‍ट्रेन हो सकता है, जो बार बार पलकें झपकाने का कारण भी बन सकता है।

ड्राई आईज (Dry Eyes)

अगर आपका बच्‍चा आंखों में जलन की शिकायत करता है, या बार-बार रगड़ता है और जरूरत से ज्‍यादा पलकें झपकता है, तो ऐसा ड्राई आईज (आंखों में सूखेपन) के कारण हो सकता है। आखों में सूखेपन के कई कारणों से हो सकते हैं, जिसमें इम्‍यून डेफीशिएंसी या न्‍यूरोलॉजिक समस्‍या शामिल है। 

एलर्जी (Allergy)

एलर्जी के कारण से आपके बच्‍चे को छींक आने और नाक बहने की समस्या हो सकती है। इसकी वजह से बच्चे की आंखों पर एलर्जी भी हो सकती है और ये अत्‍यधिक पलकें झपकाने का कारण बन सकती है।

दिखने में समस्या होना (Vision issue)

कॉमन विजन प्रॉब्‍लम्‍स (देखने में सामान्य परेशानी) जैसे नियरसाइटेडनेस (पास की नजर) और फारसाइटेडनेस (दूर की नजर) में भी बच्चे अपना विजन सही करने के लिए बार-बार पलक झपकाने या आंखों को बार-बार रगड़ने का काम कर सकते हैं।

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कॉर्निया में परेशानी आना (Cornea issue)

आंख की कोर्निया पर आई लैशेज के झड़ने या खुजली महसूस होने से आखों में परेशानी हो सकती है और ये बच्‍चों में अत्‍यधिक पलकें झपकने का कारण बन सकती है।

ऊपर बताए गए किसी भी लक्षण के दिखाई देने पर आपको अपने बच्चे को बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए। 

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